5 साल में दिया 4903% तक रिटर्न, सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में बूम का फायदा उठा रही ये 3 कंपनियां; देखें पूरी लिस्ट
भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रहा है. साल 2024 में इसका बाजार 4.5 लाख करोड़ रुपये का था और साल 2030 तक इसके 8.9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने की उम्मीद है. निवेशकों के लिए तीन ऐसी कंपनियां हैं, जो सेमीकंडक्टर उद्योग में छिपे हुए रत्न हैं. ये कंपनियां चिप बनाने में सीधे शामिल नहीं हैं, लेकिन इनका योगदान महत्वपूर्ण है. आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते है.

3 Semiconductor Stocks: भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रहा है. साल 2024 में इसका बाजार 4.5 लाख करोड़ रुपये का था और साल 2030 तक इसके 8.9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने की उम्मीद है. भारत सरकार ने दिसंबर 2021 में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) शुरू किया, जिसमें चिप बनाने, डिजाइन करने और पैकेजिंग करने वाली कंपनियों को 76,000 करोड़ रुपये की मदद दी जा रही है. निवेशकों के लिए तीन ऐसी कंपनियां हैं, जो सेमीकंडक्टर उद्योग में छिपे हुए रत्न हैं. ये कंपनियां चिप बनाने में सीधे शामिल नहीं हैं, लेकिन इनका योगदान महत्वपूर्ण है. आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते है.
केन्स टेक्नोलॉजी (Kaynes Technology India Ltd)
केन्स टेक्नोलॉजी 30 साल से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में है. यह कंपनी ऑटोमोटिव, रक्षा, मेडिकल, रेलवे और IT जैसे क्षेत्रों के लिए प्रोडक्ट बनाती है. सेमीकंडक्टर के लिए इसकी सहायक कंपनी, केन्स सेमीकॉन, गुजरात के सानंद में 3,300 करोड़ रुपये की लागत से एक OSAT (आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट) प्लांट लगा रही है. यह प्लांट हर दिन 60 लाख चिप्स बनाएगा.

हाल ही में कंपनी ने अल्फा एंड ओमेगा सेमीकंडक्टर (AOS) के साथ पांच साल का समझौता किया है, इसमें पहले चरण की 60 फीसदी प्रोडक्शन AOS के लिए होगी. दूसरे चरण में 1,800 करोड़ रुपये के निवेश से और जटिल चिप्स बनाए जाएंगे. वित्तीय स्थिति की बात करें तो 2026 की पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा 96 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल से 49.9% ज्यादा है. ऑर्डर बुक 7,401 करोड़ रुपये की है, जो 46.9% की बढ़ोतरी दिखाती है. लेकिन कंपनी डिविडेंड नहीं देती, और इसका रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 11.5% है. शेयर की कीमत 129x P/E पर है, जो सेक्टर के औसत 37x से काफी ज्यादा है.
सीजी पावर (CG Power and Industrial Solutions Ltd)
सीजी पावर 86 साल पुरानी कंपनी है. यह 80 देशों में काम करती है. यह रेलवे, पावर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस देती है. यह मुरुगप्पा ग्रुप का हिस्सा है. मार्च 2024 में, सीजी पावर ने जापान की रेनेसस इलेक्ट्रॉनिक्स और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर सानंद, गुजरात में 7,600 करोड़ रुपये का OSAT प्लांट लगाने का प्रस्ताव रखा. यह प्लांट हर दिन 1.5 करोड़ चिप्स बनाएगा.
सीजी की इसमें 92.3% हिस्सेदारी है. यह प्लांट QFN, QFP, FC CSP और FC BGA जैसे चिप पैकेज बनाएगा, जो मोबाइल, ऑटोमोटिव, 5G और AI जैसे क्षेत्रों में इस्तेमाल होते हैं. सरकार ने इसके लिए 3,501 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. 2026 की पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा 267 करोड़ रुपये रहा, जो 10.8% की बढ़ोतरी है. रेवेन्यू 2,878 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सेमीकंडक्टर सेगमेंट से 108.5 करोड़ रुपये आए.

वीए टेक वाबैग (VA Tech Wabag Ltd)
वीए टेक वाबैग 100 साल पुरानी कंपनी है, जो पानी की साफ और डिसैलिनेशन में विशेषज्ञ है. यह 25 से ज्यादा देशों में काम करती है. सेमीकंडक्टर उद्योग में चिप बनाने के लिए अल्ट्रा प्योर वाटर (UPW) चाहिए, जो सामान्य पानी से हजारों गुना शुद्ध होता है. वाबैग अभी सेमीकंडक्टर कंपनियों को सीधे पानी नहीं दे रही, लेकिन गुजरात के दहेज प्लांट के कारण यह माइक्रॉन जैसे क्लाइंट्स को सप्लाई कर सकती है.
वाबैग ने हाल ही में बैंगलोर में 380 करोड़ रुपये का वेस्टवाटर ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट और सऊदी अरब में 2,332 करोड़ रुपये का डिसैलिनेशन प्रोजेक्ट हासिल किया है. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में गेल के लिए 360 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भी लिया है. साल 2026 की पहली तिमाही में कंपनी की बिक्री 734 करोड़ रुपये रही, जो 17.2% की बढ़ोतरी है. मुनाफा 66 करोड़ रुपये रहा, जो 20% ज्यादा है.

डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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