रेयर अर्थ पर सरकार का 7300 करोड़ का मेगा प्लान, अब इन 4 स्टॉक पर रखें नजर, दे चुके हैं 1000% तक रिटर्न

भारत सरकार ने रेयर अर्थ मैग्नेट के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए 7300 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है. इस योजना से रेयर अर्थ और मैग्नेट से जुड़ी भारतीय कंपनियों को फायदा होगा. इसी कड़ी में आइए, चार ऐसी कंपनियों के बारे में जानते हैं, जों रेयर अर्थ मैग्नेट से जुड़ी हैं और निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए.

रेयर अर्थ मैग्नेट Image Credit: Money 9 Live

Rare Earth Stocks: रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया था. ऑटोमोबाइल कंपनियों से लेकर टेक कंपनियों तक सभी प्रभावित नजर आए. इसी कड़ी में भारत सरकार ने रेयर अर्थ मैग्नेट के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए 7300 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है. इस योजना का लक्ष्य नियोडिमियम-प्रासियोडिमियम (NdPr) ऑक्साइड को नियोडिमियम-आयरन-बोरोन (NdFeB) मैग्नेट में बदलने की पूरी प्रक्रिया को देश में विकसित करना है. ये मैग्नेट ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, विंड एनर्जी और रक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए बहुत जरूरी हैं.

क्या है योजना की मुख्य बातें

यह योजना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में चीन ने सात रेयर अर्थ एलीमेंट और मैग्नेट के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है. अब इनके निर्यात के लिए लाइसेंस और उपयोग की जानकारी देनी होगी. इस स्थिति में भारत का यह कदम देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा. इस योजना से रेयर अर्थ और मैग्नेट से जुड़ी भारतीय कंपनियों को फायदा होगा. इसी कड़ी में आइए, चार ऐसी कंपनियों के बारे में जानते हैं, जों रेयर अर्थ मैग्नेट से जुड़ी हैं और निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए.

हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc)

हिंदुस्तान जिंक (HZL) भारत की सबसे बड़ी जिंक-लेड प्रोडक्शन कंपनी है और वेदांता समूह का हिस्सा है. यह कंपनी अब रेयर अर्थ मिनरल्स, खासकर नियोडिमियम की खनन और प्रोसेसिंग की ओर बढ़ रही है. नियोडिमियम का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) और रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम में मैग्नेट बनाने के लिए होता है.

हिंदुस्तान जिंक ने हाल ही में सरकार की क्रिटिकल मिनरल्स नीलामी में एक रेयर अर्थ ब्लॉक हासिल किया है. यह ब्लॉक गैर-रेडियोएक्टिव मोनजोनाइट डिपॉजिट है, जो सामान्यत इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड द्वारा खनन किए जाने वाले मोनजाइट से अलग है. कंपनी ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, चिली और चीन के एक्सपर्ट के साथ मिलकर AI और ड्रोन तकनीक से खनन को और बेहतर बनाने की योजना बना रही है.

GMDC

गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (GMDC) गुजरात में कोयला और बॉक्साइट खनन के लिए जानी जाती है. अब यह कंपनी रेयर अर्थ मिनरल्स की ओर बढ़ रही है. GMDC गुजरात के छोटा उदयपुर जिले में अंबाडुंगर में दुनिया के सबसे बड़े रेयर अर्थ डिपॉजिट्स में से एक को विकसित कर रही है. यहां से लाइट रेयर अर्थ एलिमेंट्स (LREE) जैसे नियोडिमियम, प्रासियोडिमियम, लैंथेनम और सेरियम निकाले जाएंगे. इनका इस्तेमाल EV मोटर्स, मैग्नेट, ग्लास और ऑप्टिकल कंपोनेंट्स में होता है. GMDC की योजना खनन से लेकर प्रोसेसिंग और मैग्नेट निर्माण तक की पूरी चेन बनाने की है. यह कंपनी भारत की रेयर अर्थ मैग्नेट योजना के लिए एक महत्वपूर्ण स्टॉक है.

NALCO

नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) मुख्य रूप से एल्युमिनियम प्रोडक्शन के लिए जानी जाती है, लेकिन अब यह क्रिटिकल मिनरल्स की ओर बढ़ रही है. NALCO ने खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) के साथ मिलकर अर्जेंटीना में पांच लिथियम खदानें हासिल की हैं. कंपनी ऑस्ट्रेलिया में लिथियम रिफाइनिंग और भारत में क्रिटिकल मिनरल ब्लॉक्स की नीलामी में भी हिस्सा लेने की योजना बना रही है.

NALCO गैलियम नामक एक और क्रिटिकल मिनरल निकालने पर काम कर रही है. यह गैलियम 2027 तक व्यावसायिक रूप से प्रोडक्शन होगा और यह NdFeB मैग्नेट की कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद करता है. NALCO दमनजोडी में एक प्रोटोटाइप सुविधा बना रही है, जो 8-9 महीनों में तैयार होगी. भारत की एकमात्र गैलियम निर्माता बनने की संभावना के साथ, NALCO एक आकर्षक निवेश ऑप्शन है.

सोना कोम्स्टार (Sona Comstar)

सोना कोम्स्टार ऑटोमोबाइल पार्ट्स, जैसे डिफरेंशियल गियर्स और स्टार्टर मोटर्स बनाने में माहिर है. अब यह कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए ट्रैक्शन मोटर्स और डिफरेंशियल असेंबली जैसे प्रोडक्ट्स पर ध्यान दे रही है. कंपनी ड्रोन, eVTOL, AGV, AMR और रोबोट्स के लिए भी पार्ट्स बना रही है. सोना कोम्स्टार भारत में रेयर अर्थ मैग्नेट का बड़ा आयातक है, जो ज्यादातर चीन से मैग्नेट आयात करता है. लेकिन अब यह कंपनी भारत में ही मैग्नेट प्रोडक्शन शुरू करने की योजना बना रही है. यह पहली भारतीय कंपनी है, जिसने सरकार की योजना के बाद स्थानीय मैग्नेट प्रोडक्शन की घोषणा की है. कंपनी टेस्ला और स्टेलेंटिस जैसे कार निर्माताओं को गियर्स और मोटर्स सप्लाई करती है.

डेटा सोर्स: BSE, Groww, Equity master

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