मुकेश अंबानी को 2 दिन में ₹69335 करोड़ का झटका, इसलिए टूट रहा RIL; क्या ऑयल नहीं है अब सोने का अंडा!
तिमाही नतीजों के बाद से ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. कंपनी के शेयर करीब साढ़े 3 फीसदी तक टूट गए. हालांकि कंपनी को तिमाही नतीजों में जोरदार मुनाफा हुआ था. अब निवेशकों के मन में सवाल ये है कि आख़िर ऐसा क्या हुआ कि रिकॉर्ड मुनाफे के बावजूद कंपनी के शेयर में गिरावट आई?

Reliance Industries Limited Share Price: रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries Limited – RIL) ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1FY26) में बड़ा तिमाही मुनाफा 30,783 करोड़ रुपये दर्ज किया है. यह मुनाफा सुनकर किसी को भी लगेगा कि कंपनी के शेयर आसमान छू रहे होंगे, लेकिन असल में ऐसा नहीं हुआ. तिमाही नतीजों के बाद से इसमें साढ़े 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई है, जिससे रिलायंस इंडस्ट्रीज के निवेशकों को करीब 69,335.86 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा. अब सवाल ये है कि आख़िर ऐसा क्या हुआ कि रिकॉर्ड मुनाफे के बावजूद कंपनी के शेयर में गिरावट आई?
कैसा रहा तिमाही रिजल्ट?
कंपनी का तिमाही मुनाफा जरूर रिकॉर्ड रहा, लेकिन इसका बड़ा हिस्सा एक “वन-टाइम गेन” यानी एक बार की आय से आया है. रिलायंस ने Asian Paints में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 8,924 करोड़ रुपये कमाए. इसके अलावा ब्याज और टैक्स में कमी ने भी मुनाफे को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. यानी कि यह मुनाफा कंपनी के मुख्य व्यवसाय से नहीं, बल्कि निवेश और लागत में कटौती से आया है.
मुख्य व्यवसाय की परफॉर्मेंस रही कमजोर
ऑयल-टू-केमिकल्स (O2C) के कमजोर प्रदर्शन ने भी इसका सेंटीमेंट बिगाड़ा. इशारा किया. ऑयल-टू-केमिकल (O2C) बिजनेस में ग्रोथ तो रही, लेकिन यह बाजार की उम्मीदों से कुछ कम रही. इसका कारण मुख्य रूप से पॉलिएस्टर मार्जिन में गिरावट और कुछ प्लांट्स के शटडाउन से उत्पादन में कमी रहा. वहीं, अपस्ट्रीम बिजनेस जैसे तेल और गैस उत्पादन में भी चुनौतियां रहीं. KG-D6 गैस फील्ड से गैस का उत्पादन 7 फीसदी गिरकर 26.6 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर प्रति दिन (mmscmd) रह गया, जबकि कंडेन्सेट प्रोडक्शन 16 फीसदी गिरकर 19,300 बैरल प्रतिदिन रह गया. हालांकि, गैस की औसत कीमत $10 प्रति mmbtu रही, जो सालाना 7.6 फीसदी ज्यादा थी.
रूसी ऑयल पर बैन! रिलायंस इंडस्ट्रीज को 66,000 करोड़ रुपये का झटका
यूरोपीय संघ (EU) ने अब किसी भी तीसरे देश से आने वाले रूसी तेल पर भी बैन लगा दिया है. यानी अब भारत जैसे देश, जो रूस से कच्चा तेल खरीदकर रिफाइन कर यूरोप को बेचते थे, वह रास्ता भी बंद हो गया है. इसका सीधा असर भारत की सबसे बड़ी रिफाइनिंग कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज पर पड़ा है. रिलायंस रूस से कच्चा तेल खरीदकर रिफाइन करता था और यूरोप को एक्सपोर्ट करता था.
Jefferies ने क्या कहा?
कंपनी का कुल EBITDA उनके अनुमान से 3 फीसदी कम रहा. O2C सेगमेंट 5 फीसदी और रिटेल सेगमेंट 4 फीसदी नीचे रहा. ब्रोकरेज ने कंपनी पर Buy रेटिंग बरकरार रखी है और 1,726 रुपये का टारगेट दिया है, लेकिन रिटेल में धीमी ग्रोथ को लेकर चिंता जताई.
Emkay Global
EBITDA में 5 फीसदी की कमी और एडजस्टेड प्रॉफिट में 7 फीसदी की कमी बताई. O2C और रिटेल दोनों ही अपेक्षा से पीछे रहे.
Motilal Oswal
रिटेल बिजनेस का EBITDA उनके अनुमान से 7 फीसदी कम रहा. रिटेल की रेवेन्यू ग्रोथ 11 फीसदी रही जबकि बाजार की उम्मीद 16 फीसदी थी. O2C बिजनेस की भी तिमाही तुलना में 4 फीसदी गिरावट रही और अनुमान से 8 फीसदी कम रहा.
Systematix Institutional Equities
ब्रोकरेज हाउस Systematix Institutional Equities ने रिलायंस के शेयर के लिए BUY रेटिंग दी है साथ ही इसका टारगेट प्राइस 1,680 रुपये दिया है.
RIL के शेयरों का हाल

- 22 जुलाई को बाजार खुलने से पहले RIL के शेयरों का भाव 1,415 रुपये था.
- बीते एक महीने में इसमें 2.60 फीसदी की गिरावट रही है.
- हालांकि एक साल में इसने निवेशकों को करीब 7 फीसदी की नेगेटिव रिटर्न दिया है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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