ये हैं 2025 की टॉप 10 यूनिकॉर्न कंपनियां, लिस्ट में Zepto-OYO भी शामिल; महिलाओं ने भी गाड़े झंडे
साल 2025 में भारत के युवा उद्यमियों ने दिखा दिया कि उम्र और संसाधनों की कमी सपनों को रोक नहीं सकती. आदित पालिचा, कैवल्य वोहरा, रितेश अग्रवाल और रुचि कालरा जैसे फाउंडर नई पीढ़ी के लिए मिसाल हैं. भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है, बल्कि दुनिया को भी दिखा रहा है कि भारत में नई सोच और जोश की कोई कमी नहीं है.
Top 10 Unicorn: भारत में स्टार्टअप की दुनिया तेजी से बढ़ रही है. ASK Private Wealth और Hurun India की 2025 की ‘Unicorn and Future Unicorn Report’ के मुताबिक, भारत में 73 यूनिकॉर्न हैं. इसके अलावा, 150 ऐसी कंपनियां हैं जो अगले तीन से पांच साल में यूनिकॉर्न बन सकती हैं. ये कंपनियां 2000 के दशक में शुरू हुईं और उनकी कीमत कम से कम 1710 करोड़ रुपये है. इस साल 11 नई कंपनियां यूनिकॉर्न बनीं, जिनमें कंज्यूमर टेक कंपनी ग्लांस ने सिर्फ एक साल में 1.8 बिलियन डॉलर की कीमत हासिल की.
निवेशकों का बढ़ता भरोसा और रोजगार
साल 2021 में जहां 182 निवेशक स्टार्टअप में पैसा लगा रहे थे, वहीं साल 2025 में यह संख्या बढ़कर 1014 हो गई. Peak XV Partners ने 42 स्टार्टअप में निवेश करके सबसे आगे है. इन कंपनियों ने रोजगार भी बढ़ाया है. अब इनमें 1.67 लाख लोग काम करते हैं, जो पहले की तुलना में लगभग दोगुना है. भारत के सबसे युवा यूनिकॉर्न फाउंडर 22 साल के आदित पालिचा और कैवल्य वोहरा हैं. इन्होंने जेप्टो की शुरूआत की थी. ये दोनों न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के सबसे युवा यूनिकॉर्न फाउंडर में शामिल हैं. इसके अलावा, भारतपे के 26 साल के शाश्वत नक्रानी भी इस सूची में हैं. 30 साल की उम्र के आसपास के फाउंडर में क्रेडजेनिक्स के आनंद अग्रवाल और ऋषभ गोयल, जार के मिस्बाह अशरफ, कुकुएफएम के विकास गोयल, ओयो के रितेश अग्रवाल और सीखो के कीर्ति अग्रवाल व यश बनवानी शामिल हैं.
सबसे कीमती स्टार्टअप और सेक्टर
डिटेल | जानकारी |
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टॉप तीन यूनिकॉर्न कंपनियां | 1) जेरोधा: 8.2 बिलियन डॉलर 2) रेजरपे: 7.5 बिलियन डॉलर 3) लेंसकार्ट: 7.5 बिलियन डॉलर |
प्रमुख सेक्टर | 1) फिनटेक: 19 कंपनियां, कुल कीमत 50.1 बिलियन डॉलर 2) ई-कॉमर्स: 12 कंपनियां, कुल कीमत 33.1 बिलियन डॉलर |
शिक्षण संस्थानों का योगदान | 1) आईआईटी दिल्ली: 42 अंडरग्रेजुएट फाउंडर 2) आईआईएम अहमदाबाद: 27 पोस्टग्रेजुएट फाउंडर |
सबसे युवा फाउंडर | आदित पालिचा और कैवल्य वोहरा (जेप्टो) |
प्रमुख महिला फाउंडर | 1) रुचि कालरा: ऑफबिजनेस और ऑक्सीजो 2) विनीता सिंह: शुगर कॉस्मेटिक्स 3) गरिमा साहनी: प्रिस्टिन केयर |
नीतिगत प्रभाव | 2025 के ऑनलाइन गेमिंग बिल के कारण ड्रीम11, एमपीएल, गेम्सक्राफ्ट, गेम्स24×7, जुपी, और विंजो यूनिकॉर्न लिस्ट से बाहर |
प्रमुख स्टार्टअप शहर | 1) बेंगलुरु: 26 यूनिकॉर्न, कुल कीमत 70 बिलियन डॉलर 2) दिल्ली-एनसीआर: 12 यूनिकॉर्न 3) मुंबई: 11 यूनिकॉर्न |
कैसे बने ये युवा इतने सफल?
जेप्टो के आदित और कैवल्य ने कम उम्र में ही ऑनलाइन किराना डिलीवरी को आसान बनाकर लाखों लोगों का भरोसा जीता. उनकी कंपनी अब अरबों रुपये की है. इसी तरह, रितेश अग्रवाल ने ओयो के जरिए होटल बुकिंग को सस्ता और आसान बनाया. शाश्वत नक्रानी ने भारतपे के जरिए छोटे दुकानदारों को डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी. इन युवाओं ने नई सोच और मेहनत से अपनी कंपनियों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
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