दो दोस्‍तों ने चटनी बेचकर खड़ा किया करोड़ों का बिजनेस, यूके, यूएस तक बनाई पहचान

चेन्‍नई के दो दोस्‍तों प्रसन्ना नटराजन और श्रेयस राघव ने घर में रोजाना इस्‍तेमाल होने वाली चटनी को ही अपने कारोबार का हिस्‍सा बना लिया. उन्‍होंने महज 5 मिनट में तैयार होने वाली चटनी बनाई और अपनी इस कंपनी का नाम उन्‍होंने चटनीफाई (Chutnefy) रखा.

चटनीफाई के फांउडर प्रसन्‍नना और श्रेयस की सफलता की कहानी

Success Story: कहते हैं कुछ करने का जज्‍बा हो तो एक छोटा-सा आईडिया ही आपकी जिंदगी बदल सकता है. ऐसा ही कुछ चेन्‍नई के दो दोस्‍तों प्रसन्ना नटराजन और श्रेयस राघव के साथ भी हुआ. उन्‍होंने घर में रोजाना इस्‍तेमाल होने वाली चटनी को ही अपने कारोबार का हिस्‍सा बना लिया. उन्‍होंने लेडीजों के सबुह की नाश्‍ते की टेंशन को दूर करने से लेकर वर्किंग प्रोफेशनल्‍स और हॉस्‍टल में रहने वाले स्‍टूडेंट्स के खाने में जायके को शामिल किया. इसके लिए उन्‍होंने महज 5 मिनट में तैयार होने वाली चटनी बनाई और अपनी इस कंपनी का नाम उन्‍होंने चटनीफाई (Chutnefy) रखा.

कई तरह के फ्लेवर वाली इस चटनी को प्रसन्‍नना और श्रेयस ने पूरी तरह से पारंपरिक तरीके से बनाया, जिससे बाहर रहने वालों को ये बिल्‍कुल घर का स्‍वाद दे सके. प्रसन्‍ना और उनके दोस्‍त ने मिलकर साल 2022 में चटनीफाई (Chutnefy) ब्रांड की शुरुआत की थी. शुरुआती दौर में उन्‍होंने लोकल स्‍तर पर ये काम शुरू किया, बाद में धीरे-धीरे उनका कारोबार बड़ा हो गया. अब उनके ब्रांड की चटनी के दीवाने अमेरिका, यूके और जर्मनी तक हैं. प्रसन्‍नना और श्रेयस की कोशिश रहती है कि सभी चटनियां ताजी और स्वादिष्ट हों, साथ ही इसे बिल्‍कुल घर में बने चटनी की तरह ही तैयार किया जाए.

5 मिनट में तैयार होती है घर जैसी चटनी

प्रसन्‍ना और श्रेयस ने एक इंटरव्‍यू में बताया कि उनकी कंपनी की चटनियां बिल्कुल घर में बनी चटनी जितनी ही बेहतर हैं. इसे सिर्फ 5 मिनट में तैयार किया जा सकता है. इसमें महज पानी मिलाकर घोलना होता है. बाकी सारी सामग्री इसमें पैकेट में पहले से मिली होती है. उनका दावा है कि वे अपने प्रोडक्‍ट में प्रिसरवेटिव का इस्‍तेमाल नहीं करते हैं, इसलिए इसे महज 12 महीनों के लिए ही रखा जा सकता है. कंपनी वर्तमान में मूंगफली की चटनी, मसालेदार प्याज, करी पत्ते समेत 14 तरह की चटनियां बेचते हैं.

कहां तक फैला कारोबार?

चटनीफाई के फाउंडर्स के मुताबिक उन्‍होंने बिजनेस की शुरुआत में तमिलनाडु के अम्बटूर में एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर खोला. उन्‍होंने वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों तथा पाक विशेषज्ञों की एक टीम बनाई, जिन्‍होंने चटनी बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने का तरीका ढूंढ़ा. इसके बाद कारोबार को आगे बढ़ाया. द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चटनीफाई ब्रांड हर महीने 50 लाख रुपए यानी सालाना 6 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हासिल कर रहा है. उनके चटनी की डिमांड विदेशों तक में है.