चंडीगढ़ में कारोबारी से ट्रेडिंग के नाम पर 22 लाख रुपये की ठगी, मैसेजिंग ऐप्स के जरिए बनाया शिकार; ऐसे रहें सेफ
चंडीगढ़ में एक व्यापारी को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया गया. ठगों ने उससे 22 लाख 34 हजार 607 रुपये लूट लिए. यह धोखा सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए हुआ. चंडीगढ़ के सेक्टर 29-डी में रहने वाले मनोज मल्होत्रा एक व्यापारी हैं. 22 जून को उन्हें फेसबुक पर ज्योतिका दिलैक नाम की एक महिला से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई.
Cyber Crime: चंडीगढ़ में एक व्यापारी को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया गया. ठगों ने उससे 22 लाख 34 हजार 607 रुपये लूट लिए. यह धोखा सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए हुआ. ठगों ने व्यापारी को झूठा ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कीम में फंसाया और उसका पैसा हड़प लिया. इस घटना से हमें सावधान रहने की जरूरत है. आइए, इस मामले के बारे में विस्तार से जानते है और खुद को ऐसी ठगी से कैसे बचाएं.
क्या हुआ था?
चंडीगढ़ के सेक्टर 29-डी में रहने वाले मनोज मल्होत्रा एक व्यापारी हैं. 22 जून को उन्हें फेसबुक पर ज्योतिका दिलैक नाम की एक महिला से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई. उसने बताया कि वह शिमला की है, लेकिन हैदराबाद में रहती है. उसने कहा कि वह भी मनोज की तरह व्यापार करती है. उसने मनोज को अपने कथित गुरु संजीव भटनागर से मिलवाया, जो कथित तौर पर ट्रेडिंग में माहिर थे. संजीव ने मनोज को एक टेलीग्राम ग्रुप ‘ट्रेडिंग जी32’ में जोड़ा. वहां मनोज को ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइट्स के जरिए निवेश करने के लिए उकसाया गया. ठगों ने मनोज को लालच दिया कि उनकी वेबसाइट पर निवेश करने से बहुत मुनाफा होगा. मनोज ने उनके झांसे में आकर पैसे निवेश किए.
कैसे ठगा गया?
ठगों ने मनोज के ऑनलाइन खाते में बड़ा मुनाफा दिखाया. उनके खाते में करीब 52,350 अमेरिकी डॉलर (लगभग 43 लाख रुपये) का बैलेंस दिख रहा था. लेकिन जब मनोज ने यह पैसा निकालने की कोशिश की, तो ठगों ने उनके खाते को फ्रीज कर दिया. उन्होंने मनोज से कहा कि खाता खोलने के लिए 12 लाख रुपये और देने होंगे. इसके अलावा, ठगों ने मनोज से कई बार अलग-अलग बहानों से पैसे मांगे. जैसे, ‘चैनल अपग्रेडेशन फी’, ‘यूएस टैक्सेशन’, और ‘क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजैक्शन फी’.
मनोज ने कई बैंकों में ठगों के खातों में कुल 22 लाख 34 हजार 607 रुपये ट्रांसफर कर दिए. लेकिन अंत में उन्हें कुछ नहीं मिला. मनोज ने इसकी शिकायत चंडीगढ़ के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में की. पुलिस ने ठगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया. पुलिस अब इसकी जांच कर रही है.
खुद को ठगी से कैसे बचाएं?
- सोशल मीडिया पर अनजान लोग जो दोस्ती का दिखावा करें या जल्दी अमीर बनाने का वादा करें, उनसे सावधान रहें.
- कोई भी ट्रेडिंग वेबसाइट या ऐप इस्तेमाल करने से पहले उसकी सच्चाई जांचें. SEBI से रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म ही चुनें.
- अगर कोई ‘टैक्स’, ‘फी’ या ‘अपग्रेडेशन’ के नाम पर पैसे मांगे, तो पहले पूरी जानकारी लें. बिना जांचे पैसे न भेजें.
- बहुत ज्यादा मुनाफे का वादा करने वाली स्कीम्स ज्यादातर झूठी होती हैं. लालच में न आएं.
- अपने बैंक खाते, पासवर्ड, या OTP जैसी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें.
- अगर आपको ठगी का शक हो, तुरंत 1930 पर कॉल करें या नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत करें.
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