राजस्थान में बड़ा साइबर रैकेट का खुलासा, सामने आया 500 करोड़ रुपये का म्यूल अकाउंट फ्रॉड; Axis बैंक का कर्मचारी भी गिरफ्तार
राजस्थान पुलिस ने अलवर में एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट का खुलासा किया है, जिसमें 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम mule accounts के जरिये ट्रांसफर की गई. पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक्सि बैंक का कर्मचारी भी शामिल हैं. छापेमारी में ATM, SIM कार्ड और नकद बरामद हुआ.

Cyber fraud racket: राजस्थान पुलिस ने अलवर में एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह म्यूल अकाउंट बेचकर देशभर के साइबर अपराधियों को मदद कर रहा था. पुलिस ने छापेमारी कर 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक्सिस बैंक के 4 कर्मचारी भी शामिल हैं. जांच में सामने आया कि इस गिरोह ने नकली डॉक्यूमेंट्स के जरिए सैकड़ों करंट और कॉर्पोरेट अकाउंट खोले और उन्हें अपराधियों को बेच दिया. इन खातों के जरिये अब तक 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की जा चुकी है.
पुलिस को छापे में क्या मिला
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में सबूत बरामद किए. इसमें 26 एटीएम कार्ड, 33 मोबाइल फोन, 34 सिम कार्ड, 2.5 लाख रुपये नकद, कई चेकबुक और पासबुक के साथ दो कारें शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि इन अकाउंट्स को व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिये बेचा जा रहा था. अपराधी इन्हें नए मोबाइल नंबर और फर्जी एप्स से जोड़कर इंटरनेट बैंकिंग के जरिये बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करते थे.
एक्सिस बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत
इस रैकेट में एक्सिस बैंक के कर्मचारियों की भूमिका भी सामने आई है. गिरफ्तार कर्मचारियों में साहिल अग्रवाल, गुलशन पंजाबी, आसु शर्मा और आंचल जाट शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक ये सभी नकली डॉक्यूमेंट्स के आधार पर करंट अकाउंट खोलते थे और फिर इन्हें बिचौलियों को सौंप देते थे. बिचौलिए इन खातों को साइबर अपराधियों को बेचते थे, जिससे अपराधियों को सीधे बैंकिंग सिस्टम तक पहुंच मिल जाती थी.
रैकेट का बड़ा नेटवर्क और नुकसान
पुलिस की जांच में सामने आया कि यह कोई छोटा गिरोह नहीं था. अब तक 500 करोड़ रुपये इन म्यूल अकाउंट्स से होकर गुजर चुके हैं. नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर ऐसे खातों से जुड़ी 4000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हैं. फिलहाल 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी सीधे इस रैकेट से जुड़ी पाई गई है. इस खुलासे ने बैंकिंग सिस्टम और ग्राहकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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क्या होते हैं म्यूल अकाउंट और क्यों खतरनाक
साइबर अपराध की दुनिया में म्यूल अकाउंट सबसे अहम हथियार होते हैं. इन्हें अपराधी चोरी का पैसा ट्रांसफर करने के लिए अस्थायी पाइपलाइन की तरह इस्तेमाल करते हैं. इन अकाउंट्स से रकम कई बार इधर उधर करने के बाद असली अपराधी तक पहुंचना लगभग नामुमकिन हो जाता है. खासतौर पर जब बैंक के अंदर से ही मदद मिले तो ऐसे रैकेट और भी खतरनाक हो जाते हैं.
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