Facebook पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर हो रहा फर्जीवाड़ा, पहले दोस्ती फिर जालसाजी, ऐसे रहें सेफ
फेसबुक पर एक अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट आपकी डिजिटल दुनिया में सुराख बन सकती है. देशभर में ऐसे ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जहां हैकर्स दोस्ती का हाथ बढ़ाकर यूजर्स की निजी जानकारी हासिल कर लाखों का फ्रॉड कर रहे हैं. एक क्लिक आपको भारी पड़ सकता है, सतर्क रहें.
Facebook friend request scam: जरा सोचिए, आपको फेसबुक पर एक अनजान व्यक्ति की ओर से फ्रेंड रिक्वेस्ट आए और वो आपकी जेब खाली कर दे. यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है. इन दिनों ऐसा हो रहा है. दोस्ती का यह हाथ आपकी निजी जिंदगी को हैकर्स और ठगों के लिए पूरी तरह खोल सकती है. देशभर में सोशल मीडिया ठगी का यह नया और खतरनाक तरीका तेजी से पांव पसार रहा है, जहां फ्रेंडली प्रोफाइल पिक्चर के पीछे छुपे साइबर अपराधी आपकी फ्रेंडलिस्ट तक पहुंचकर आपको और आपके करीबियों को निशाना बना रहे हैं. यह सिर्फ एक रिक्वेस्ट नहीं, आपकी डिजिटल दुनिया में एक सुराख है, जिसके जरिए लाखों का फ्रॉड हो रहा है.
पहले दोस्ती फिर जालसाजी
गृह मंत्रालय की वेबसाइट साइबर दोस्त के अनुसार, साइबर जालसाज पहले दोस्ती करते हैं और आपके Facebook पेज के साथ ही आपत्तिजनक तस्वीरें लगाकर आपसे ठगी करते हैं. इस धमकी के साथ कि पैसे दो वरना इन्हें वायरल कर देंगे. एक पीड़िता/पीड़ित ने साइबर दोस्त को बताया कि रात को Facebook पर फ्रेंड रिक्वेस्ट आई. मैंने एक्सेप्ट कर ली.
नंबर भी एक्सचेंज हो गए. एक अश्लील वीडियो कॉल आई. फिर वो 4000 रुपये मांगने लगे. मैंने दे दिए. वो और मांगने लगे. मैंने नंबर ब्लॉक कर दिया. तो फिर सुबह किसी ने साइबर क्राइम पुलिस के नाम पर कॉल कर मामला सुलझाने के लिए 25,000 रुपये मांगे. मैंने 21,300 रुपये तो दे दिए लेकिन वो 50,000 रुपये मांगने लगा. तब मैंने पुलिस को शिकायत की.
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फेसबुक ठगी से खुद को कैसे बचाएं?
फेसबुक पर अजनबियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार करना आपको भारी पड़ सकता है. ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए इन बातों का रखें ध्यान-
- अजनबियों को रिक्वेस्ट स्वीकार न करें: केवल उन्हीं लोगों को अपनी फ्रेंडलिस्ट में शामिल करें, जिन्हें आप व्यक्तिगत रूप से जानते हैं.
- प्रोफाइल को प्राइवेट रखें: अपनी प्रोफाइल की प्राइवेसी सेटिंग्स में जाकर अपनी पोस्ट, फोटो और व्यक्तिगत जानकारी (जैसे फोन नंबर, ईमेल, जन्मतिथि) को केवल ‘फ्रेंड्स’ के लिए ही दिखने दें.
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू करें: यह सबसे जरूरी कदम है. इससे आपके अकाउंट में लॉगिन करने के लिए पासवर्ड के अलावा एक कोड की भी जरूरत होगी, जो आपके फोन पर आएगा.
- लिंक पर क्लिक करने से बचें: अगर किसी फ्रेंड ने भी कोई शक्की लिंक भेजा है, तो उस पर क्लिक करने से पहले उस व्यक्ति से फोन पर पुष्टि जरूर कर लें.
- निजी जानकारी शेयर ना करें: किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना पर्सनल डिटेल, बैंकिंग जानकारी या OTP कभी ना बताएं.
- संदेह होने पर रिपोर्ट करें: किसी भी शक्की प्रोफाइल या मैसेज को फेसबुक पर रिपोर्ट करना ना भूलें. इससे प्लेटफॉर्म उस पर कार्रवाई कर सकता है.
यहां करें शिकायत
अगर आप ऑनलाइन ठगी या साइबर अपराध के शिकार हुए हैं, तो नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के जरिए दो मुख्य तरीकों से शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आप हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सीधे कॉल करके साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आप cybercrime.gov.in पर जाकर भी ठगी को रिपोर्ट कर सकते हैं.
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