साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ही हुआ ठगी का शिकार, ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम में गंवाए 73 लाख, जानें कैसे हुआ फ्रॉड

जब साइबर ठगी से बचाने वाला एक्सपर्ट ही ठगों का शिकार बन जाए, तो स्थिति डरावनी हो जाती है. पुणे के एक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट को ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड में 73 लाख रुपये का नुकसान हुआ. एक महीने में फर्जी ट्रेडिंग स्कीम ने उसे फंसाया. जालसाज हाई रिटर्न का लालच देकर व्हाट्सएप ग्रुप और फर्जी ऐप से ठगी करते हैं.

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Online Trading Cyber Fraud: जब साइबर ठगी से बचाने वाले एक्सपर्ट ही ठगों का शिकार हो जाएं, तो स्थिति बहुत डरावनी हो जाती है. आपने पहले कई बार हाई रिटर्न के नाम पर होने वाली साइबर ठगी के बारे में सुना होगा. जालसाज लोगों के पैसे दोगुना करने का लालच देकर फंसाते हैं. ताजा मामला महाराष्ट्र के पुणे का है. पुणे में एक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट को ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड में 73 लाख रुपये का नुकसान हुआ. यह ठगी एक महीने में हुई. फर्जी ट्रेडिंग स्कीम के जरिए एक साइबर एक्सपर्ट को ठगा गया.

कैसे हुआ फ्रॉड?

शिकायत पुणे सिटी के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई. पीड़ित एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है. उसे एक फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप से ठगा गया. वह एक व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ा जहां हाई रिटर्न स्टॉक टिप्स दिए जाते थे. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में शिकायतकर्ता को एक इंटरनेशनल नंबर से मैसेज आया. मैसेज में एक लिंक था. लिंक क्लिक करने पर वह 100 से ज्यादा सदस्यों वाले व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ गया. कई सदस्य बड़े मुनाफे के स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे थे. ये मुनाफे ग्रुप की ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से बताए जा रहे थे.

ग्रुप एडमिन ने उसे एक फॉर्म भरने को कहा. फिर एक ट्रेडिंग ऐप में लॉगिन करने को कहा. ऐप में प्रॉफिटेबल स्टॉक्स की टिप्स देने का वादा था. 8 अगस्त से 1 सितंबर तक पीड़ित ने 55 ट्रांसफर किए. कुल 73.69 लाख रुपये दिए. ये पैसे चेन्नई, उल्हासनगर (ठाणे), भद्रक (ओडिशा), फिरोजपुर (पंजाब), पिंपरी-चिंचवाड़ और गुरुग्राम जैसे जगहों के मुले अकाउंट्स में गए.

मुनाफे का पैसा नहीं निकाल पाए एक्सपर्ट

ऐप में 2.33 करोड़ रुपये की कमाई दिखाई गई. जब पीड़ित ने पैसे निकालने की कोशिश की तो उसे 10 फीसदी टैक्स पहले देने को कहा गया. तब उसे ठगी का एहसास हुआ. उसने पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने सोमवार को FIR दर्ज की. महाराष्ट्र में साइबरक्राइम पुलिस स्टेशन जैसे पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ में ऐसे ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम पिछले ढाई साल में बढ़े हैं. फ्रॉड करने वाले ट्रेडिंग टिप्स, वर्चुअल लेक्चर और हाई रिटर्न वाली मोबाइल ऐप्स से लोगों को फंसाते हैं.

SEBI की चेतावनी

पिछले साल फरवरी में सेबी ने एक एडवाइजरी जारी की थी. इसमें निवेशकों को चेतावनी दी गई. फ्रॉड करने वाले ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स, सेमिनार और मेंटरशिप प्रोग्राम से फंसाते हैं. वे व्हाट्सएप या टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया और लाइव ब्रॉडकास्ट का इस्तेमाल करते हैं. सेबी रजिस्टर्ड फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर के कर्मचारी या एफिलिएट बनकर लोगों को ऐप डाउनलोड करने को कहते हैं. ये ऐप शेयर खरीदने, IPO सब्सक्राइब करने और इंस्टीट्यूशनल अकाउंट बेनिफिट्स देने का वादा करते हैं. ये सब बिना ऑफिशियल ट्रेडिंग या डीमैट अकाउंट के होते हैं. ये स्कीम फर्जी नामों से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों से चलाई जाती हैं.

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