सावधान! आपका NRI दोस्त हो सकता है साइबर ठग , ठगी से ऐसे बचें, सरकार ने जारी की चेतावनी

साइबर अपराधी अब लोगों को ठगने के लिए NRI का नकली रूप धारण कर रहे हैं. ये ठग सोशल मीडिया पर विश्वास जीतकर नकली कंपनियों के शेयरों में निवेश, कस्टम पर फंसने या गिफ्ट का लालच देते हैं और पैसा हड़प कर गायब हो जाते हैं. गृह मंत्रालय ने ऐसे फ्रॉड के प्रति लोगों को आगाह किया है और सतर्क रहने की सलाह दी है.

NRI Cyber Fraud: साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का एक नया तरीका ईजाद किया है. ये ठग खुद को गैर-निवासी भारतीय यानी NRI बताकर और नकली कंपनियों में निवेश, कस्टम पर फंसे होने और गिफ्ट देने जैसे हथकंडे अपनाकर लोगों की जेब खाली करते हैं. गृह मंत्रालय ने इस तरह की ठगी को लेकर चेतावनी दी है और लोगों से इस तरह से फ्रॉड में विश्वास करने से बचने की सलाह दी है.

ऐसे होती है ठगी

जालसाज लोगों को कैसे ठगते हैं, ये समझने के लिए आप नीचे चार बिंदुओं को पढ़ें. पहले साइबर चोर आपका विश्वास जीतते हैं, फिर धीरे-धीरे आपको अपने नियंत्रण में करते हैं. जब आप उनके चंगुल में फंस जाते हैं तो आपका पैसा लेकर गायब हो जाते हैं.

फर्जी संपर्क और विश्वास – ठग सोशल मीडिया, व्हाट्सएप या डेटिंग ऐप्स के जरिए संपर्क करते हैं. वे खुद को एक सफल NRI बिजनेसमैन या निवेशक के रूप में पेश करते हैं और धीरे-धीरे पीड़ित का विश्वास हासिल करते हैं.

निवेश का लालच – विश्वास कायम होने के बाद, वे पीड़ित को एक विशेष अवसर के तहत किसी कंपनी (जैसे ‘ब्लैक सिल्वर’) के प्री-आईपीओ (IPO से पहले) शेयर या ‘रेस्ट्रिक्टेड शेयर’ खरीदने का प्रस्ताव देते हैं. उनका दावा होता है कि ये शेयर जल्द ही शेयर बाजार में सूचीबद्ध होंगे और इनकी कीमत आसमान छूएगी.

पैसे ट्रांसफर कराना – ठग पीड़ित को एक फर्जी ट्रेडिंग पोर्टल या लिंक पर ले जाते हैं, जो असली जैसा दिखता है. पीड़ित उत्साह में आकर बड़ी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कर देता है.

गायब हो जाना – एक बार पैसा ट्रांसफर होने के बाद, ठग अपने फोन नंबर बंद कर देते हैं, सोशल मीडिया अकाउंट हटा देते हैं और फर्जी वेबसाइट/ऐप को एक्सेस नहीं होने देते. पीड़ित का पैसा और उसका संपर्क करने वाला दोस्त दोनों गायब हो जाते हैं.

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बचाव के तरीके

ऐसे किसी भी व्यक्ति पर विश्वास न करें जो आपको सोशल मीडिया या मैसेजिंग ऐप्स पर अचानक मिलता है और निवेश की बात करता है.

  • तेज कमाई, गारंटीड रिटर्न या सीक्रेट टिप जैसे वादों से सावधान रहें. शेयर बाजार में ऐसा कोई शॉर्टकट नहीं होता.
  • किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले, उसके बारे में SEBI (सेबी) और स्टॉक एक्सचेंजों (BSE/NSE) की आधिकारिक वेबसाइटों पर जाकर पुष्टि जरूर करें.
  • अनजान स्रोतों से मिले लिंक्स या QR कोड्स पर क्लिक करने से बचें. ये फर्जी वेबसाइट्स या मैलवेयर की ओर ले जा सकते हैं.
  • किसी को भी अपना बैंक डिटेल्स, पैन कार्ड, आधार नंबर या ओटीपी कभी न बताएं.

यदि ठगी हो जाए तो क्या करें?

यदि आप इस तरह की साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं तो राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर कॉल करें. इस नंबर पर फोन करके आप फ्रॉड की रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं और अपने पैसे को फ्रीज करवाने की कोशिश कर सकते हैं. यह हेल्पलाइन 24×7 उपलब्ध है. आधिकारिक वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें. cybercrime.gov.in` पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और उन्हें लेन-देन के बारे में बताएं ताकि वे आगे की कार्रवाई कर सकें. स्थानीय पुलिस में एफआईआर दर्ज कराएं.