2030 तक गांव-गांव फैलेगा 5G और फाइबर नेटवर्क का जाल, 10 लाख नौकरियों का भी मौका, तैयार हुआ रोडमैप
देश में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय टेलीकॉम नीति (NTP) 2025 के प्लान के तहत नए लक्ष्य निर्धारित किए हैं. इसमे टेलीकॉम सेक्टर के ग्रोथ से लेकर इसमें जॉब की संभावनाओं के बारे में बात की गई है. साथ ही गांव-गांव में 5जी नेटवर्क को 2030 तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. तो और क्या-क्या हैं सरकार के प्लान यहां करें चेक.
Telecom policy target: देश के कोने-कोने में बेहतर कनेक्टिविटी सुविधा मुहैया कराने और फाइबर नेटवर्क की सुविधा उपलबध कराने के लिए सरकार ने बड़ा प्लान तैयार किया है. इससे टेलीकॉम सेक्टर में क्रांति आने की उम्मीद है. सरकार के राष्ट्रीय टेलीकॉम नीति (NTP) 2025 के प्लान के तहत 2030 तक टेलीकॉम उत्पादों के निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य है. साथ ही देशभर में 5G नेटवर्क और फाइबर कनेक्शन भी तैयार किया जाएगा. इससे टेलीकॉम इंडस्ट्री में 10 लाख नई नौकरियों के भी अवसर बनेंगे.
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी का कहना है कि NTP 2025 जल्द ही अधिसूचित होगी, जिसमें 2030 तक के लक्ष्य शामिल होंगे. टेलीकॉम जगत के आगे बढ़ने से नई नौकरियाें के मौके बनेंगे. नई नौकरियां मुख्य रूप से 5G, 6G, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर सिक्योरिटी, बिग डेटा और क्वांटम कम्युनिकेशंस जैसे क्षेत्रों में होंगी. सरकार सैटेलाइट और टेरेस्ट्रियल नेटवर्क को इंटीग्रेट करने के लिए एक ढांचा तैयार करेगी, ताकि देश के हर कोने में टेलीकॉम सेवाएं पहुंच सकें. इसके लिए संचार मंत्रालय सभी हितधारकों के साथ मिलकर इस नीति को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहा है.
90 फीसदी आबादी के लिए 5G कवरेज
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम नीति के तहत 2030 तक पूरे देश में 4G कवरेज और 90% आबादी के लिए 5G कवरेज का लक्ष्य है. भारतनेट के तहत सभी ग्राम पंचायतों को फाइबराइज करने और गांव स्तर पर सभी सरकारी संस्थानों को फाइबर कनेक्टिविटी देने की योजना है. एक अन्य अधिकारी के मुताबिक देश में फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड नेटवर्क को 4.5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ घरों तक पहुंचाने का लक्ष्य है. इसके अलावा, 2030 तक देश भर में 10 लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाने की योजना है.
सैटेलाइट सिस्टम की भूमिका
सैटेलाइट सिस्टम खासकर स्टारलिंक, अमेजन कुइपर, यूटेलसैट वनवेब और जियो-एसईएस जैसे नॉन-जियो स्टेशनरी ऑर्बिट (NGSO) खिलाड़ी, आने वाले वर्षों में मेनस्ट्रीम में शामिल होंगे. सरकार ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में कनेक्टिविटी के लिए सैटेलाइट कम्युनिकेशन का इस्तेमाल करेगी. दूरसंचार विभाग (DoT) ने यूटेलसैट वनवेब और जियो-एसईएस को सैटकॉम परमिट दे दिए हैं, जबकि स्टारलिंक को लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) जारी किया गया है.
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इन लक्ष्यों पर भी फोकस
अधिकारियों के मुताबिक, नई नीति का लक्ष्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) सेक्टर का भारत की जीडीपी में योगदान 7.8% से बढ़ाकर 11% करना है. साथ ही, टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर में हर साल 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने की योजना है. सरकार टेलीकॉम सेक्टर में आत्मनिर्भरता पर जोर दे रही है और इसके लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है. 31 मार्च 2025 तक PLI स्कीम के तहत उद्योग ने 80,927 करोड़ रुपये की कुल बिक्री हासिल की, जिसमें से 14,915 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है.