ऑस्ट्रेलिया बनाएगा अब घरेलू मिसाइलें, खर्च करेगा 570 मिलियन डॉलर

ऑस्ट्रेलिया अब बनाएगा घरेलू मिलाइलें, कर दी है घोषणा

प्रतिकात्मक तस्वीर Image Credit: PTI

ऑस्ट्रेलिया ने घरेलू स्तर पर मिसाइल निर्माण की शुरूआत करने की ठानी है. इसके लिए ऑस्ट्रेलिया ने 22 अगस्‍त को 570 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मंजूरी दी. ऑस्ट्रेलिया के रक्षा उद्योग मंत्री पैट कॉनरॉय ने इस डील की घोषणा की. उन्होंने कहा कि सिडनी के उत्तर भाग में एक जॉइंट स्ट्रॉइक मिसाइल (जेएसएम) बनाया गया है. इस मिसाइल का इस्‍तेमाल समुद्र के साथ-साथ हवा से भी किया जा सकता है.

समाचार एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल के अंत तक फैक्ट्री में एंटी-शिप क्रूज मिसाइलें और जेएसएम का निर्माण शुरू हो जाएगा जिनका इस्तेमाल एफ-35ए एयरक्राफ्ट के लिए किया जा सकेगा. कॉनरॉय ने कहा, “यह निवेश पूरी तरह से हमारे आधुनिक, उच्च तकनीक वाले उद्योग और रक्षा के संप्रभुता से जुड़ी इंडस्ट्रियल बेस को बेहतर बनाने के लिए किया गया है.”

मिसाइल फैक्ट्री के शुरुआत को लेकर रक्षा से जुड़े एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएफपी से कहा कि फैक्ट्री में साल 2027 से प्रोडक्शन की शुरुआत हो जाएगी. अधिकारी ने आगे यह भी जोडा कि फैक्ट्री हर साल 100 मिसाइलें बनाने की क्षमता रखती है. दोनों ही तरह के मिसाइलों को नॉर्वे की कोंग्सबर्ग ने विकसित किया है.

रक्षा क्षेत्र पर खर्च करने के मामले में चीन सबसे आगे है. दूसरी ओर रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध ने कई अमेरिकी सहयोगियों को गोला-बारूद के निर्माण में आ रही कमी को लेकर आगाह किया है. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया का यह कदम महत्वपूर्ण है. ऑस्ट्रेलिया, एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के उन देशों में शामिल है जो लगातार अपनी रक्षा से जुड़ी खर्चों को बढ़ा रहा है. लंदन में स्थित एक थिंक टैंक जिसका नाम इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज है, उसके अनुसार साल 2023 में एशियाई रक्षा क्षेत्र में कुल 510 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किया गया. इससे इतर, ऑस्ट्रेलिया ने हाल में कई रक्षा परियोजनाएं शुरू की हैं जिनमें से एक न्यूक्लियर एनर्जी से चलने वाली पनडुब्बियां भी शामिल है.

Latest Stories

एक बार फिर जगी रूस-युक्रेन युद्ध खत्म करने की आस, जेलेंस्की ने 20-सूत्रीय पीस प्लान का किया खुलासा, पुतिन की मुहर का इंतजार

टेक कंपनियों को राहत, चीन से आने वाले चिप्स पर ट्रंप का टैरिफ फिलहाल टला, 2027 से लागू होगा फैसला

समुद्र के नीचे चीन का गोल्ड जैकपॉट! 3900 टन से ज्यादा रिजर्व, दुनिया के सबसे बड़े प्रोड्यूसर की दावेदारी और मजबूत

UAE Golden Visa Vs Saudi Green Card: कौन सा वीजा है ज्यादा दमदार? जानें कौन देता है बेहतर सेटलमेंट और सिक्योरिटी

UAE में भारी बारिश, दुबई-अबू धाबी में बाढ़ जैसे हालात, उड़ानों पर पड़ा असर, एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी

ओमान में भारतीयों को मिलेंगी ज्यादा नौकरियां, हर कंपनी में 20% से बढ़ाकर 50% तक की गई सीमा; पाक-बांग्लादेश को झटका