40 लाख का होम लोन या 40000 की SIP, कैलकुलेशन से पहले जानें ये सीक्रेट, तब मिलेगा असली फायदा

घर खरीदना लोगों का एक फाइनेंशियल गोल होता है, लेकिन बढ़ती प्रॉपर्टी कीमतों के बीच यह आसान नहीं. ज्यादातर लोग होम लोन लेते हैं, जिससे तुरंत घर तो मिल जाता है, पर EMI का लंबा बोझ पड़ता है. अब कई लोग SIP जैसे नए विकल्प अपना रहे हैं. उसी EMI रकम को SIP में लगाकर बड़ा फंड बनाया जा सकता है और बेहतर रिटर्न भी मिल सकता है.

EMI vs SIP Image Credit: Canva/ Money9

EMI vs SIP: घर खरीदना एक बड़ा फाइनेंशियल गोल्स है. लेकिन प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों के बीच घर खरीदने के लिए बड़ी रकम और लंबे समय की वित्तीय जिम्मेदारी चाहिए. ज्यादातर लोग इसे पूरा करने के लिए होम लोन लेते हैं. होम लोन से तुरंत घर मिल जाता है. लेकिन इससे कई सालों तक वित्तीय बोझ रहता है. इससे कई बार लोग EMI के बोझ में दब जाते हैं. सामान्य रूप से होम लोन की किस्त यानी EMI चुकाना आम तरीका है. लेकिन अब कई लोग नई विकल्पों की ओर देख रहे हैं. इनमें म्यूचुअल फंड में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP शामिल है. लंबे समय के लिए निवेश करने वाले और ज्यादा जोखिम लेने की क्षमता वाले लोग SIP पर दांव लगा रहे हैं. इससे घर के लिए जरूरी रकम बनाई जा सकती है और अच्छा रिटर्न भी मिल सकता है.

EMI पर घर खरीदें या SIP करें

बहुत से लोगों के लिए होम लोन और SIP में से चुनना मुश्किल होता है. होम लोन से घर तुरंत मिल जाता है. लेकिन EMI का बोझ लंबे समय तक परेशानी पैदा कर सकता है. दूसरी तरफ उसी EMI रकम को SIP में लगाकर बाद में घर खरीदने के लिए बड़ा फंड बनाया जा सकता है. अगर कोई व्यक्ति 40 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए 7.9% की दर से लेता है तो आपको लगभग 80 लाख रुपये बैंक को देने होंगे. इसमें 40 लाख ब्याज है. वहीं अगर आप 20 साल तक हर महीने 40 हजार रुपये एसआईपी में जमा करेंगे तो आपके पास 3.5 करोड़ से अधिक का फंड होगा.

इस रिपोर्ट में SIP और EMI के गणित के बारे में बताया गया है. 40 हजार रुपये की SIP के अलावा आपको किराए के मकान में रेंट में देना होगा. अगर आपको हर महीनें 20 हजार रुपये रेंट के रूप में देने होंगे तो कुल मिलाकर आपकी देनदारी 60 हजार रुपये की होगी. इसके अलावा यह बात भी समझनी होगी कि SIP से घर खरीदने का फायदा तभी सही मायने में महसूस होगा, जब आप कम उम्र में SIP शुरू करते हैं. क्योंकि तभी 35-40 साल की उम्र में आप अपने मनमुताबिक घर खरीद पाएंगे.

40 लाख के घर के लिए EMI vs SIP

आइए 40 लाख रुपये के घर के उदाहरण से दोनों विकल्पों को समझते हैं. इससे पता चलेगा कि रिटर्न और लंबे समय को देखते हुए कौन सा तरीका ज्यादा समझदारी भरा है.

40 लाख का होम लोन

  • लोन रकम: 40 लाख रुपये
  • समय: 20 साल
  • ब्याज दर: 7.9%
  • EMI: 33,209 रुपये
  • मूल रकम: 40 लाख रुपये
  • ब्याज रकम: 39,70,182 रुपये
  • कुल चुकाई जाने वाली रकम: 79,70,182 रुपये

इस गणना के अनुसार 40 लाख के होम लोन पर 7.9% ब्याज दर से 20 साल के लिए EMI करीब 33,209 रुपये होगी. 20 साल में चुकाया जाने वाला कुल ब्याज मूल रकम के लगभग बराबर हो जाता है. यानी 40 लाख के लोन पर 40 लाख रुपये ब्याज के रूप में चुकाने होंगे. होम लोन लेने से किराए से तुरंत छुटकारा मिलता है. घर का मालिकाना हक मिलता है और टैक्स में छूट के फायदे भी होते हैं. इसके अलावा घर की कीमत भी बढ़ती है. जिसका फायदा भी आपको मिलेगा. लेकिन नुकसान यह है कि ब्याज का बड़ा हिस्सा लंबे समय तक बचत और दूसरे फाइनेंशियल गोल्स को प्रभावित करता है.

घर के लिए फंड बनाने का SIP तरीका

दूसरी तरफ उसी 40,000 रुपये की मासिक SIP 20 साल तक चलाने पर बड़ा कोष बन सकता है. मान लीजिए म्यूचुअल फंड से औसतन 12% सालाना रिटर्न मिले. रिटर्न बाजार के मूड पर निर्भर करता है. ये इससे ज्यादा और कम भी हो सकता है.

  • मासिक रकम: 40,000 रुपये
  • निवेश की अवधि: 20 साल
  • रिटर्न दर: 12%
  • कुल निवेश रकम: 99,00,000 रुपये
  • अनुमानित रिटर्न: 2,71,94,294 रुपये
  • कुल कोष मूल्य: 3,67,94,294 रुपये

20 साल तक 40000 रुपये की SIP से 3.67 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड बन सकता है. इसमें रिटर्न करीब 2.71 करोड़ रुपये होगा. लगभग EMI के रूप में आप जितनी रकम बैंक में देंगे अगर आप उतनी ही रकम SIP के रूप में निवेश करेंगे तो 3 करोड़ 67 लाख का फंड तैयार होगा.