डेली, मंथली या तिमाही SIP… कौन देती है ज्यादा फायदा? 15 साल की पूरी कैलकुलेशन यहां देखें

आजकल कई निवेशक डेली SIP की ओर आकर्षित हो रहे हैं. उनका मानना है कि अगर हर दिन निवेश किया जाए, तो बाजार की हर छोटी गिरावट का फायदा मिलेगा और रिटर्न अपने आप बेहतर हो जाएगा. लेकिन क्या सच में ऐसा होता है? अगर डेली SIP साल में 365 बार निवेश करता है और मंथली SIP सिर्फ 12 बार, तो फर्क तो दिखना ही चाहिए.

Daily SIP or Monthly SIP Image Credit: Money 9 Live

Daily SIP or Monthly SIP: निवेश की दुनिया में एक आम धारणा है जितनी बार पैसा लगाया जाएगा, उतना ज्यादा रिटर्न मिलेगा. इसी सोच के चलते आजकल कई निवेशक डेली SIP की ओर आकर्षित हो रहे हैं. उनका मानना है कि अगर हर दिन निवेश किया जाए, तो बाजार की हर छोटी गिरावट का फायदा मिलेगा और रिटर्न अपने आप बेहतर हो जाएगा. लेकिन क्या सच में ऐसा होता है?

अगर डेली SIP साल में 365 बार निवेश करता है और मंथली SIP सिर्फ 12 बार, तो फर्क तो दिखना ही चाहिए. यही लॉजिक है. पर जब आंकड़ों को ध्यान से देखा गया, तो नतीजे चौंकाने वाले निकले. लंबी अवधि में डेली, मंथली और क्वार्टरली SIP तीनों का रिजल्ट लगभग एक जैसा रहा. यानि निवेश की फ्रीक्वेंसी से ज्यादा जरूरी है कि आप कितने समय तक बाजार में टिके रहते हैं. इस स्टोरी में हम विस्तार से समझेंगे कि SIP की फ्रीक्वेंसी क्यों ज्यादा मायने नहीं रखती और आम निवेशकों के लिए सबसे सही विकल्प क्या है.

एक जैसा पैसा, अलग-अलग फ्रीक्वेंसी

यह समझने के लिए कि SIP की फ्रीक्वेंसी से कितना फर्क पड़ता है, एक सीधा सा प्रयोग किया गया. 15 साल की अवधि में (दिसंबर 2010 से दिसंबर 2025 तक) निफ्टी 50 में निवेश मानकर तीन तरह की SIP की तुलना की गई. डेली, मंथली और क्वार्टरली. ध्यान रखने वाली सबसे अहम बात यह थी कि तीनों मामलों में कुल निवेश राशि बिल्कुल एक जैसी रखी गई.

  • डेली SIP: हर दिन ₹1,000, कुल 3,719 किस्तें
  • मंथली SIP: हर महीने ₹20,547, कुल 181 किस्तें
  • क्वार्टरली SIP: हर तीन महीने ₹60,967, कुल 61 किस्तें
  • रफ्तार अलग थी, लेकिन कुल पैसा वही रहा.

नतीजे क्या निकले?

नतीजे देखकर ज्यादातर लोग हैरान रह जाते हैं.

  • डेली SIP से लगभग ₹1.15 करोड़ का फंड बना.
  • मंथली SIP से करीब ₹1.14 करोड़
  • क्वार्टरली SIP से फिर लगभग ₹1.15 करोड़
  • रिटर्न (XIRR) भी लगभग एक जैसा रहा करीब 13.8 फीसदी के आसपास.

क्यों ज्यादा फर्क नहीं पड़ता?

लंबी अवधि में निवेश में सबसे अहम चीज होती है समय, न कि कितनी बार. तीनों SIP बाजार के वही उतार-चढ़ाव देखती हैं तेजी, गिरावट और रिकवरी. कंपाउंडिंग का असली जादू सालों तक टिके रहने से होता है, न कि डेली या मंथली निवेश से. SIP का असली फायदा यह है कि यह निवेश की आदत बनाता है. जब आदत बन गई, तो फ्रीक्वेंसी बदलने से कोई चमत्कार नहीं होता.

डेली, मंथली और क्वार्टरली SIP

SIP का प्रकारकितनी बार निवेशहर बार निवेश की रकम15 साल बाद फाइनल वैल्यूसालाना रिटर्न (XIRR)
डेली SIP3,719 बार₹1,000करीब ₹1.15 करोड़13.83%
मंथली SIP181 बार₹20,547करीब ₹1.14 करोड़13.80%
क्वार्टरली SIP61 बार₹60,967करीब ₹1.15 करोड़13.80%

तो सबसे बेहतर SIP कौन-सी?

जब रिटर्न लगभग एक जैसा है, तो फैसला आसान हो जाता है. ज्यादातर निवेशकों के लिए मंथली SIP सबसे बेहतर विकल्प है, क्योंकि सैलरी आमतौर पर महीने में मिलती है. मैनेज करना आसान होता है. रोजाना कटने वाले पैसे का झंझट नहीं, क्वार्टरली SIP जैसी बड़ी रकम जुटाने का दबाव नहीं. आंकड़े साफ कहते हैं SIP की फ्रीक्वेंसी से लंबी अवधि के रिटर्न में बड़ा फर्क नहीं पड़ता. असल फर्क पड़ता है निवेश जारी रखने, SIP बढ़ाते रहने और बाजार की गिरावट में घबराकर बाहर न निकलने से.

डेटा सोर्स: Groww

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