टैरिफ पर ट्रंप ने दिया एक और झटका, अब US आने वाले ट्रकों पर लगाया 25% चार्ज; मैक्सिको- कनाडा की बढ़ेगी मुश्किलें
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 नवंबर 2025 से अमेरिका में आने वाले मीडियम और हैवी ड्यूटी ट्रकों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है. यह फैसला पहले अक्टूबर से लागू होना था लेकिन तारीख आगे बढ़ा दी गई. 2024 में अमेरिका ने 2.45 लाख ट्रक इंपोर्ट किए जिनकी कीमत 20.1 अरब डॉलर थी.

Tariff Heavy Trucks: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में आने वाले मीडियम और हैवी ड्यूटी ट्रकों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. यह नया टैरिफ 1 नवंबर 2025 से लागू होगा. पहले यह कदम 1 अक्टूबर से उठाने की चेतावनी दी गई थी लेकिन अब तारीख आगे बढ़ा दी गई है. यह फैसला अमेरिका में ट्रक इंडस्ट्री और इंपोर्ट पर बड़ा असर डाल सकता है. अमेरिका में लगभग 20 लाख लोग ट्रक ड्राइविंग और इससे जुड़ी सपोर्ट सर्विस में काम करते हैं.
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर की घोषणा
ट्रंप ने Truth Social प्लेटफॉर्म पर लिखा कि 1 नवंबर 2025 से अमेरिका में आने वाले सभी मीडियम और हैवी ड्यूटी ट्रकों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा. यह कदम विदेशी कंपनियों से आने वाले ट्रकों को सीधे प्रभावित करेगा. ट्रंप ने पहले 1 अक्टूबर से टैरिफ लागू करने की बात कही थी लेकिन अब इसे एक महीने आगे बढ़ा दिया गया है.
इंपोर्ट होगा सीधा असर
अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार 2024 में देश में 2.45 लाख से अधिक मीडियम और हैवी ड्यूटी ट्रक इंपोर्ट किए गए थे जिनकी कुल कीमत लगभग 20.1 अरब डॉलर थी. इनमें से 15.6 अरब डॉलर के ट्रक मेक्सिको से और 4.5 अरब डॉलर के ट्रक कनाडा से आए थे. टैरिफ लगने से इन देशों से इंपोर्ट महंगा हो जाएगा जिससे ट्रक बाजार में कीमतें बढ़ सकती हैं.
ट्रक इंडस्ट्री में लाखों लोगों की नौकरी जुड़ी
अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के आंकड़ों के मुताबिक देश में करीब 20 लाख लोग ट्रक ड्राइवर मैकेनिक और अन्य सपोर्ट स्टाफ के रूप में काम करते हैं. टैरिफ का असर सीधे तौर पर ट्रकिंग इंडस्ट्री पर पड़ेगा. अगर इंपोर्ट महंगा होता है तो कंपनियों को अतिरिक्त लागत वहन करनी होगी जिससे नौकरियों और वेतन पर भी प्रभाव पड़ सकता है.
अमेरिकी बाजार पर संभावित असर
रिपोर्ट के मुताबिक मीडियम और हैवी ड्यूटी ट्रक अमेरिकी ऑटो बाजार का करीब 5 फीसदी हिस्सा हैं लेकिन उत्तरी अमेरिका की कुल मांग में अमेरिका की हिस्सेदारी 80 फीसदी के आसपास है. ऐसे में टैरिफ बढ़ने से बाजार में सप्लाई पर असर पड़ सकता है और स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को बढ़त मिल सकती है. हालांकि इससे कीमतें भी बढ़ने की संभावना है जिससे कंज्यूमर पर बोझ पड़ सकता है.
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