ट्रंप परिवार बना पाकिस्तान का मददगार! दे रहा क्रिप्टो की इस एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग
पहलगाम हमले के बाद ट्रंप परिवार के नेतृत्व और स्वामित्व वाली संस्था पाकिस्तान की मददगार बन गई है. हमले के पांच दिन बाद ट्रंप परिवार की इस संस्था के शीर्ष अधिकारी पाकिस्तान में मौजूद हैं और एक पाकिस्तानी संस्था को इस तकनीक को लागू करने में मदद कर रहे हैं. जानते हैं क्या है यह तकनीक और ट्रंप के पारिवार की कौनसी है यह संस्था?
USA President डोनाल्ड ट्रंप खुद को भारत का मित्र बताते हैं. लेकिन, पहलगाम हमले के बाद जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. हालांकि, इस बीच ट्रंप के परिवार के नेतृत्व और स्वामित्व वाली संस्था World Liberty Financial पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल की मददगार बनकर उभरी है. DeFi यानी डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस पर काम करने वाली इस संस्था की 60 फीसदी हिस्सेदारी ट्रंप परिवार के हाथ में है. इसके अलावा ट्रंप के बेटे इस संस्था का नेतृत्व कर रहे हैं.
पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने पाकिस्तान में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इंप्लिमेंटेशन के लिए पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ समझौता किया है. यह घटना पहलगाम में आतंकवादी घटना के महज पांच दिन बाद हुई जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई, जिसके कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है.
डॉन की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ल्ड लिबर्टी के डेलिगेशन में जैचरी फोकमैन, चेज हेरो और जैचरी विटकॉफ शामिल हुए. इन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ बैठकें कीं हैं. वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ एक लेटर ऑफ इंटेट पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत क्रिप्टो और ब्लॉकचेन जैसी एडवांंस्ड टेक्लोनॉजी को पाकिस्तान में लागू करने में मदद की जाएगी.
क्या है ट्रंप परिवार की भूमिका?
ट्रंप परिवार से जुड़ा संगठन डीटी मार्क्स डीईएफआई एलएलसी वर्ल्ड लिबर्टी की मूल कंपनी डब्ल्यूएलएफ होल्डको एलएलसी में 60 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है. यह व्यवस्था उन्हें कुछ विशेष क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन की रेवेन्यू स्ट्रीम का 75% हिस्सेदार बनाती है. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप चीफ क्रिप्टो एडवोकेट का पद संभालते हैं, जबकि उनके परिवार के सदस्य अहम भूमिकाएं निभाते हैं. एरिक और डोनाल्ड जूनियर वेब3 एंबेसडर के रूप में काम करते हैं और उनके सबसे छोटे बेटे बैरॉन डीईएफआई विजनरी के पद पर हैं.
क्या होगा पाकिस्तान को फायदा?
ट्रंंप परिवार और बायनेंस के चांगपेंग झाओ के समर्थन से पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल का पाकिस्तान को दक्षिण एशिया का क्रिप्टोकरेंसी हब के बनाना चाहती है. पाकिस्तान इसके जरिये यूएई जैसे बाजारों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा. पाकिस्तानी क्रिप्टो काउंसिल के प्रमुख बिन साकिब का कहना है कि पाकिस्तान क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाएगा और इसके लिए उदार नीति बनाएगा.