पाकिस्तान के पास कितने दिनों का दाना-पानी और तेल… युद्ध खिंचा तो भूखे मरेंगे लोग!
पाकिस्तान कंगाली के मुहाने पर खड़ा है, फिर भी वह भारत के साथ युद्ध की स्थिति बना रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचों पर जवाबी कार्रवाई की है, जिससे पाकिस्तान में दहशत का माहौल है. ऐसे में आइए, विस्तार से जानते हैं कि पाकिस्तान के पास कितने दिनों का दाना-पानी बचा है?
Pakistan Ration: पाकिस्तान कंगाली के मुहाने पर खड़ा है, फिर भी वह भारत के साथ युद्ध की स्थिति बना रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचों पर जवाबी कार्रवाई की है, जिससे पाकिस्तान में दहशत का माहौल है. अब पाकिस्तान भारतीय शहरों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है .भारतीय सेना पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही है. दूसरी ओर, पाकिस्तान भीख मांगने की स्थिति में आ गया है. दरअसल, सैन्य कार्रवाई में भारी नुकसान के बाद पाकिस्तान सरकार अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से अधिक कर्ज की अपील कर रही है. ऐसे में आइए, विस्तार से जानते हैं कि पाकिस्तान के पास कितने दिनों का दाना-पानी बचा है?
कच्चा तेल
पाकिस्तान की दैनिक खपत | पाकिस्तान के पास कितने देना इमरजेंसी रिजर्व | आयात निर्भरता |
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0.25 मिलियन बैरल (2.5 लाख बैरल) | 22 दिन | 78% तेल आयात |
पाकिस्तान हर दिन 0.25 मिलियन बैरल तेल खपत करता है. पाकिस्तान को 78 फीसदी तेल आयात करना पड़ता है. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से तेल टैंकरों को खतरा हो सकता है. और अमेरिकन जनरल ऑफ ट्रांसपोर्टेशन की रिपोर्ट के अनुसार उसके पास करीब 22 दिनों का इमरजेंसी रिजर्व है. यानी अगर युद्ध के दौरान आयात बंद हो जाता है तो वह 22 दिन तक अपनी तेल की जरुरतें पूरी कर सकता है.
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गेहूं
उत्पादन (2025-26) | पिछले साल का उत्पादन (2024-25) | उत्पादन में कमी | खपत (2025-26) | पशु चारे में उपयोग | पिछले साल का भंडार | कितने दिन चलेगा |
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27.5 मिलियन टन (2.75 करोड़ टन) | 31.6 मिलियन टन (3.16 करोड़ टन) | 13% | 31.9 मिलियन टन (3.19 करोड़ टन) | 7% (मुर्गी चारा) | 5 मिलियन टन (50 लाख टन) | लगभग 323 दिन |
पाकिस्तान में गेहूं का प्रोडक्शन वित्त वर्ष 2025-26 में 27.5 मिलियन टन होने का अनुमान है. यह 2024-25 के रिकॉर्ड से 13 फीसदी कम है. वहीं 2025-26 में गेहूं की खपत 31.9 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है. यह बढ़ती आबादी के कारण है. कुल मांग का 7 फीसदी हिस्सा पशु चारा उद्योग में जाएगा. इसमें ज्यादातर मुर्गी के चारे के लिए होगा. उत्पादन, आयात और खपत को देखते हुए, 2025-26 में गेहूं का भंडार घटकर लगभग 2 मिलियन टन रह जाएगा. यह 2024-25 के 5 मिलियन टन के रिकॉर्ड से काफी कम है. ऐसे में अब पाकिस्तान के पास गेहूं के लिए भी दर दर की ठोकरें खाना पड़ेगा.
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चावल
उत्पादन (2025-26) | पिछले 10 साल का उत्पादन | खेती क्षेत्र में वृद्धि | खपत (2025-26) | प्रति व्यक्ति खपत | पशु चारे में उपयोग | (बचा हुआ) | कितने दिन चलेगा |
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98 लाख टन | 62 लाख टन से 98 लाख टन | हाँ, थोड़ा बढ़ा | 42 लाख टन | 18 किलोग्राम/वर्ष | 2 लाख टन (टूटा चावल) | 56 लाख टन | लगभग 487 दिन |
पाकिस्तान में वित्त वर्ष 2025-26 में चावल का उत्पादन 98 लाख टन होने की उम्मीद है. ऐसा इसलिए क्योंकि खेती का क्षेत्र थोड़ा बढ़ेगा और पिछले पांच साल की औसत पैदावार बनी रहेगी. पिछले दस सालों में चावल की खेती का क्षेत्र बहुत बढ़ा है और उत्पादन 62 लाख टन से बढ़कर 98 लाख टन तक पहुंच गया है. जनसंख्या बढ़ोतरी के आधार पर 2025-26 में चावल की खपत 42 लाख टन होने का अनुमान है. प्रति व्यक्ति चावल की खपत सालाना केवल 18 किलोग्राम है. इसके अलावा, हर साल करीब 2 लाख टन टूटा हुआ चावल मुर्गी और पशु चारे के लिए उपयोग होता है.
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मक्का
उत्पादन (2025-26) | पिछले साल का उत्पादन (2024-25) | खेती क्षेत्र में वृद्धि | खपत (2025-26) | उपयोग (चारा) | उपयोग (अन्य) | (बचा हुआ) | कितने दिन चलेगा |
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96 लाख टन | 90 लाख टन | हाँ, थोड़ा बढ़ा | 91 लाख टन | 65% पशु चारा, 10% डेयरी चारा | 15% स्टार्च, 10% आटा | 5 लाख टन | 480 |
पाकिस्तान में वित्त वर्ष 2025-26 में मक्के का उत्पादन 96 लाख टन होने की उम्मीद है. ऐसा इसलिए क्योंकि खेती का क्षेत्र थोड़ा बढ़ेगा और पिछले पांच साल की औसत पैदावार बनी रहेगी. पाकिस्तान के किसान इस साल ज्यादा मक्का बो रहे हैं. 2024-25 में मक्का उत्पादन 90 लाख टन रहने का अनुमान है. सूखे और सिंचाई के पानी की कमी से पैदावार घटी. कंजप्शन की बात करें तो, मुर्गी पालन क्षेत्र की बढ़ती मांग के कारण 2025-26 में मक्के की खपत 91 लाख टन होने की उम्मीद है. मक्के का 65% चारे, 15% औद्योगिक स्टार्च और 10% डेयरी चारे में उपयोग होता है. बाकी आटे के लिए पीसा जाता है.
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एलपीजी
खपत (2020) | खपत (2019) | औसत खपत (2004-2020) | सबसे ज्यादा खपत | सबसे कम खपत | डेटा स्रोत | कितने दिन चलेगा |
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4,73,636 टन | 4,15,368 टन | 1,92,604 टन | 5,15,780 टन (2018) | 56,506 टन (2004) | हाइड्रोकार्बन डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट | कोई स्ट्रैटेजिक भंडार नही |
पाकिस्तान में 2020 में 473,636 टन एलपीजी की खपत हुई. यह साल 2019 के 415,368 टन से अधिक थी. यह डेटा हाइड्रोकार्बन डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ पाकिस्तान द्वारा सालाना अपडेट किया जाता है. साल 2004 से 2020 तक, औसतन 192,604 टन एलपीजी की खपत हुई. सबसे अधिक खपत 2018 में 515,780 टन थी. यह सबसे कम 2004 में 56,506 टन थी.
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