अमेरिका से GDP और परचेजिंग पावर में आगे निकला BRICS, ट्रंप को सता रहा है अब ये डर

ब्रिक्स देशों की बैठक में अमेरिका की टैरिफ नीति की आलोचना के बाद डोनाल्ड ट्रंप भड़क गए हैं. वर्ष 2025 में जहां अमेरिका की अर्थव्यवस्था मंद पड़ रही है, वहीं ब्रिक्स देश मजबूत प्रदर्शन कर रहे हैं. नॉमिनल GDP और PPP के आधार पर ब्रिक्स अमेरिका को टक्कर दे रहा है.

नॉमिनल GDP और PPP के आधार पर ब्रिक्स अमेरिका को टक्कर दे रहा है. Image Credit: social media

US vs BRICS Economic Comparison: ब्राजील में ब्रिक्स देशों की बैठक 6-7 जुलाई को संपन्न हुई. इस बैठक में अमेरिका के टैरिफ की निंदा की गई. हालांकि अधिकारिक तौर पर उसका नाम नहीं लिया गया है, लेकिन इस कदम से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नाराज हो गए हैं. ट्रंप ने दुनिया भर के देशों को धमकी देते हुए कहा है कि अगर वे ब्रिक्स देशों के अमेरिका विरोधी एजेंडे का समर्थन करते हैं तो उन पर 10 फीसदी ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा.

हालांकि ट्रंप के बयान केवल हालिया बयान नहीं हैं बल्कि वर्ष 2025 की पहली छमाही में वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव देखा गया है. जहां अमेरिका की विकास दर में गिरावट देखी जा रही है, वहीं ब्रिक्स देशों का आर्थिक प्रदर्शन लगातार मजबूत हो रहा है. ब्रिक्स अब नॉमिनल GDP के मामले में अमेरिका को टक्कर दे रहा है और PPP के आधार पर पहले ही आगे निकल चुका है.

अमेरिका की अर्थव्यवस्था में सुस्ती

अमेरिका की वर्तमान नॉमिनल GDP लगभग 30.3 ट्रिलियन डॉलर है, जो वैश्विक GDP का करीब 26 फीसदी हिस्सा है. लेकिन 2025 की पहली तिमाही में इसमें 0.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. OECD का अनुमान है कि अमेरिका की वार्षिक विकास दर इस साल 1.6 फीसदी रहेगी. बेरोजगारी दर बढ़ रही है और उपभोक्ता खर्च में कमी आ रही है. साथ ही, अमेरिका पर कुल सरकारी कर्ज 34 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो चुका है, जो उसकी GDP का लगभग 120 फीसदी है.

PPP यानी क्रय शक्ति समता के आधार पर अमेरिका की GDP लगभग 27.5 ट्रिलियन डॉलर है, जो वैश्विक PPP GDP का करीब 15 फीसदी हिस्सा है. इसके मुकाबले BRICS समूह (भारत, चीन, रूस, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अन्य नए सदस्य जैसे UAE, मिस्र आदि) की कुल PPP GDP करीब 45 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है, जो वैश्विक हिस्सेदारी का लगभग 35 से 40 फीसदी तक है. इसमें सबसे बड़ा योगदान चीन (करीब 34 ट्रिलियन डॉलर) और भारत (करीब 13 ट्रिलियन डॉलर) का है.

ब्रिक्स देशों का बढ़ता वर्चस्व

ब्रिक्स समूह में अब भारत, चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका के साथ अन्य देश जैसे यूएई, इंडोनेशिया, मिस्र आदि भी शामिल हो चुके हैं. इनका कुल नॉमिनल GDP अब 31.7 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच चुका है, जो वैश्विक GDP का करीब 29 फीसदी है. अगर PPP के आधार पर देखा जाए तो ब्रिक्स समूह का वैश्विक योगदान लगभग 40 फीसदी तक पहुंच गया है. भारत इस समूह का सबसे तेजी से बढ़ता सदस्य है, जिसकी अनुमानित विकास दर 6.5 फीसदी है, वहीं चीन की विकास दर लगभग 4.6 फीसदी है.

पहलूअमेरिकाब्रिक्स समूह
नॉमिनल GDPलगभग 30.3 ट्रिलियन डॉलर (26 फीसदी)लगभग 31.7 ट्रिलियन डॉलर (29 फीसदी)
GDP विकास दर (2025)लगभग 1.6 से 1.9 फीसदीलगभग 4.0 से 6.5 फीसदी (देश के अनुसार)
कर्ज का स्तर (GDP से तुलना)GDP का लगभग 120 फीसदीअधिकांश देशों में 80 से 90 फीसदी
आर्थिक संरचनाविकसित, सेवा और तकनीक आधारितविकासशील, निर्माण और संसाधन आधारित
चुनौती या संकेतबेरोजगारी, खर्च में गिरावट, अनिश्चित नीतिस्थिरता, विविध मॉडल, उच्च विकास दर

आर्थिक ढांचे और रणनीति में अंतर

अमेरिका की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र और तकनीक पर आधारित है, जबकि ब्रिक्स देश संसाधन आधारित, निर्माण, कृषि और ऊर्जा क्षेत्र में भी भारी योगदान देते हैं. ब्रिक्स देश अब व्यापार में अपनी मुद्रा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे वे अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम कर रहे हैं. यह रणनीति उन्हें लंबे समय में अधिक स्वतंत्र और लचीला बना सकती है.

ब्रिक्स देशों में विकास की संभावना

जहां अमेरिका में आर्थिक अनिश्चितता और मंदी के संकेत मिल रहे हैं, वहीं ब्रिक्स देशों में स्थिर और तुलनात्मक रूप से अधिक विकास की संभावना है. वैश्विक निवेशक अब उभरती अर्थव्यवस्थाओं की ओर ध्यान दे रहे हैं, खासकर भारत और चीन जैसे देशों में. ब्रिक्स के बढ़ते प्रभाव के चलते अमेरिका को अपनी नीति और राजकोषीय अनुशासन पर नए सिरे से काम करना पड़ सकता है.