अब किसान दूसरे राज्यों में भी बेच सकेंगे अपनी उपज, सरकार ला रही है नई योजना

देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 18 प्रतिशत है और सरकार इस क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए कई क्षेत्रों पर काम कर रही है. कृषि मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग पर जोर दिया और कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग को रोकने का आह्वान किया है.

Image Credit: Freepik

किसान अब अपनी उपज को डायरेक्ट दूसरे राज्य में बेच पाएंगे. इससे किसानों को उनकी फसल का उचित रेट मिल सकेगा. इससे उनकी इनकम में भी बढ़ोतरी होगी. खास बात यह है कि इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर एक नई योजना बना रही हैं. इस योजना के लागू होने के बाद किसी भी राज्य के किसान अपनी उपज को देश के किसी भी कोने में बेच पाएंगे. हालांकि, अभी तक किसान अपनी पैदावार घर के नजदीक स्थित मंडियों में ही बेच रहे हैं. इससे उनको उतना मुनाफा नहीं हो रहा है.

पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को इस नई योजना के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को कृषि उपज को दूसरे राज्यों और बाजारों तक पहुंचाने में मदद करने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही हैं. उन्होने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 18 प्रतिशत है और सरकार इस क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए कई क्षेत्रों पर काम कर रही है.

25 दिसंबर को नदी-जोड़ो परियोजना का शुभारंभ

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग पर जोर दिया और कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग को रोकने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि समय की मांग प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना है और हमें इसे पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को नदी-जोड़ो परियोजना के शुभारंभ से किसानों को लाभ होगा. साथ ही उन्होंने किसानों से कम पानी में अधिक सिंचाई करने की तकनीक विकसित करने का आह्वान किया.

ये भी पढ़ें- जल्द रिटेल मार्केट में भी सस्ती होंगी दालें, सरकार ने बनाया गजब का प्लान

गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (एईआरसी) की प्लेटिनम जुबली के अवसर पर बोलते हुए, सिंह ने कहा कि प्रयोगशाला के काम को खेतों तक ले जाने की जरूरत है और शोधकर्ताओं से आग्रह किया कि वे प्रयोगशाला तक ही सीमित न रहें. उनके अनुसार, इस अंतर को पाटने के लिए डीडी किसान चैनल पर ‘आधुनिक कृषि चौपाल’ नामक एक टेलीविजन कार्यक्रम शुरू किया गया है.

शोध को कई भाषा में प्रकाशित करें

चौहान ने कहा कि यह एक ऐसा मंच है जहां किसान, शोधकर्ता और वैज्ञानिक एक साथ बैठते हैं और कृषि क्षेत्र की समस्याओं और नए अवसरों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी जानकारी केवल अंग्रेजी भाषा तक सीमित नहीं रहनी चाहिए और इसे विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित किया जाना चाहिए, ताकि प्रयोगशालाओं और जमीन के बीच की दूरी को पाटा जा सके.

ये भी पढ़ें- अब प्याज की बढ़ जाएगी शेल्फ लाइफ, सरकार पूरे देश में विकसित करेगी इस तरह की सुविधा

Latest Stories

ये हैं दुनिया की 5 सबसे फेमस हीलिंग हनी, नेचुरल मेडिसिन का करती है काम; खरीदते समय ऐसे करें पहचान

गेहूं, सरसों समेत इन फसलों का बढ़ा MSP, केंद्रीय कैबिनेट ने लगाई मुहर; जानें क्या है नया रेट

न मिले नौकरी तो 1 एकड़ में लगाएं पॉली हाउस, सालाना होगी 10 लाख से अधिक कमाई, जानें कितना आता है खर्च

बाढ़ प्रभावित 3 राज्यों को बड़ी राहत, PM-Kisan की 21वीं किस्त जारी; 27 लाख किसानों को 540 करोड़ रुपये ट्रांसफर

केंद्र का किसानों को प्री-दिवाली गिफ्ट! इन राज्यों में MSP पर होगी दलहन-तिलहन की खरीद, 13,890 करोड़ होंगे खर्च

हरियाणा के किसानो को दिवाली का तोहफा, तय तारीख से पहले धान की खरीद शुरू, लाडवा अनाज मंडी से हुआ शुभारंभ