महंगी पेट्रोल-डीजल कारों पर लग सकता है बैन! सुप्रीम कोर्ट ने दिया संकेत; जानें क्या होगा आप पर असर
सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पेट्रोल और डीजल लग्जरी कारों पर चरणबद्ध प्रतिबंध का सुझाव दिया है. कोर्ट का मानना है कि इससे आम लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि रोक केवल हाई एंड मॉडलों पर होगी. इसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है. लग्जरी सेगमेंट में ईवी की हिस्सेदारी बढ़ रही है.
Luxury Car Ban: सुप्रीम कोर्ट ने देश में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पेट्रोल और डीजल से चलने वाली लग्जरी कारों पर धीरे धीरे प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है. दिल्ली और NCR में गंभीर एयर क्वालिटी के बीच यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि यह प्रस्ताव आम आदमी पर कोई असर नहीं डालेगा क्योंकि प्रतिबंध केवल महंगी और हाई एंड लग्जरी कारों पर लागू होगा. न्यायालय का मानना है कि इससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा मिलेगा और धीरे-धीरे हर सेगमेंट में इनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी. सरकार से दिसंबर तक इस मुद्दे पर डिटेल रिपोर्ट मांगी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट के जज सुर्या कांत ने कहा कि इलेक्ट्रिक कारें अब लग्जरी फीचरों में पेट्रोल और डीजल कारों के बराबर हैं. इसके बावजूद अधिकतर अमीर खरीदार अब भी पेट्रोल और डीजल मॉडल ही पसंद करते हैं. कोर्ट ने साफ किया कि आम लोगों को इससे कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि केवल हाई एंड कारों पर ही रोक लगाने की बात हो रही है. कोर्ट का उद्देश्य इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को धीरे- धीरे बढ़ावा देना है. इससे भविष्य में पर्यावरण के लिए भी सुधार की उम्मीद है.
किन लोगों पर पड़ेगा असर
यह प्रस्ताव मुख्य रूप से उन लोगों पर असर डालेगा जो करोड़ों की लग्जरी कारें खरीदते हैं. भारत में कई लग्जरी ब्रांड इलेक्ट्रिक मॉडल बेच रहे हैं लेकिन अमीर खरीदार अभी भी पेट्रोल और डीजल कारों को अधिक पसंद करते हैं. यदि यह प्रतिबंध लागू हुआ तो इस वर्ग को केवल इलेक्ट्रिक कारों पर ही निर्भर रहना होगा. इससे हाई एंड कार मान्यूफैक्चचर के पोर्टफोलियो पर भी प्रभाव पड़ेगा. कई कंपनियों को अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है.
कब से लागू होगा प्रतिबंध
सुप्रीम कोर्ट ने अभी कोई अंतिम तारीख तय नहीं की है. यह सुझाव अभी विचार स्तर पर है. कोर्ट ने केंद्र सरकार और मंत्रालयों से पूछा है कि क्या मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहन नीतियों जैसे नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान को बदलने की जरूरत है. दिसंबर में इस पर एक डिटेल रिपोर्ट आने की उम्मीद है. इसी रिपोर्ट के आधार पर आगे का फैसला लिया जाएगा.
क्यों जरूरी है यह कदम
दिल्ली और NCR में प्रदूषण हर साल गंभीर स्तर पर पहुंच जाता है. कोर्ट का मानना है कि लग्जरी कार सेगमेंट में ही पहले बदलाव कर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना आसान होगा. इससे पर्यावरण को होने वाला नुकसान कम किया जा सकेगा. साथ ही यह एक संकेत होगा कि देश अब ईवी आधारित भविष्य की ओर बढ़ रहा है.
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भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग
भारत में लग्जरी कार सेगमेंट में ईवी की हिस्सेदारी करीब 12 फीसदी है जबकि आम सेगमेंट में यह केवल 2 से 3 फीसदी है. यही वजह है कि बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसी कंपनियों की ईवी बिक्री इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में तेजी से बढ़ी है. करोड़ रुपये से ऊपर की ईवी को भी अब पहले के मुकाबले ज्यादा खरीदार मिल रहे हैं. आने वाले समय में मास मार्केट ईवी भी अधिक तेजी से लॉन्च होंगी.
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