भारत की AIR India के सामने पाकिस्तान की PIA की कितनी औकात? दोनों के मालिकों का है गुजरात कनेक्शन
AIR India vs PIA: खास बात यह है कि दोनों के मालिकों का कनेक्शन गुजरात से है. पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की नींव भारत में रखी गई थी, तब नाम था ओरिएंट एयरवेज. 950 के दशक में शुरू हुई इस एयरलाइन को बचने की कोशिश पाकिस्तान की सरकार लंबे समय से कर रही थी.
AIR India vs PIA: पाकिस्तान ने मंगलवार को अपनी नेशनल एयरलाइन, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का प्राइवेटाइजेशन पूरा कर लिया. कॉम्पिटिटिव बिडिंग प्रोसेस के बाद इसे 4,300 करोड़ रुपये में बेच दिया गया. 1950 के दशक में शुरू हुई इस एयरलाइन को बेचने की कोशिश पाकिस्तान की सरकार लंबे समय से कर रही थी. आरिफ हबीब ने सबसे बड़ी बोली लगाकर इसे खरीदा है. खास बात यह है कि आरिफ हबीब का गुजरात से कनेक्शन है.
भारत में रखी गई थी नींव
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की नींव भारत में रखी गई थी, तब नाम था ओरिएंट एयरवेज. फिर साल 1947 में मुल्क बंटा और पाकिस्तान एक नए देश के रूप में दुनिया के मानचित्र पर उभरा और उसे एक एयरलाइन की जरूरत पड़ी, तो ओरिएंट एयरवेज का विलय पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस में कर दिया गया. इस तरह पाकिस्तान को अपनी एयरलाइन मिली.
एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण
दूसरी तरफ भारत में साल 1946 में टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर एयर इंडिया किया गया, जिसे 1932 में जे.आर.डी. टाटा ने शुरू की थी. 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉर्पोरेशंस एक्ट पास कर एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया और टाटा संस से ज्यादातर कंट्रोल ले लिया. लेकिन फिर 2021 में टाटा ग्रुप ने सरकार से एयर इंडिया वापस खरीद ली. यानी दोनों मुल्कों की सरकारी एयरलाइन एक बार फिर से प्राइवेट प्लेयर के हाथों में हैं. खास बात यह है कि दोनों के मालिकों का कनेक्शन गुजरात से है.
आरिफ हबीब ने जीती बोली
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के लिए जब सेरेमनी के दूसरे फेज में बोलियां खोली गईं, तो आरिफ हबीब सबसे बड़ी बोली लगाने वाले के तौर पर सामने आए, जिन्होंने PKR 115 अरब यानी करीब 3,680 करोड़ रुपये की शुरुआती बोली लगाई. लकी सीमेंट ने PKR 105.5 अरब यानी लगभग 3,376 करोड़ रुपये की बोली लगाई, जबकि एयरब्लू ने काफी कम PKR 26.5 अरब यानी लगभग 848 करोड़ रुपये की बोली लगाई.
बोली लगने के बाद, सरकार ने PKR 100 अरब, यानी लगभग 3,200 करोड़ रुपये की रेफरेंस कीमत की घोषणा की. नीलामी के नियमों के अनुसार, सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले दो लोगों, आरिफ हबीब और लकी सीमेंट को ओपन नीलामी में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया. इसके बाद दोनों ग्रुप ने धीरे-धीरे अपनी बोली बढ़ाई.
मुकाबला तब तक चलता रहा जब तक आरिफ हबीब ग्रुप ने PKR 135 अरब, यानी लगभग 4,320 करोड़ रुपये की बोली नहीं लगा दी. लकी सीमेंट इस बोली की बराबरी नहीं कर पाया और उसने इस प्रक्रिया से पीछे हटने का फैसला किया. आखिरी ऑफर के बाद बोली से पीछे हटते हुए लकी सीमेंट टीम के एक सदस्य ने कहा, ‘हम आरिफ हबीब ग्रुप को बधाई देते हैं.
सरकार ने शुरू में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस में 75 फीसदी हिस्सेदारी की पेशकश की थी. डील की शर्तों के अनुसार, सफल बोली लगाने वाले के पास एयरलाइन के बाकी 25 फीसदी शेयर खरीदने के लिए 90 दिन होंगे.
एयर इंडिया और PIA के मालिक का गुजरात कनेक्शन
टाटा समूह की एयर इंडिया के मालिक का कनेक्शन गुजरात से इसलिए है, क्योंकि इसके संस्थापक जमशेदजी टाटा गुजरात के नवसारी के रहने वाले थे और परिवार के शुरुआती बिजनेस इसी क्षेत्र से जुड़े थे. अब समझते हैं कि आरिफ हबीब का गुजरात से क्या कनेक्शन है. दरअसल, आरिफ हबीब का परिवार मूल रूप से गुजरात के जूनागढ़ जिले के बंटवा कस्बे से ताल्लुक रखता है. 1947 में बंटवारे के समय उनका परिवार गुजरात में अपनी प्रॉपर्टी और चाय का बिज़नेस छोड़कर कराची, पाकिस्तान चला गया. आरिफ हबीब का जन्म और पालन-पोषण कराची में हुआ.
एयर इंडिया और पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस 4,300 करोड़ रुपये में बिकी. लेकिन अगर एयर इंडिया की बात करें, तो टाटा समूह ने इसे 18,000 करोड़ रुपये में खरीदा था और जनवरी 2022 में आधिकारिक तौर पर इसका अधिग्रहण कर लिया था.
जब टाटा ग्रुप ने जनवरी 2022 में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था, तब उसकी फ्लीट में लगभग 141 एयरक्राफ्ट थे. इसमें एयरबस और बोइंग दोनों तरह के विमान शामिल थे, जिनमें 777 और 787 जैसे वाइड-बॉडी जेट और नैरो-बॉडी A320 भी थे. फिलहाल फ्लाइट की संख्या 200 के करीब है.
अगर अगर पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की बात करें तो उसकी फ्लीट में लगभग 32-34 एयरक्राफ्ट हैं. इनमें बोइंग 777, एयरबस A320 और ATR शामिल हैं.
| तुलना पैरामीटर | एयर इंडिया (Air India) | पीआईए (Pakistan International Airlines) |
| कब शुरुआत हुई | 1932 | 1946 |
| कब बिकी | 2022 | 2025 |
| कितने में बिकी | ₹18,000 करोड़ | ₹4,300 करोड़ |
| किसने खरीदा | टाटा ग्रुप | अरिफ हबीब ग्रुप |
| फ्लीट की संख्या | 200 (वर्तमान में) | 32–34 |
| डेली उड़ानें | 1,200 | 100 |
| कितना कर्ज | ₹15,000 करोड़ (बिकते समय) | ₹20,000 करोड़ |