छोटा सा यह देश है चांदी का किंग, टक्कर में नहीं अमेरिका-चीन; भारत के पास इतना बड़ा भंडार
MCX पर 24 दिसंबर 2025 को चांदी की कीमत 2,23,000 रुपये प्रति किलो के लेवल पर पहुंच गई है. वहीं ठीक एक साल पहले, दिसंबर 2024 में चांदी का भाव करीब 90,000 रुपये प्रति किलो के आसपास था. ऐसे में चांदी सिर्फ आभूषण तक सीमित नहीं रही है. बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर एनर्जी, ऑटोमोबाइल, जैसे सेक्टरों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर दुनिया में किस देश के पास चांदी का सबसे बड़ा भंडार है.
दिसंबर 2025 में चांदी ने वह कर दिखाया है, जो कुछ साल पहले तक कल्पना से परे लगता था. MCX पर 24 दिसंबर 2025 को चांदी की कीमत 2,23,000 रुपये प्रति किलो के लेवल पर पहुंच गई है. इस टाइम हर नया कारोबारी सत्र एक नया रिकॉर्ड बना रहा है. ठीक एक साल पहले, दिसंबर 2024 में चांदी का भाव करीब 90,000 रुपये प्रति किलो के आसपास था. यानी एक साल के भीतर कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है.
आज के समय में चांदी सिर्फ आभूषण तक सीमित नहीं रही है. बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर एनर्जी, ऑटोमोबाइल, मेडिकल डिवाइस और ग्रीन एनर्जी जैसे सेक्टरों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. ऐसे में यह सवाल बेहद अहम हो जाता है कि आखिर दुनिया में किस देश के पास चांदी का सबसे बड़ा भंडार है. आइए जानते हैं.
किस देश के पास है चांदी का सबसे बड़ा भंडार?
इंडियन मिनरल्स ईयर बुक की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में चांदी के प्रमुख उत्पादक देशों में Mexico, Peru, China, Poland, Russia, Australia, Chile, Bolivia और Kazakhstan शामिल हैं. उत्पादन के मामले में मैक्सिको दुनिया में नंबर एक है. मैक्सिको की वैश्विक चांदी उत्पादन में हिस्सेदारी करीब 22 फीसदी है. इसके बाद चीन की हिस्सेदारी 13 फीसदी, पेरु की 11 फीसदी, चिली और पोलैंड की 6-6 फीसदी, रूस और ऑस्ट्रेलिया की 5-5 फीसदी, जबकि अमेरिका और कजाकिस्तान की हिस्सेदारी करीब 4-4 फीसदी है.
हालांकि उत्पादन और भंडार दो अलग-अलग बातें हैं. उत्पादन के मामले में भले ही मैक्सिको सबसे आगे हो, लेकिन चांदी का सबसे बड़ा भंडार एक छोटे से दक्षिण अमेरिकी देश के पास है.
पेरु के पास दुनिया की सबसे बड़ी चांदी की तिजोरी
मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, पेरु के पास करीब 1,10,000 मीट्रिक टन चांदी का भंडार मौजूद है. यह दुनिया के कुल चांदी भंडार का लगभग 17 से 18 फीसदी हिस्सा है. एंडीज पर्वत श्रृंखला में फैला पेरु का मिनरल बेल्ट चांदी से भरपूर माना जाता है. यहां की खदानें न सिर्फ प्रोडक्शन के लिए जानी जाती हैं, बल्कि लंबे समय तक चलने वाले विशाल भंडार के कारण भी वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. यही वजह है कि जब भी वैश्विक बाजार में चांदी की कीमतों में तेजी आती है, पेरु की भूमिका अपने आप चर्चा में आ जाती है.
भारत के पास कितना है चांदी का भंडार
भारत में चांदी का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व बेहद गहरा है. त्योहारों, शादियों और पूजा-पाठ में चांदी के बर्तन और आभूषणों की बड़ी खपत होती है. इसके बावजूद भारत दुनिया के शीर्ष चांदी उत्पादक देशों की सूची में शामिल नहीं है.
देश में चांदी उत्पादन का केंद्र राजस्थान है. राजस्थान देश के कुल चांदी उत्पादन का लगभग 55 फीसदी से 87 फीसदी हिस्सा देता है. उदयपुर की जावर खदान भारत की सबसे बड़ी चांदी की खान है, जहां चांदी मुख्य रूप से जस्ता और सीसा खनन के उप-उत्पाद के रूप में प्राप्त होती है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत के पास फिलहाल करीब 8,000 मीट्रिक टन चांदी का भंडार है. यह दुनिया के कुल चांदी भंडार का केवल 1 से 2 फीसदी ही है. भारत में सालाना करीब 700 टन चांदी का उत्पादन होता है, जबकि घरेलू खपत कई हजार टन तक पहुंच जाती है. इसी वजह से भारत को अपनी जरूरतों के लिए बड़ी मात्रा में चांदी आयात करनी पड़ती है.
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