Akasa Air के टॉप मैनेजमेंट में हलचल, Co-Founder नीलू खत्री ने छोड़ी जिम्मेदारी, जानें क्या रही वजह

भारत की एक नई एयरलाइन में बड़ा बदलाव हुआ है. जिस टीम ने कंपनी को खड़ा किया, अब वहीं से एक अहम नाम बाहर हो गया है. यह कदम ऐसे समय पर आया है जब एयरलाइन तेजी से अपना नेटवर्क बढ़ा रही है. जानिए पूरी कहानी और क्यों यह इस्तीफा चर्चा में है.

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तीन साल पहले भारतीय एविएशन सेक्टर में कदम रखने वाली अकासा एयर को एक बड़ा झटका लगा है. कंपनी की को-फाउंडर और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (इंटरनेशनल ऑपरेशंस) नीलू खत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एयरलाइन की यह टॉप-लेवल एग्जिट ऐसे समय पर हुई है जब कंपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने विस्तार की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है.

कंपनी ने की इस्तीफे की पुष्टि

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एयरलाइन ने गुरुवार को एक बयान जारी कर नीलू खत्री के इस्तीफे की पुष्टि की. कंपनी ने कहा कि उन्होंने अपने करियर में “एक नए दिशा” में आगे बढ़ने का फैसला किया है. हालांकि, उनके आगे की योजनाओं के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है. अकासा ने अपने बयान में कहा कि नीलू कंपनी की शुरुआती टीम का अहम हिस्सा रही हैं और उन्होंने एयरलाइन के विजन को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई.

नीलू खत्री के साथ अकासा एयर की फाउंडिंग टीम में आदित्य घोष, आनंद श्रीनिवासन, बेल्सन कोटिन्हो, भाविन जोशी और प्रवीन अय्यर जैसे नाम शामिल हैं. कंपनी का नेतृत्व इसके फाउंडर और सीईओ विनय दूबे कर रहे हैं. नीलू एयरलाइन की एग्जिक्यूटिव कमेटी की भी सदस्य थीं.

हालिया बदलाव और विस्तार की दिशा

हाल के महीनों में अकासा एयर से कुछ और वरिष्ठ अधिकारियों के जाने की खबरें भी आई हैं. अगस्त में कंपनी ने प्रेमजी इन्वेस्ट और क्लेपॉन्ड कैपिटल जैसे निवेशकों से नई फंडिंग राउंड पूरा किया था. इसके बावजूद कंपनी ने कहा है कि उसके अंतरराष्ट्रीय परिचालन और विस्तार योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

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अकासा एयर इस समय 30 बोइंग 737 मैक्स विमानों के साथ 24 घरेलू और 6 अंतरराष्ट्रीय रूट पर उड़ान भर रही है. अगस्त में कंपनी की घरेलू बाजार हिस्सेदारी 5.4 फीसदी रही. जुलाई में कंपनी के CFO अंकुर गोयल ने बताया था कि अकासा अपनी क्षमता और वित्तीय स्थिति दोनों में सुधार कर रही है और 2032 तक 226 विमानों का बेड़ा तैयार करने का लक्ष्य रखती है.