अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ीं, ED ने रिलायंस इंफ्रा के 13 बैंक अकाउंट किए सीज, ₹55 करोड़ जब्त
ED ने FEMA उल्लंघन के आरोप में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के 13 बैंक खातों को सीज करते हुए उसमें जमा ₹54.82 करोड़ जब्त किए हैं. ईडी के अनुसार, जांच में पता चला कि हाईवे प्रोजेक्ट फंड्स को फर्जी सब-कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिये शेल कंपनियों तक पहुंचाया गया और फिर हवाला नेटवर्क के माध्यम से UAE भेजा गया. मामला ₹600 करोड़ के अवैध लेनदेन से जुड़ा है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (R-Infra) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके 13 बैंक खातों को सीज कर दिया. इन खातों में कुल ₹54.82 करोड़ की जमा राशि पड़ी हुई थी. यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत चल रही जांच के तहत की गई है.जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि R-Infra ने अपनी विभिन्न स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPVs) के जरिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से मिले हाईवे निर्माण प्रोजेक्ट फंड्स को गलत तरीके से विदेश भेजा. ईडी के मुताबिक, ये फंड झूठे सब-कॉन्ट्रैक्ट और शेल कंपनियों के जरिए मुंबई में डायवर्ट किए गए.
ईडी ने क्या बताया
प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा कि ED की जांच में सामने आया कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपने स्पेशल पर्पज व्हीकल्स (SPVs) के माध्यम से NHAI द्वारा आवंटित हाईवे निर्माण परियोजनाओं से प्राप्त सार्वजनिक धन को अवैध रूप से डायवर्ट किया. यह फंड मुंबई की शेल कंपनियों को फर्जी सब-कॉन्ट्रैक्टिंग समझौतों के जरिए स्थानांतरित किया गया. इन शेल कंपनियों को डमी निदेशकों के माध्यम से और मुंबई के विशिष्ट बैंक शाखाओं में संगठित तरीके से संचालित किया गया था. इसके बाद इन फंड्स को कई अन्य शेल कंपनियों के नेटवर्क के माध्यम से लेयर किया गया और भारत से UAE भेजा गया, जहां इन लेनदेन को पॉलिश्ड और अनपॉलिश्ड डायमंड्स के आयात के नाम पर दिखाया गया, हालांकि किसी प्रकार का सामान या डॉक्यूमेंटेशन उपलब्ध नहीं था. UAE की जिन कंपनियों को पैसा भेजा गया, उनके बैंक खाते UAE और हांगकांग दोनों में पाए गए.
ईडी के मुताबिक, ये कंपनियां अवैध अंतरराष्ट्रीय हवाला गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित थीं. जिन शेल कंपनियों के माध्यम से यह धन डायवर्ट किया गया, वे ₹600 करोड़ से अधिक के अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन में भी शामिल पाई गईं. परियोजना फंड्स के इस तरह डायवर्जन से संबंधित SPVs में गंभीर वित्तीय तनाव उत्पन्न हुआ, जिससे कई बैंक ऋण NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) में बदल गए. इससे ऋणदाताओं को भारी नुकसान हुआ और सार्वजनिक वित्तीय हितों को गंभीर खतरा पहुंचा. आगे की जांच जारी है.
ईडी ने अनिल अंबानी को भी पूछताछ के लिए भेजा था समन
इस मामले में ED ने पिछले महीने अनिल अंबानी को भी पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन वे पेश नहीं हुए. मामले पर फिलहाल रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. ED की इस कार्रवाई के बाद FEMA उल्लंघन और प्रोजेक्ट फंड डायवर्जन को लेकर कंपनी पर जांच का दायरा और गहरा होने की संभावना है. सरकारी हाईवे प्रोजेक्ट्स से जुड़े फंड के कथित दुरुपयोग पर एजेंसी का फोकस बढ़ता दिख रहा है.
जय अनमोल भी मुश्किल में
इससे पहले बैंकिंग फ्रॉड मामले में CBI ने अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी का नाम भी आरोपियों में शामिल कर लिया था. CBI की तरफ से दर्ज शिकायत में धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और आपराधिक कृत्य की वजह से बैंक को 228.06 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप लगाया गया है.
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