IPO के तीन महीने बाद ही 24% टूटी NSDL, CDSL से उड़ गया 22 करोड़ का मुनाफा; डिपॉजिटरी स्टॉक्स में मचा भूचाल?

डिपॉजिटरी कंपनियों CDSL और NSDL के तिमाही नतीजों ने निवेशकों को चौंका दिया है. NSDL के शेयर 4 दिन में 8 फीसदी टूट चुके हैं और लिस्टिंग हाई से 24 फीसदी गिर गए हैं. वहीं CDSL का मुनाफा साल-दर-साल 13.6 फीसदी घट गया है. अब सवाल ये है, किसमें है आगे का भरोसा?

NSDL और CDSL के बीच कौन मजबूत? Image Credit: Canva

NSDL vs CDSL: इंडियन इक्विटी की दो बड़ी डिपॉजिटरी कंपनियां, सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) हाल के दिनों में सुर्खियों में हैं. CDSL ने सितंबर 2025 तिमाही (Q2 FY26) में अपने वित्तीय प्रदर्शन जारी किए, वहीं NSDL की चर्चा उसके शेयरों में गिरावट के वजह से है, CDSL में भी बीते एक सप्ताह से गिरावट का दौर जारी है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों कंपनियां आने वाले समय में डिजिटल निवेश, IPO बूम और रिटेल भागीदारी से मुनाफेदार हो सकती हैं, मगर फिलहाल निवेशकों के लिए परफॉर्मेंस मिक्स्ड है.

NSDL : IPO के बाद पहली गिरावट की लहर

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के शेयर पिछले चार दिनों से गिरावट में हैं. गुरुवार को शेयर 2.53 फीसदी टूटकर 1,076 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ. यह अब भी अपने 800 रुपये के IPO प्राइस से ऊपर है, लेकिन लिस्टिंग के बाद दर्ज 1,425 रुपये के हाई से करीब 24 फीसदी नीचे आ चुका है. पिछले चार सत्रों में शेयर 7.78 फीसदी टूट चुका है.

कंपनी का Q1 FY26 में रेवेन्यू 14 फीसदी घटकर 312 करोड़ रुपये रहा था, जबकि नेट प्रॉफिट में 8 फीसदी की बढ़त हुई और यह 89.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इसका EBITDA 4 फीसदी बढ़कर 95.17 करोड़ रुपये रहा और मार्जिन 25.1 फीसदी से बढ़कर 30.5 फीसदी हो गया.

सितंबर में लिस्टिंग के बाद कंपनी ने पहला डिविडेंड 2 रुपये प्रति शेयर घोषित किया था. IPO से कंपनी ने 4,011 करोड़ रुपये जुटाए, जो इस साल के सबसे बड़े इश्यूज में से एक था.

टेक्निकल रूप से, NSDL का RSI 27 पर है, जो बताता है कि शेयर ओवरसोल्ड जोन में है. यानी, तकनीकी रूप से अब इसमें शॉर्ट-टर्म रिकवरी की संभावना बढ़ सकती है.

CDSL: प्रॉफिट में गिरावट, FIIs की हिस्सेदारी भी घटी

दूसरी ओर, CDSL के शेयर भी दबाव में रहे. गुरुवार को शेयर 0.40% गिरकर 1532.90 रुपये पर बंद हुआ. बीते एक सप्ताह में इसमें 5% से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई है. कंपनी का सितंबर तिमाही (Q2 FY26) में नेट प्रॉफिट 13.6 फीसदी घटकर 140.21 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 162.02 करोड़ रुपये था. यानि, मुनाफे में लगभग ₹22 करोड़ की गिरावट आई है. हालांकि, QoQ पर कंपनी ने 37 फीसदी की दर्ज की Q1 FY26 के 102.37 करोड़ रुपये से उछलकर 140.21 करोड़ रुपये तक.

CDSL का रेवेन्यू मामूली रूप से घटकर 318.89 करोड़ रुपये रहा, जबकि कुल खर्च 157.41 करोड़ रुपये तक बढ़ गया. EBITDA घटकर 176 करोड़ रुपये रह गया और मार्जिन 55.29 फीसदी तक सिमट गया, जो पिछले साल के मुकाबले 6.89 प्रतिशत अंक कम है.

इसके अलावा, FIIs की हिस्सेदारी 12.90% से घटकर 11.54% और DIIs की हिस्सेदारी 14.24% से घटकर 14.18% हो गई है, जो विदेशी और घरेलू निवेशकों की सतर्कता को दिखाता है.

टेक्निकल चार्ट्स के मुताबिक, CDSL का RSI मात्र 14 पर पहुंच गया है, जो इसे गहरे ओवरसोल्ड जोन में रखता है. इसका मतलब है कि शेयर में शॉर्ट-टर्म बाउंस या तकनीकी रिकवरी की संभावना अब बेहद मजबूत हो गई है.

कौन आगे, कौन पीछे?

दोनों कंपनियां भारत के डिपॉजिटरी बिजनेस में एकाधिकार जैसी स्थिति रखती हैं, NSDL और CDSL मिलकर देश के लगभग सभी डिमैट अकाउंट्स को मैनेज करती हैं. वित्तीय प्रदर्शन के लिहाज से CDSL का EBITDA और प्रॉफिट मार्जिन NSDL से बेहतर है, हालांकि NSDL अपना Q2 रिजल्ट संभावित 13 नवंबर को जारी करेगी जिसके बाद ही दोनों के फाइनेंशियल का सही आंकलन संभव है. वहीं, NSDL का IPO सफल रहा और कंपनी की लागत घटने से मुनाफा बढ़ा है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.