सुरेश रैना का म्युचुअल फंड अकाउंट, धवन की प्रॉपर्टी अटैच, जानें दोनों के पास कितना पैसा और कहां निवेश

ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भारतीय क्रिकेटरों सुरेश रैना और शिखर धवन पर कार्रवाई की है. एजेंसी ने दोनों खिलाड़ियों की कुल 11.14 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच कर ली है. इनमें से रैना की 6.64 करोड़ रुपये की और धवन की 4.5 करोड़ रुपये की संपत्ति शामिल है.

शिखर धवन और सुरेश रैना

ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन के खिलाफ सख्त कदम उठाया है. एजेंसी ने दोनों की कुल 11.14 करोड़ रुपये की संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच कर ली हैं. इनमें से रैना की 6.64 करोड़ रुपये और धवन की 4.5 करोड़ रुपये की संपत्ति शामिल है. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) 2002 के तहत की गई है.

शिखर धवन की कौन सी संपत्ति हुई अटैच और कितने हैं अमीर?

ईडी ने शिखर धवन की 4.5 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है. शिखर धवन भारत के सबसे फेमस ओपनिंग बल्लेबाजों में से एक हैं और उन्होंने अपनी क्रिकेट लोकप्रियता को एक मजबूत आर्थिक साम्राज्य में बदल दिया है. SportsDunia.com की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में धवन की कुल नेटवर्थ 145 से 155 करोड़ रुपये के बीच है.

शिखर धवन ने कहां किया है निवेश?

उनकी सबसे बड़ी संपत्ति रियल एस्टेट निवेश हैं. धवन के पास दिल्ली और मुंबई में लग्जरी प्रॉपर्टीज हैं, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 13 करोड़ रुपये है. इसके अलावा उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के Clyde North में करीब 6.7 करोड़ रुपये का एक शानदार अपार्टमेंट भी खरीदा है.

कितना है गाड़ियों का कलेक्शन?

धवन को लग्जरी कारों और बाइक्स का भी बहुत शौक है. उनके पास Audi और Mercedes GL350 CDI जैसी हाई-एंड कारें हैं. वहीं बाइक कलेक्शन में Kawasaki Ninja ZX-14R, Royal Enfield Himalayan, Suzuki Hayabusa और Harley-Davidson Fat Boy शामिल हैं.

क्रिकेट के अलावा यहां से कमाते हैं सबसे ज्यादा

इसके अलावा, ब्रांड एंडोर्समेंट के मामले में भी धवन की कमाई शानदार है. उनके व्यक्तित्व और करिश्माई स्टाइल ने उन्हें कई बड़ी कंपनियों का पसंदीदा चेहरा बना दिया. उन्होंने Boat, Mutual Funds Sahi Hai, Oppo, Lay’s, Dream11, GS Caltex, Acko Insurance, Nerolac, Jio और Alcis Sports जैसे बड़े ब्रांड्स के साथ काम किया है. इन डील्स से उन्होंने करोड़ों रुपये की कमाई की है.

सुरेश रैना की कौन सी प्रॉपर्टी हुई अटैच और कितना है पैसा?

ईडी ने सुरेश रैना के नाम पर 6.64 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड निवेश को अटैच किया है. एजेंसी के अनुसार, यह अटैचमेंट उस जांच का हिस्सा है जिसमें संदिग्ध वित्तीय लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. सुरेश रैना, जिन्हें Mr. IPL कहा जाता है, भारत के सबसे लोकप्रिय क्रिकेटरों में से एक रहे हैं. उनकी 2025 की नेटवर्थ लगभग 200 करोड़ रुपये है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अपने आईपीएल करियर में करीब 110 करोड़ रुपये की कमाई की.

रैना ने कहां किया है निवेश?

रैना ने बिजनेस और सोशल वेंचर की दुनिया में भी कदम रखा. उन्होंने अपनी पत्नी प्रियंका चौधरी रैना के साथ मिलकर Maate Babycare नाम की एक आयुर्वेदिक बेबीकेयर कंपनी शुरू की है. इसके अलावा उन्होंने Gracia Raina Foundation की स्थापना की, जो मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर काम करती है. उन्होंने कुछ स्टार्टअप्स में निवेश भी किया है, जैसे Sahicoin, जो ब्लॉकचेन और क्रिप्टो जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है, और New Leaf Dynamic Technologies, जो ऑफ-ग्रिड रेफ्रिजरेशन सिस्टम बनाती है. इन दोनों प्रोजेक्ट्स की कुल वैल्यू करीब 20 करोड़ रुपये है.

ब्रांड एंडोर्समेंट में भी रैना ने कई बड़े नामों के साथ काम किया है. वे PepsiCo, Boost Energy, Adidas, Maggi, Timex Watches, Intex Mobiles, 1XBET, Booking.com और RummyCulture जैसे ब्रांड्स के साथ जुड़े रहे हैं. इन डील्स से उन्होंने 40 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है.

कैसे शुरू हुआ मामला?

इस केस की शुरुआत कई राज्यों की पुलिस में दर्ज एफआईआर से हुई थी, जिनमें अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म 1xBet और उसके सहयोगी ब्रांड्स 1xBat और Sporting Lines पर धोखाधड़ी, अवैध लेनदेन और ऑनलाइन जुए को बढ़ावा देने जैसे गंभीर आरोप लगे थे. इन एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया और जांच शुरू की.

रैना और धवन कैसे आए ईडी के शिकंजे में?

ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि सुरेश रैना और शिखर धवन, दोनों ने कुछ विदेशी कंपनियों के साथ ब्रांड एंडोर्समेंट डील्स की थीं. इन कंपनियों का सीधा या परोक्ष संबंध 1xBet और उसकी सहयोगी कंपनियों से था. खिलाड़ियों को जो पेमेंट किया गया, वह रकम विदेशी रास्तों से होकर आई ताकि वह वैध प्रमोशनल इनकम लगे. लेकिन ईडी के मुताबिक, यह वही पैसा था जो अवैध सट्टेबाजी से कमाया गया था. यानी, भले ही खिलाड़ियों ने इसे सामान्य विज्ञापन के रूप में किया हो, लेकिन पैसे का सोर्स गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़ा था. इसी कारण यह डील्स मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आती हैं.

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