अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी, लोन फ्रॉड का है मामला

Anil Ambani: लुकआउट सर्कुलर व्यक्तियों को प्रॉसिक्यूशन से बचने के लिए देश छोड़ने से रोकता है. यह कदम एजेंसी द्वारा 24 जुलाई को अंबानी की कंपनियों से जुड़े कई परिसरों पर की गई छापेमारी के बाद उठाया गया है. जांचकर्ता एक संभावित लेन-देन की भी जांच कर रहे हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि यस बैंक के प्रमोटरों को लोन स्वीकृत होने से कुछ समय पहले ही वित्तीय लाभ प्राप्त हुए थे.

अनिल अंबानी Image Credit: Getty image

Anil Ambani: इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने रिलायंस धीरूभाई अंबानी समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ कथित 3,000 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड के मामले में लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. अंबानी को मंगलवार को ईडी के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया है. लुकआउट सर्कुलर किसी भी व्यक्ति को अभियोजन से बचने के लिए देश छोड़ने से रोकता है.

लोन धोखाधड़ी की जांच

लुकआउट सर्कुलर व्यक्तियों को प्रॉसिक्यूशन से बचने के लिए देश छोड़ने से रोकता है. यह कदम एजेंसी द्वारा 24 जुलाई को अंबानी की कंपनियों से जुड़े कई परिसरों पर की गई छापेमारी के बाद उठाया गया है. लोन धोखाधड़ी की जांच यस बैंक लिमिटेड द्वारा 2017 और 2019 के बीच अंबानी समूह की कंपनियों को दिए गए ऋणों पर केंद्रित है. ईडी को संदेह है कि लोन की राशि का एक हिस्सा अवैध रूप से डायवर्ट किया गया होगा.

ट्रांजेक्शन की हो रही जांच

जांचकर्ता एक संभावित लेन-देन की भी जांच कर रहे हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि यस बैंक के प्रमोटरों को लोन स्वीकृत होने से कुछ समय पहले ही वित्तीय लाभ प्राप्त हुए थे. इस घटनाक्रम के जवाब में रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने 26 जुलाई को स्टॉक एक्सचेंजों को बयान जारी कर कहा था कि ईडी की कार्रवाई का उनके व्यावसायिक ऑपरेशन, वित्तीय स्थिति और अन्य वित्तीय पहलुओं पर ‘बिल्कुल कोई प्रभाव नहीं’ पड़ा है.

इस साल जून में भारतीय स्टेट बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसके प्रमोटर अनिल अंबानी के खाते को ‘फ्रॉड’ घोषित किया. फिर भारतीय रिजर्व बैंक को सूचित किया और सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई. तब से जांचकर्ताओं ने शेल कंपनियों के एक नेटवर्क के जरिए सार्वजनिक धन के संदिग्ध दुरुपयोग की व्यापक जांच के तहत मुंबई और दिल्ली स्थित समूह के कार्यालयों से दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए हैं.

सिक्योरिटीज मार्केट से किया जा चुका है बैन

इससे पहले सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अनिल अंबानी और समूह के कई वरिष्ठ अधिकारियों को सिक्योरिटीज मार्केट से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था और रिलायंस होम फाइनेंस से कथित तौर पर पैसे की हेराफेरी के लिए उन पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया था.

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