मुथूट ग्रुप के MD की मुश्किलें बढ़ी, निवेशकों से धोखाधड़ी के मामले में ED ने की पूछताछ, जानें पूरी खबर

मुथूट ग्रुप के एमडी जॉर्ज अलेक्जेंडर से ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में पूछताछ की है. कंपनी पर आरोप है कि मुथूट फाइनेंस के ब्रांच मैनेजरों ने निवेशकों को 8-12% रिटर्न का लालच देकर निवेश कराया और धनराशि दूसरी कंपनी में भेज दी जिससे निवेशकों को नुकसान हुआ.

मुथूट ग्रुप के एमडी Image Credit: canva & money9live

मुथूट ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर जॉर्ज अलेक्जेंडर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पीटीआई ने सोर्सेज के हवाले से बताया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को केरल स्थित मुथूट ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर जॉर्ज अलेक्जेंडर से निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने से जुड़े के मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) के मामले में पूछताछ की है. ईडी की कोच्चि जोनल यूनिट ने केरल पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर का संज्ञान लेते हुए पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया है. शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों, मुख्य रूप से मुथूट फाइनेंस के ब्रांच मैनेजरों ने निवेशकों को कुछ निश्चित फिक्सड डिपॉजिट और कन्वर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) पर 8 से 12 प्रतिशत के रिटर्न का प्रलोभन दिया लेकिन धनराशि ‘श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड’ नामक कंपनी में भेज दी.

क्या है पूरा मामला

कोच्चि पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ताओं (निवेशकों) ने आरोप लगाया है कि मुथूट फाइनेंस के ब्रांच मैनेजरों ने निवेशकों को 8-12 प्रतिशत के रिटर्न का लालच देकर कुछ फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) में निवेश करने के लिए कथित तौर पर फुसलाया.

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि बाद में आरोपियों ने यह धनराशि श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड नामक कंपनी में ट्रांसफर कर दी.

पीटीआई को सोर्सेज ने बताया कि आरोपियों ने स्रई इक्विपमेंट फाइनेंस को मुथूट ग्रुप की सहयोगी कंपनी के रूप में गलत तरीके से पेश किया. निवेशकों का कहना है कि इस कथित धोखाधड़ी के कारण निवेश की अवधि पूरी होने पर भी उन्हें रकम वापस नहीं मिली और वे ठगे गए.

RBI ने मुथूट फिनकॉर्प पर लगाया जुर्माना

पीटीआई के अनुसार, एक अन्य मामले में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 26 सितंबर को मुथूट फिनकॉर्प पर इंटरनल ऑम्बड्समैन से संबंधित कुछ नियमों का पालन न करने के लिए ₹2.7 लाख का जुर्माना लगाया.

केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह 31 मार्च, 2024 तक किए गए कानूनी निरीक्षण पर आधारित था. कंपनी से कारण बताने को कहा गया था कि निर्देशों का पालन न करने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए.

RBI ने कहा कि मुथूट फिनकॉर्प उन शिकायतों को अपने इंटरनल ऑम्बड्समैन के पास भेजने का सिस्टम स्थापित करने में विफल रही.
हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों के आधार पर लगाया गया है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय देना नहीं है.