PF में जमा होगा ज्यादा पैसा, सरकार बढ़ाएगी मिनिमम वेज लिमिट! छोटी कंपनियां भी दायरे में आएंगी
EPFO: सरकार प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी देने की तैयारी में हैं. बस ये समझ लीजिए कि इससे आपके पीएफ अकाउंट में ज्यादा पैसा आने लगेगा...

मोदी सरकार ईपीएफओ (EPFO) के तहत आने वाले कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में हैं. जल्द ही सरकार मिनिमम सैलेरी लिमिट को बढ़ाने का फैसला कर सकती है जो अभी 15000 रुपये है. इससे कर्मचारियों की बेसिक सैलेरी तो बढ़ेगी ही साथ ही उनके पीएफ अकाउंट में भी ज्यादा पैसा आएगा. इसके साथ ही सरकार, ईपीएफओ के दायरे में आने वाली कंपनियों में मौजूद कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या की सीमा को घटाने पर भी विचार कर रही है. ऐसा कर सरकार ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को ईपीएफओ के दायरे में लाना चाहती है ताकि कर्मचारियों की सामाजिक सुरुक्षा में बढ़ोतरी हो सके.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार मिनिमम सैलेरी लिमिट (Minimum Wage Ceiling) को बढ़ाने और ईपीएफओ के तहत ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को शामिल करने के लिए कर्मचारियों की न्यूनतम सीमा को घटाने की योजना बना रही है.
सरकार कर सकती है 2 बड़े बदलाव
पहला, फिलहाल मिनिमम सैलेरी लिमिट 15 हजार रुपये है. सरकार इसे बढ़ाकर 21 हजार रुपये करने की योजना पर काम कर रही है. इससे कर्मचारियों को तीन फायदे होंगे. एक तो उनकी बेसिक सैलेरी बढ़ेगी, इसके साथ ही उनका पीएफ भी बढ़ जाएगा और रिटायर होने तक पेंशन फंड में भी अच्छा पैसा जमा हो जाएगा.
दूसरा, इसके अलावा सरकार कंपनियों के लिए न्यूनतम कर्मचारियों की संख्या सीमा को घटाने पर भी विचार कर रही है. फिलहाल किसी कंपनी में 20 या इससे अधिक कर्मचारी होने पर ही पीएफ कटता है लेकिन सरकार इस संख्या को घटाकर 10-15 कर सकती है. ऐसा होता है तो अगर किसी कंपनी में 10-15 कर्मचारी भी काम कर रहे हैं तो उनका पीएफ भी कटेगा.
इस बदलाव से कर्मचारियों को फायदा होगा और ईपीएफओ के दायरे में ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी शामिल होंगे जिससे पीएफ फंड बड़ा होगा. हालांकि एंप्लॉयर पर बोझ बढ़ सकता है क्योंकि एंप्लॉयर सैलेरी की 12% पीएफ फंड में डालता है, अब मिनिमम सैलेरी लिमिट बढ़ने से उसे ज्यादा पैसा जमा करना होगा, साथ ही जिन कंपनियों में 20 से कम कर्मचारी काम करते थे उन्हें पीएफ में कोई अंशदान नहीं करना पड़ता था। लेकिन इस बदलाव के बाद 10-15 कर्मचारी होने पर भी उन्हें पीएफ में अंशदान करा होगा.
10 साल बाद बदलने जा रहा नियम?
दरअसल इससे पहले सरकार ने मिनिमम सैलेरी लिमिट को 10 साल पहले यानी 2014 में बढ़ाया था. तब सैलेरी लिमिट 6500 रुपये थी जिसे 2014 में बढ़ा कर 15 हजार रुपये कर दिया गया था. अब फिर करीब 10 साल बाद मिनिमम सैलरी लिमिट बढ़ाने की तैयारी है।
Latest Stories

Big Picture: रेयर अर्थ मटेरियल बने चीन के हथियार, ट्रेड वार में भारत सहित पूरी दुनिया की हो रही हार

ये ऑटो ड्राइवर महीने में करता है 8 लाख रुपये तक कमाई, जानें कैसे होती है बिना गाड़ी चलाए इतनी इनकम

Starlink के खिलाफ लामबंद हुए Jio-Airtel, सैटेलाइट स्पेक्ट्रम फीस को लेकर खोला मोर्चा
