अब ऑनलाइन नहीं मिलेगा 10 वाला Parle-G, ये छोटे पैक भी होंगे ऐप से गायब, किराना स्टोर्स को संजीवनी
ऑनलाइन ऐप पर खाने-पीने के प्रोडक्ट की बिक्री बढ़ने की वजह से किराना स्टोर्स का वजूद खतरे में आ गया है. इसे बचाने के लिए पारले, हिंदुस्तान यूनिलीवर और अदानी विल्मर जैसी कंपनियां आगे आई हैं. उन्होंने क्विक कॉमर्स के लिए अलग रेट लिस्ट वाली पैकेजिंग पेश की है.

FMCG Products in quick commerce: आपका पसंदीदा 10 रुपये वाला पारले-जी का पैकेट अब जल्द ही ऑनलाइन ऐप से गायब होने वाला है. इसके साथ ही, दूसरे कंज्यूमर प्रोडक्ट जैसे- नमकीन, बिस्कुट आदि के रेगुलर पैक भी अब धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं. क्योंकि कंपनियां किराना स्टोर्स को बचाने और खरीददारी की बदलती आदतों के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश कर रही हैं.
हिंदुस्तान यूनिलीवर, ITC, पारले प्रोडक्ट्स और अदानी विल्मर जैसी कंपनियों ने क्विक कॉमर्स के लिए खासतौर पर अलग-अलग रेट पर पैकेज लॉन्च करना शुरू कर दिया है. इंडस्ट्री से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि ये ट्रेंड आगे और भी मजबूत होगी. क्विक कॉमर्स के आने की वजह से जनरल स्टोर्स पर खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में पारले ने पारले-जी, हाइड एंड सीक, क्रैक जैक और मोनाको जैसे लोकप्रिय ब्रांड्स के लिए ₹50-100 के नए पैक लॉन्च किए हैं. छोटे बिस्कुट पैक, जो ₹30 तक कीमत वाले हैं, केवल ऐसे प्रोडक्ट महज किराना स्टोर्स पर उपलब्ध होंगे. वहीं, बड़े रिटेल चेन जैसे रिलायंस और डीमार्ट, जो मासिक खरीदारी के लिए लोकप्रिय हैं वहां ₹120-150 के पैक उपलब्ध होंगे.
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक पारले के उपाध्यक्ष मयंक शाह का कहना है कि क्विक कॉमर्स ने किराना के लिए बने छोटे पैक को बेचना शुरू कर दिया था, जिससे जनरल ट्रेड के लिए मुश्किलें खड़ी हों गई थीं, इसलिए कंपनी ने अपनी रणनीति बदली और क्विक कॉमर्स के लिए अलग पैक लॉन्च किए हैं.
क्विक कॉमर्स के लिए लाए अलग पैकेजिंग
ITC ने इंगेज परफ्यूम, सैवलोन हैंडवॉश और मंगलदीप अगरबत्ती जैसे ब्रांडों के लिए अलग क्विक कॉमर्स पैक शुरू किए हैं. वहीं अदानी विल्मर, जो देश की सबसे बड़ी पैकेज्ड एडिबल ऑयल कंपनी है इसने क्विक कॉमर्स के लिए खाना बनाने के तेल और दालों जैसी जरूरी चीजों के लिए एक अलग ब्रांड लॉन्च करने की योजना बना रही है. हिंदुस्तान यूनिलीवर ने भी अलग पैक लॉन्च करना शुरू कर दिया है.
बिक्री में हुआ दोगुना इजाफा
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार क्विक कॉमर्स ने इन कंपनियों की ई-कॉमर्स बिक्री में 2024 में 35-40% योगदान दिया, जो पिछले साल की तुलना में दोगुना है. क्विक कॉमर्स जब शुरुआत में लॉन्च हुआ तो यह महज लास्ट मोंमेंट यानी इमरजेंसी में खरीदारी के लिए एक विकल्प था, लेकिन अब यह सबसे तेजी से बढ़ता हुआ बिक्री चैनल बन गया है. इससे किराना स्टोर्स की बिक्री प्रभावित होने लगी. जिसकी वजह से उपभोक्ता माल के वितरकों ने क्विक कॉमर्स प्लेटफार्मों के कामकाज की सरकारी जांच की मांग की थी. ईटी की रिपोर्ट में हिंदुस्तान यूनिलीवर के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया कि क्विक कॉमर्स और किराना स्टोर्स एक साथ रह सकते हैं, क्योंकि कस्टमर्स अलग-अलग प्रयोजनों के लिए अलग-अलग खरीदारी करते हैं.
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