Calvin Klein से Tommy Hilfiger तक, भारत में विदेशी ब्रांड्स के लिए ये दो देसी कंपनियां हैं गॉडफादर

विदेशी फैशन ब्रांड्स भारत में तेजी से अपनी पकड़ बना रहे हैं, लेकिन वे सीधे एंट्री नहीं कर सकते. ऐसे में भारतीय कंपनियां Aditya Birla Fashion & Retail Ltd. (ABFRL) और Arvind Fashions Ltd. (AFL) इन ब्रांड्स के लिए महत्वपूर्ण साझेदार बन रही हैं. Calvin Klein, Tommy Hilfiger, US Polo Assn., Forever 21 जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स इन कंपनियों के सहयोग से भारत में विस्तार कर रहे हैं. अब सवाल यह है—कौन सी भारतीय कंपनी इस रेस में आगे है और कैसे ये कंपनियां विदेशी ब्रांड्स को भारतीय बाजार में स्थापित कर रही हैं? इस रिपोर्ट में जानिए पूरा विश्लेषण!

Aditya Birla और Arvind Fashions की जंग Image Credit: Money9 Live

Aditya Birla Fashion & Retail Ltd. VS Arvind Fashions Ltd: भारत तेजी से बदलते फैशन ट्रेंड्स को अपनाने में काफी आगे रहता है. यहां अमूमन हर कोई नई स्टाइल का हिस्सा बनने की कोशिश करता है. यही वजह है कि भारत पूरी दुनिया के लिए एक प्रमुख कंज्यूमर मार्केट बन गया है. ऐसे में कई इंटरनेशनल ब्रांड की चाह होती है भारत में एंट्री करना और सक्सेसफुल बनना, लेकिन यहां के बाजार में अकेले अपनी पहचान बनाना उनके लिए आसान नहीं होता. ऐसे में वे उन भारतीय कंपनियों का सहारा लेते हैं, जो पहले से मजबूत रिटेल नेटवर्क और बाजार में उपस्थिति रखती हैं. खासतौर पर, Aditya Birla Fashion & Retail Ltd. (ABFRL) और Arvind Fashions Ltd. (AFL) दो प्रमुख कंपनियां हैं, जो विदेशी एपेरल ब्रांड्स को भारतीय बाजार में स्थापित करने में अहम भूमिका निभा रही हैं.

इसी वजह से दोनों कंपनियों के बीच कंपटीशन जबरदस्त है. दोनों इस होड़ में लगी रहती हैं कि कौन ज्यादा प्रतिष्ठित वैश्विक ब्रांड्स को भारत में लाने में सफल रहता है. ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि कैसे ये कंपनियां वैश्विक ब्रांड्स के लिए भारत में प्रवेशद्वार बनी हैं और उनके बीच क्या मुकाबला है.

भारत में विदेशी ब्रांड्स की एंट्री

भारत में विदेशी फैशन ब्रांड्स को अपने दम पर कारोबार शुरू करने में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. भारतीय बाजार की संरचना, कानूनी प्रक्रिया, उपभोक्ताओं की पसंद और खुदरा नेटवर्क जैसी बाधाएं अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स को स्थानीय साझेदारों के साथ जुड़ने के लिए मजबूर करती हैं. यही कारण है कि Calvin Klein, Tommy Hilfiger, US Polo Assn., Forever 21 जैसे बड़े नाम भारतीय कंपनियों के सहयोग से ही यहां अपनी जगह बना पाए हैं.

आदित्य बिरला फैशन और अरविंद फैशन इस मामले में सबसे आगे हैं. ये दोनों कंपनियां भारत में अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के लिए एक्सक्लूसिव लाइसेंस होल्डर बनकर उन्हें मार्केट में स्थापित करने में मदद करती हैं. इसके अलावा, इन कंपनियों के खुद के भी कई ब्रांड्स हैं जो इन्हें भारतीय फैशन बाजार का बड़ा खिलाड़ी बनाते हैं.

Aditya Birla Fashion & Retail Ltd. VS Arvind Fashions Ltd.

आदित्य बिरला फैशन भारत की सबसे बड़ी फैशन रिटेल कंपनियों में से एक है. यह विभिन्न ब्रांड्स के जरिए से हर कैटेगरी के ग्राहकों को साधने की कोशिश करती है.
ABFRL के पास अंतरराष्ट्रीय और भारतीय ब्रांड्स का मजबूत पोर्टफोलियो है. इसके अंतर्गत Van Heusen, Allen Solly, Peter England, Louis Philippe जैसे लोकप्रिय भारतीय ब्रांड्स आते हैं, वहीं Reebok, Forever 21, American Eagle, The Collective, Ralph Lauren, Ted Baker, Hackett, Fred Perry जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के लिए यह भारत में काम करता है.

अरविंद फैशन लिमीटेड, Arvind Limited का फैशन डिवीजन है. कंपनी की शुरुआत टेक्सटाइल और डेनिम मैन्युफैक्चरिंग से हुई थी लेकिन अब यह भारत में कई विदेशी ब्रांड्स के लिए एक्सक्लूसिव लाइसेंस होल्डर बन चुकी है. AFL के पास भी अंतरराष्ट्रीय और भारतीय ब्रांड्स का व्यापक पोर्टफोलियो है. इसमें US Polo Assn., Arrow, Flying Machine, Tommy Hilfiger, Calvin Klein, Unlimited, Sephora जैसे बड़े ब्रांड शामिल हैं.

ABFRL ने बड़े पैमाने पर विविधता अपनाई है और लग्जरी ब्रांड्स पर अधिक फोकस किया है. AFL का ध्यान अधिकतर मिड-रेंज और युवा उपभोक्ताओं पर है.

कारोबार का मॉडल

ABFRL का रिटेल नेटवर्क AFL की तुलना में कहीं अधिक विस्तृत है. इसके 4,664 से अधिक ब्रांडेड स्टोर्स और 37,205 मल्टी-ब्रांड आउटलेट्स हैं, जबकि AFL के पास 1,300 स्टोर्स ही हैं. ABFRL के वेबसाइट पर दी जानकारी के मुताबिक, कंपनी भारत के सबसे बड़े फैशन रिटेल नेटवर्क में से एक संचालित करता है. इसके तहत:

  • 4,664 से अधिक स्टोर
  • 37,205 मल्टी-ब्रांड आउटलेट्स
  • 9,563 शॉप-इन-शॉप स्टोर्स
  • 11.9 मिलियन वर्ग फीट का रिटेल स्पेस

AFL की रणनीति ब्रांडेड अपैरल और लाइसेंस्ड इंटरनेशनल ब्रांड्स के संयोजन पर आधारित है.इसका मतलब है कि कंपनी अपने खुद के ब्रांड के तहत कपड़े बनाती और बेचती तो है ही साथ ही वह अन्य बड़े ब्रांडों के साथ मिलकर उनके नाम पर कपड़े बनाती है. कंपनी के वेबसाइट पर दी जानकारी के मुताबिक कंपनी के नेटवर्क के तहत:

  • 1,300 से अधिक स्टैंडअलोन स्टोर्स
  • 5,000 मल्टी-ब्रांड आउटलेट्स
  • 192 से अधिक शहरों में उपस्थिति
  • हर सीजन 30 मिलियन से अधिक नए उत्पाद पेश करना

वित्तीय प्रदर्शन

Trendlyne के रिपोर्ट के मुतबिक, सितंबर 2024 तिमाही में, ABFRL का रेवेन्यू 3,317 करोड़ रुपये था जो सालाना 9.1% की वृद्धि दर्शाता है. हालांकि, कंपनी को 195 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जो -160.5% की गिरावट को दर्शाता है. वार्षिक स्तर पर भी मार्च 2024 में कंपनी ने 178 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है. सितंबर 2024 तिमाही में, AFL का रेवेन्यू 277 करोड़ रुपये था जो सालाना 37.4% की वृद्धि को दर्शाता है. कंपनी को 61 करोड़ रुपये का लाभ हुआ, जो 348.1% की वृद्धि है. हालांकि, मार्च 2024 के वार्षिक नतीजों में कंपनी को 11 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.

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हालांकि ABFRL का रेवेन्यू AFL से अधिक है, लेकिन AFL ने प्रॉफिट दर्ज किया है, जबकि ABFRL को भारी नुकसान हुआ. हालांकि ABFRL के पास अधिक ब्रांड्स और बड़ा रिटेल नेटवर्क है, लेकिन AFL ने मुनाफा कमाने में सफलता हासिल की है. दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा जारी है कि कौन अधिक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स को भारत में लाकर फैशन उद्योग में अपना वर्चस्व बनाए रखता है.