GST रिटर्न फाइल करने का आखिरी मौका! जुलाई 2025 से बंद होगा 3 साल पुराने रिटर्न भरने का ऑप्शन
अगर आपने पिछले सालों का GST रिटर्न अभी तक नहीं भरा है, तो अब समय निकालिए और फाइल कर दीजिए, क्योंकि जुलाई 2025 से तीन साल पुराने रिटर्न भरने की अनुमति बंद कर दी जाएगी. GSTN ने स्पष्ट चेतावनी जारी की है कि डेडलाइन के तीन साल बाद कोई भी टैक्सपेयर्स अपना GST रिटर्न फाइल नहीं कर पाएगा.

Goods & Services Tax: अगर आपने पिछले सालों का GST रिटर्न अभी तक नहीं भरा है, तो अब समय निकालिए और फाइल कर दीजिए, क्योंकि जुलाई 2025 से तीन साल पुराने रिटर्न भरने की अनुमति बंद कर दी जाएगी. GSTN (Goods and Services Tax Network) ने शनिवार को इस बारे में स्पष्ट चेतावनी जारी की है. उनका साफ कहना है कि डेडलाइन के तीन साल बाद कोई भी टैक्सपेयर्स अपना GST रिटर्न फाइल नहीं कर पाएगा. ये नियम GSTR-1, GSTR-3B और GSTR-9 जैसे प्रमुख रिटर्न्स पर लागू होगा.
क्यों लाया गया ये बदलाव?
दरअसल ये वित्त अधिनियम 2023 (Finance Act, 2023) की वजह से हुआ है. इसमें साफ कर दिया गया कि रिटर्न फाइलिंग की समय सीमा अब तीन साल से ज्यादा नहीं होगी. अब इसे GST पोर्टल पर भी तकनीकी रूप से लागू किया जा रहा है, ताकि कोई इसे नजरअंदाज न कर सके.
GSTN की एडवाइजरी में कहा गया है कि जुलाई 2025 के टैक्स पीरियड से यह बदलाव लागू होगा. इसलिए जिन लोगों ने अब तक पुराने रिटर्न फाइल नहीं किए हैं, वे तुरंत अपनी बकाया रिटर्न भरें.
CBIC ने भी मोर्चा संभाला
CBIC – सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स ने पहले ही अपने सभी फील्ड ऑफिसों को निर्देश दे दिए हैं कि वे टैक्सपेयर्स को इस नए नियम के बारे में जागरूक करें. उन्हें समझाएं कि रिकॉर्ड्स को तुरंत मिलाएं और जितनी जल्दी हो सके, लंबित रिटर्न्स फाइल करें.
तो अगर आपने पुराना कोई GST रिटर्न फाइल नहीं किया है तो अब देर बिल्कुल मत कीजिए. अपने अकाउंटेंट या फाइनेंशियल एक्सपर्ट से मिलिए. रिकॉर्ड्स मिलाइए और जितनी जल्दी हो सके, सबमिट कर दीजिए. क्योंकि जुलाई 2025 के बाद तीन साल से पुराने फाइलिंग का रास्ता हमेशा के लिए बंद हो जाएगा.
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम का मुख्य उद्देश्य टैक्स सिस्टम में अनुशासन बढ़ाना है. सरकार चाहती है कि टैक्सपेयर्स समय पर अपनी जिम्मेदारियां निभाएं. बिजनेस करने वालों के लिए ये चेतावनी बहुत मायने रखती है. अगर उन्होंने समय पर रिटर्न फाइल नहीं किया, तो न सिर्फ भारी पेनल्टी लगेगी, बल्कि उनके ग्राहकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) भी नहीं मिल पाएगा.
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