‘मैन्युफैक्चरिंग हब’ बनने की राह पर भारत, जबरदस्त उछाल के साथ ₹1.95 लाख करोड़ पहुंचा इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट, iPhone ने किया कमाल

भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में 42% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज हुई है जो FY2026 की पहली छमाही में 22.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. एप्पल आईफोन इसका प्रमुख हिस्सा है. तेजी से बढ़ती यह कैटेगरी पेट्रोलियम उत्पादों को पीछे छोड़कर अगले दो वर्षों में दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट सेक्टर बन सकता है.

इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में जबरदस्त उछाल Image Credit: canva

भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है. कॉमर्स मिनिस्ट्री के ताजा आंकड़ों के अनुसार, FY2025-26 की पहली छमाही में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 42% बढ़कर 22.2 बिलियन डॉलर यानी 1.95 लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया है जो पिछले साल की समान अवधि में 15.6 बिलियन डॉलर था. इनमें से लगभग आधा एक्सपोर्ट सिर्फ एप्पल के आईफोन का है. यह तेजी भारत के एक्सपोर्ट सिनेरियो में ऐतिहासिक बदलाव का संकेत दे रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स जल्द ही पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को पछाड़कर देश की दूसरी सबसे बड़ी एक्सपोर्ट कैटेगरी बन सकती है. वर्तमान में यह कैटेगरी तीसरे स्थान पर है और सबसे तेजी से बढ़ने वाली कैटेगरी बनी हुई है. अगर यही रफ्तार जारी रही तो आने वाले दो वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स, पेट्रोलियम को पीछे छोड़कर इंजीनियरिंग गुड्स के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट सेक्टर बन सकता है. यह न सिर्फ व्यापारिक संरचना में बदलाव का संकेत है बल्कि भारत के ‘मैन्युफैक्चरिंग हब’ बनने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है.

इंजीनियरिंग गुड्स का एक्सपोर्ट है टॉप पर

भारत के पेट्रोलियम एक्सपोर्ट में जहां गिरावट दर्ज की जा रही है. वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है. FY23 में जहां इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपॉर्ट 23.5 अरब डॉलर था वह FY25 में बढ़कर 38.5 अरब डॉलर हो गया है. अनुमान है कि FY26 तक यह दोगुना होकर लगभग 47 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. कॉमर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में इंजीनियरिंग गुड्स का एक्सपोर्ट 5.35% बढ़कर 59.3 अरब डॉलर हुआ है और वह शीर्ष पर बना हुआ है जबकि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट 16.4% घटकर 30.6 अरब डॉलर रह गया है. FY23 में पेट्रोलियम निर्यात 97.4 अरब डॉलर था जो FY25 तक घटकर 63.3 अरब डॉलर रह गया है.

विशेषज्ञों का मानना है कि रूस से कच्चे तेल की खरीद पर लगाई गई सीमाओं और अमेरिकी दबाव के चलते पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट में गिरावट आई है, जबकि वैश्विक स्तर पर स्मार्टफोन, सेमीकंडक्टर और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग में तेजी से भारत को बड़ा फायदा मिल रहा है.

किस कैटेगरी की क्या रैंकिंग है

FY22 की एक्सपोर्ट रैंकिंग

रैंकिंगकैटेगरी
1इंजीनियरिंग वस्तुएं (Engineering goods)
2पेट्रोलियम उत्पाद (Petroleum products)
3रत्न और आभूषण (Gems and jewellery)
4रसायन (Chemicals)
5दवाएं और फार्मा (Drugs and pharma)
6रेडीमेड वस्त्र (Readymade garments)
7इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics)

FY24 की एक्सपोर्ट रैंकिंग

रैंकिंगकैटेगरी
1इंजीनियरिंग वस्तुएं (Engineering goods)
2पेट्रोलियम उत्पाद (Petroleum products)
3रत्न और आभूषण (Gems and jewellery)
4रसायन (Chemicals)
5इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics)

FY25 की एक्सपोर्ट रैंकिंग


रैंकिंग
कैटेगरी
1इंजीनियरिंग वस्तुएं (Engineering goods)
2पेट्रोलियम उत्पाद (Petroleum products)
3इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics)
4रत्न और आभूषण (Gems and jewellery)
5रसायन (Chemicals)

आईफोन मैन्युफैक्चरिंग का कमाल

आईफोन मैन्युफैक्चरिंग में भारत की बढ़ती भूमिका इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह है. एप्पल ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में अपने प्रोडक्शन को कई गुना बढ़ाया है जिससे एक्सपोर्ट में भारी उछाल आया है. देश में “मेक इन इंडिया” पहल और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना ने भी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग को नई रफ्तार दी है.

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