मंदिर से शुरू हुआ ब्रांड बना 120 करोड़ का साम्राज्य, एक इंस्टाग्राम पोस्ट ने इस ज्वैलरी कंपनी की बदल दी किस्मत
तमिलनाडु के एक छोटे से मंदिर से शुरू हुई यह कहानी अब दुनिया भर में भारतीय आभूषणों की पहचान बन चुकी है. एक वायरल फोटो, एक सोच और परंपरा के जज्बे ने ऐसा बिजनेस खड़ा किया कि लोग आज इसे ‘इमोशनल मार्केटिंग’ का सबसे बड़ा उदाहरण मानते हैं.
इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग और AI कैंपेन के दौर में एक ऐसा ब्रांड उभरा है, जिसने न डेटा का सहारा लिया, न किसी बड़े स्टार का फिर भी उसपर लोगों का भरोसा बरकरार है. तमिलनाडु के एक छोटे से मंदिर से शुरू हुआ ये सफर आज 120 करोड़ रुपये के ग्लोबल ज्वेलरी ब्रांड में बदल चुका है. इसका नाम है Temple Gold Co.
मंदिर से मार्केट तक की कहानी
तमिलनाडु के 200 साल पुराने श्री मुथारामन मंदिर में सालों से पुजारी और कारीगर देवी-देवताओं के छोटे-छोटे सोने जड़े लॉकेट और चार्म्स बनाते थे. ये आभूषण भक्तों के लिए पूजा के बाद प्रसाद के रूप में दिए जाते थे. साल 2017 में एक यात्री ने इन handcrafted टुकड़ों में से एक की फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर की और लिखा – “Art purer than any jewellery store.” बस, वहीं से पॉपुलैरिटी की शुरुआत हुई.
यह तस्वीर वायरल हो गई और लोग पूछने लगे कि ऐसा डिजाइन कहां से मिलेगा. मंदिर के पुजारी की पोती मीनाक्षी, जो डिजाइन ग्रेजुएट थीं, ने इसमें मौका देखा. उन्होंने मंदिर-इंस्पायर्ड ज्वेलरी को लेकर एक छोटा ऑनलाइन स्टोर बनाया. देखते ही देखते ऑर्डर इतने बढ़ गए कि मांग पूरी करना मुश्किल हो गया.
ब्रांडिंग का मंत्र – ‘Wear Your Blessings’
उनके ब्रांड का नारा बना “Wear Your Blessings” यानी अपनी आस्था को पहनिए. हर डिजाइन को उन्होंने परंपरा और आधुनिकता का संगम बनाया.
ब्रांड ने कभी सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट नहीं किए. इसके बजाय उन्होंने मंदिर के असली कारीगरों को अपने कैंपेन का चेहरा बनाया. पैकेजिंग में भी भारतीयता झलकी, केसरिया रेशमी पाउच और चंदन की खुशबू वाले कार्ड, जिससे हर खरीद ग्राहक के लिए एक खुशनुमा अनुभव बन गया.
इस तरह Temple Gold Co. ने भावनाओं और संस्कृति को बिजनेस की भाषा में बदल दिया.
तगड़े फाइनेंस के साथ बना वैश्विक ब्रांड
सिर्फ पांच सालों में Temple Gold Co. ने 120 करोड़ रुपये का कारोबार पार कर लिया. आज ये ब्रांड 20 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट करता है. इसके “Festival Drops”, जैसे नवरात्रि या पोंगल के मौके पर लॉन्च होने वाले लिमिटेड एडिशन प्रोडक्ट लोगों में उत्सुकता और एक्सक्लूसिविटी पैदा करते हैं.
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आज Temple Gold Co. बिजनेस स्कूलों में ‘कल्चरल ब्रांडिंग’ की मिसाल के रूप में पढ़ाया जाता है. इसने साबित कर दिया कि असली ब्रांड वो नहीं जो एल्गोरिद्म से बने बल्कि वो जो लोगों की भावनाओं में बस जाएं.