सर्विस सेक्‍टर में तेजी से अर्थव्‍यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, 13 महीने के हाई पर PMI, नौकरियों के भी बने मौके

भारत की अर्थव्‍यवस्‍था लगातार आगे बढ़ रही है. देश के प्राइवेट सेक्‍टर में सबसे अच्‍छी और तेज ग्रोथ दर्ज की गई है. जिसकी वजह से पीएमआई 13 महीने के हाई पर पहुंच गया है. इस दौरान तमाम नई नौकरियों के अवसर भी बने हैं, तो क्‍या कहते हैं आंकड़े आइए नजर डालते हैं.

मई में प्राइवेट सेक्‍टर में दिखी तेजी Image Credit: money9

HSBC PMI: भारत का प्राइवेट सेक्टर मई में जोर पकड़ता नजर आया. HSBC फ्लैश इंडिया कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स के मुताबिक, प्राइवेट सेक्‍टर की रफ्तार ने 13 महीने के हाई पर पहुंच गया. अप्रैल में ये इंडेक्स 59.7 था, जो मई में उछलकर 61.2 पर पहुंच गया. PMI सर्वे के मुताबिक सर्विस सेक्टर की तेज रफ्तार और देश-विदेश से मजबूत डिमांड की वजह से बिजनेस और नौकरियों में जबरदस्त उछाल आया है. S&P ग्लोबल की ओर से तैयार इस सर्वे में ये भी सामने आया कि जनवरी के बाद पहली बार बिजनेस सेक्‍टर में बढ़ोतरी हुई है.

हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हल्की सुस्ती दिखी, लेकिन फिर भी HSBC फ्लैश इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI 58.3 पर रहा, जो अप्रैल के 58.2 से थोड़ा-सा ज्यादा है. ये आंकड़ा बताता है कि सेक्टर में सुधार की रफ्तार अभी भी शानदार है. HSBC की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग में हल्की कमी आई है, लेकिन सर्विस सेक्टर में नौकरियों की रफ्तार गजब की रही. ये भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूती से आगे बढ़ने की ओर इशारा कर रहा है.”

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क्‍यों आया उछाल?

देश और विदेश से मिले नए ऑर्डर और डिमांड उछाल की वजह से बिजनेस एक्टिविटी और नौकरियों में तेजी आई है. कंपनियों ने बताया कि डिमांड बढ़ने, टेक्नोलॉजी में निवेश और कैपेसिटी बढ़ाने की वजह से ग्रोथ हुई है. इस दौरान नए नौकरियों के भी रिकॉर्ड मौके बने हैं. दिसंबर 2005 के बाद पहली बार इतनी तेजी से जॉब क्रिएशन हुआ है. इनमें फुल-टाइम और पार्ट-टाइम, दोनों तरह की भर्तियां हुईं. इसके अलावा स्‍थायी और अस्‍थायी दोनों स्‍तर पर लोगों को नौकरी पर रखा गया.