6 वर्ष के निचले स्तर पर महंगाई, अप्रैल में 3.16 फीसदी रही, ब्याज दर में कटौती की उम्मीद बढ़ी

Retail Inflation के मोर्चे पर देश को बड़ी खुशखबरी मिली है. अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 3.16 फीसदी के स्तर पर रही. यह पिछले 6 वर्ष का निचला स्तर है. महंगाई दर के लगातार 4 फीसदी से नीचे रहने की वजह से आने वाले दिनो में रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और बढ़ गई है.

क्टूबर में CPI इनफ्लेशन घटकर 0.25 फीसदी पर आ गया है. Image Credit: freepik

April Retail Inflation का डाटा सरकार ने जारी कर दिया है. इस डाटा के मुताबिक अप्रैल में भारत की खुदरा महंगाई दर 3.16% रही. इससे पहले मार्च में महंगाई दर 3.34% रही थी. इस तरह मासिक आधार पर भी महंगाई में कमी आई है. वहीं, सालाना आधार पर देखा जाए, तो इसमें 1 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है. पिछले वर्ष यानी अप्रैल 2024 में खुदरा महंगाई दर 4.83 फीसदी रही थी. इस तरह सालाना आधार पर महंगाई 1.67 फीसदी घटी है.

महंगाई दर इस साल लगातार 5 फीसदी से नीचे उस दायरे में बनी हुई, जिसे रिजर्व बैंक ने टॉलरेंस एरिया माना है. जनवरी में महंगाई दर 4.31 फीसदी रही. वहीं, फरवरी से इसमें लगातार गिरावट आ रही है. रिजर्व बैंक का मानना है कि अगर महंगाई दर 4 फीसदी से नीचे बनी रहती है, तो ब्याज दरें घटाना आसान हो जाएगा. इस साल अब तक रिजर्व बैंक अब तक दो बार ब्याज दर में कटौती कर चुका है. इसके अलावा अब आगे भी कटौती की उम्मीद बढ़ गई है.

क्यों घटी महंगाई

भारत में महंगाई कम होने के पीछे कई कारण रहे हैं. इनमें सबसे बड़ा योगदान खाद्य कीमतों में आई गिरावट है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 43 अर्थशास्त्रियों ने अप्रैल में भारत में महंगाई दर 3.27% रहने का अनुमान लगाया था. इस तरह महंगाई दर अनुमान से भी कम रही है.

खाद्य महंगाई में बड़ी गिरावट

खुदरा महंगाई में खाद्य महंगाई की अहम भूमिका रहती है. CPI यानी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में फूड इंडेक्स की भागीदारी करीब 50 फीसदी रहती है. अप्रैल खाद्य महंगाई कम होकर 1.78 फीसदी हो गई है, जबकि मार्च में यह 2.69 फीसदी रही थी. खाद्य महंगाई घटने के पीछे बड़ा कारण फसलों का अच्छा उत्पादन रहा है.

ग्रामीण महंगाई में 3 फीसदी से नीचे

अप्रैल में ग्रामीण महंगाई में भी कमी आई है. अप्रैल में यह 2.92 फीसदी रह गई, जो मार्च में 3.25 फीसदी थी, जबकि शहरी मुद्रास्फीति घटकर 3.36 फीसदी रह गई, जो एक महीने पहले 3.43 फीसदी रही थी. एचडीएफसी बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता का कहना है कि सब्जियों, अनाजों और दालों सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में निरंतर गिरावट के कारण अप्रैल में मुद्रास्फीति घटकर 3.16% पर आ गई है. अब आरबीआई की तरफ से जून में होने वाली बैठक में 25 आधार अंकों की एक और कटौती की उम्मीद की जा सकती है.

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