रूस से तेल खरीद घटाएगा भारत, साल के अंत तक करेगा 40 फीसदी की कटौती, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत इस साल के अंत तक रूस से तेल आयात में 40 फीसदी की कटौती करेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत धीरे-धीरे रूसी तेल पर निर्भरता घटाएगा. हालांकि भारत ने किसी समझौते से इनकार किया है.
Donald Trump Statement: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को फिर से कहा कि भारत इस साल के अंत तक रूस से तेल इंपोर्ट में लगभग 40 फीसदी की कमी करेगा. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने बताया कि यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होगी और भारत ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वह रूसी तेल पर निर्भरता कम करेगा. हालांकि भारत ने किसी भी ऐसे समझौते से इनकार किया है और कहा है कि उसकी एनर्जी पॉलिसी कंज्यूमर के हितों पर आधारित है.
भारत करेगा आयात में कटौती
ट्रंप ने कहा कि भारत ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह रूस से तेल खरीद को धीरे-धीरे कम करेगा. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया तत्काल नहीं हो सकती क्योंकि एनर्जी सप्लाई को अचानक बंद करना संभव नहीं है. ट्रंप ने दावा किया कि साल के अंत तक भारत का रूसी तेल आयात लगभग शून्य के बराबर रह जाएगा.
ट्रंप और मोदी की बातचीत
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार और ऊर्जा मुद्दों पर चर्चा की. ट्रंप ने कहा कि मोदी भारत के व्यापारिक हितों को लेकर बेहद गंभीर हैं और दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
भारत ने किया समझौते से इनकार
भारत ने ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों के अनुसार तय होती है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का उद्देश्य कंज्यूमर को स्थिर कीमत और विश्वसनीय सप्लाई सुनिश्चित करना है. भारत ने यह भी साफ किया कि किसी बाहरी दबाव के कारण एनर्जी एक्सपोर्ट के फैसले नहीं लिए जाते.
ट्रंप ने फिर दी टैरिफ की चेतावनी
ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर भारत रूस से तेल आयात बंद नहीं करता तो उसे अमेरिकी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि भारत को एनर्जी सोर्सेस में डाइवर्सिटी लाने की जरूरत है. ट्रंप पहले भी भारतीय सामान पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगाने की बात कह चुके हैं ताकि नई दिल्ली अपनी ऊर्जा निर्भरता को कम करे.
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चीन और रूस पर ट्रंप की टिप्पणी
ट्रंप ने चीन और रूस के रिश्तों पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि बाइडन और ओबामा की नीतियों ने दोनों देशों को एक-दूसरे के करीब लाकर खड़ा कर दिया. ट्रंप का मानना है कि चीन और रूस स्वभाव से कभी मित्र नहीं हो सकते थे लेकिन अमेरिकी नीतियों ने उन्हें मजबूर किया कि वे सहयोग करें.