India-US ट्रेड डील पर बातचीत पूरी, भारत को अमेरिकी प्रतिक्रिया का इंतजार : रिपोर्ट

भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत अंतिम चरण में पहुंच गई है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब नए राउंड की बातचीत की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत ने विस्तृत प्रस्ताव दे दिया है और अब अमेरिकी प्रतिक्रिया का इंतजार है.

भारत-अमेरिका ट्रेड Image Credit: money9live/CanvaAI

भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते को लेकर बातचीत निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. NDTV Profit की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच चर्चाएं इतनी आगे बढ़ चुकी हैं कि अब किसी नई राउंड की जरूरत नहीं दिख रही है. भारत ने अपनी ओर से विस्तृत प्रस्ताव अमेरिका को सौंप दिया है और अब अगला कदम वॉशिंगटन के हाथ में है. यह संभावित डील दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच निवेश प्रवाह और बाजार पहुंच को नया आयाम दे सकती है.

सौदे का जल्द ऐलान संभव

भारत और अमेरिका के बीच व्यापक व्यापार समझौते (Comprehensive Trade Agreement) की दिशा में बातचीत सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है. रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया है कि मौजूदा प्रगति को देखते हुए फिलहाल अतिरिक्त राउंड की जरूरत नहीं है. भारत ने अपना विस्तृत व्यापार प्रस्ताव पहले ही अमेरिका को सौंप दिया है और अब वॉशिंगटन की प्रतिक्रिया का इंतजार है. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अब नई बातचीत की जरूरत नहीं रह गई है. अब अब गेंद अमेरिका के पाले में है.

WTO नियमों के मुताबिक सौदा

दोनों देश एक ऐसे व्यापक सौदे पर काम कर रहे हैं, जो विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के मुताबिक होगा. यह सौदा दोनों देशों को एक-दूसरे के बाजार तक पहुंच को मजबूत करने के साथ ही व्यापार की नॉन टैरिफ बाधाओं को भी दूर करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने अपने प्रस्ताव में सभी संवेदनशील क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए ऐसा ढांचा तैयार किया है, जो घरेलू आर्थिक प्राथमिकताओं के अनुरूप है.

यहां बढ़ेगी साझेदारी

भारत-अमेरिका आर्थिक भागीदारी पिछले कुछ वर्षों में लगातार मजबूत हुई है. टेक्नोलॉजी, रक्षा और सप्लाई चेन सहयोग जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. विशेषज्ञों का मानना है कि संभावित व्यापार समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच निवेश प्रवाह को बढ़ावा देगा और वस्तुओं व सेवाओं के बाजार तक पहुंच को आसान बनाएगा.

क्या हो सकता है आगे का रास्ता

अगर अमेरिकी पक्ष की प्रतिक्रिया सकारात्मक रहती है, तो यह समझौता अगले कुछ महीनों में आकार ले सकता है. यह न केवल द्विपक्षीय व्यापार को नई गति देगा, बल्कि भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भूमिका को और सशक्त करेगा.