Mega PSB Merger: 20 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों पर असर, डूबने से बचाएगा मजबूत CAR, ये रिस्क होगा खत्म
सरकार के नए Mega PSB Merger प्लान से देश के 20 करोड़ से ज्यादा बैंक ग्राहक प्रभावित होंगे. हालांकि, यह असर ग्राहक सेवा और बैंकों की सुरक्षा के लिए लिहाज से पॉजिटिव होने की उम्मीद है. क्योंकि, मर्जर की वजह से बैंकों का CAR मजबूत होगा. जिससे बैंकों के डूबने का खतरा घटेगा.
देश के बैंकिंग सेक्टर में एक और बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है. सरकार Mega PSB Merger Plan पर काम कर रही है, जिसके तहत Indian Overseas Bank, Central Bank of India और Bank of India जैसे बैंकों का विलय Union Bank, PNB, Bank of Baroda और SBI के साथ किया जा सकता है. इस मर्जर से करीब 20 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों पर सीधा असर पड़ेगा. इन ग्राहकों के बैंक बदल जाएंगे. हालांकि, इसकी वजह से बैंकों का CAR (Capital Adequacy Ratio) मजबूत होगा, यानी डूबने या वित्तीय संकट का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाएगा.
| मर्ज होने वाले बैंक | ग्राहक संख्या (अनुमानित) | कुल एसेट्स (₹ लाख करोड़) |
|---|---|---|
| Union Bank of India (UBI) | 21 करोड़ | 15.1 लाख करोड़ |
| Central Bank of India (CBI) | 8.2 करोड़ | 4.8 लाख करोड़ |
| Indian Overseas Bank (IOB) | 8-9 करोड़ | 3.9 लाख करोड़ |
| Bank of India (BoI) | 5.5 करोड़ | 11.1 लाख करोड़ |
| Bank of Maharashtra (BoM) | 3 करोड़ | 1.5 लाख करोड़ |
ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?
- आसान और इंटीग्रेटेड बैंकिंग सुविधा: मर्जर के बाद ग्राहकों को बड़े नेटवर्क, ज्यादा एटीएम और इंटीग्रेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ मिलेगा. कई शाखाएं और IFSC कोड एकीकृत किए जाएंगे, जिससे ट्रांजैक्शन सुविधाजनक बनेंगे.
- टेक्नोलॉजीकल बदलावों से असुविधा: शुरुआती चरण में ब्रांच कोड, पासबुक, IFSC और नेटबैंकिंग आईडी जैसे बदलावों से ग्राहकों को अस्थायी परेशानी हो सकती है. पिछली बार के मर्जर (2019–20) के दौरान भी कई ग्राहकों को ट्रांजैक्शन में दिक्कतें आई थीं.
- डिजिटल सर्विस और पूंजी क्षमता में सुधार: बड़े बैंकों के साथ मर्जर के बाद छोटे बैंकों की पूंजी और टेक्नोलॉजिकल क्षमता बढ़ेगी. इससे ग्राहकों को तेज लोन प्रोसेसिंग, बेहतर ऑनलाइन सर्विस और व्यापक ब्रांच नेटवर्क का लाभ मिलेगा.
- ब्याज दरों पर सीमित असर: विशेषज्ञों के मुताबिक, मर्जर के बाद बचत खाता या लोन पर ब्याज दरों में बड़ा बदलाव नहीं होगा. लेकिन बड़े बैंक के तहत आने से चार्ज स्ट्रक्चर, क्रेडिट पॉलिसी और कस्टमर सर्विस मॉडल में कुछ सुधार देखे जा सकते हैं.
कितना बढ़ जाएगा CAR?
प्रस्तावित मेगा बैंक मर्जर के बाद सम्मिलित बैंकों का कुल कैपिटल बेस 35 से 40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. इससे बैंकों की बैलेंस शीट काफी मजबूत होगी. मर्जर से बैंकों की कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो (CAR) में मामूली सुधार की उम्मीद है, क्योंकि छोटे और कमजोर बैंकों की पूंजी संरचना को बड़े बैंकों के साथ मिलाने से उनका रिस्क-वेटेड एसेट्स अधिक संतुलित हो जाएगा.
किन बैंकों को होगा फायदा?
यूनियन बैंक, PNB, BoB और SBI जैसे बड़े बैंकों के साथ मर्ज होने वाले बैंकों, जैसे IOB, CBI और BoM की Tier-1 कैपिटल बढ़ेगी, जिससे उनके NPA बफर और लोन विस्तार की क्षमता में सुधार आएगा. यह मर्जर सिस्टमैटिक तरीके से कैपिटल एडिक्वेसी को 50 से 70 बेसिस पॉइंट तक बढ़ा सकता है, जिससे इन बैंकों की रिकैपिटलाइजेशन के लिए सरकार पर निर्भरता कम होगी.
क्या होता है CAR?
CAR यानी पूंजी पर्याप्तता अनुपात, किसी बैंक की वित्तीय मजबूती और रिस्क झेलने की क्षमता का पैमाना होता है. यह बताता है कि बैंक के पास अपनी जोखिम वाली संपत्तियों (जैसे लोन आदि) के मुकाबले कितनी पूंजी सुरक्षित है. मसलन, अगर बैंक को अपने कर्जों पर नुकसान होता है, तो क्या उसके पास खुद को संभालने के लिए पर्याप्त पूंजी है या नहीं.
हाई CAR का ग्राहकों को क्या फायदा?
हाई CAR का मतलब होता है कि बैंक मजबूत है और ग्राहकों की जमा राशि ज्यादा सुरक्षित है. भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों के लिए न्यूनतम CAR 9% तय किया है, जबकि ज्यादातर सरकारी बैंकों का CAR 13-16% के बीच है.
किन बैंकों के मर्जर की चर्चा?
सरकारी सूत्रों के हवाले कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सरकार एक बार फिर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के बड़े पुनर्गठन की तैयारी में है. वित्त मंत्रालय ने एक ‘मेगा बैंक मर्जर प्लान’ तैयार किया है, जिसके तहत इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), बैंक ऑफ इंडिया (BoI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) को बड़े बैंकों जैसे पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) में मिलाने पर विचार हो रहा है. इस संभावित मर्जर से देशभर में करीब 45 करोड़ से ज्यादा बैंक ग्राहकों पर असर पड़ेगा.
बनेगा दूसरा सबसे बड़ा PSB
रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार की योजना Union Bank और Bank of India के मर्जर से देश का दूसरा सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक (PSB) बनाने की है. ग्राहकों की संख्या के आधार पर देखा जाए, तो फिलहाल यूनियन बैंक के 21 करोड़ ग्राहक हैं और बैंक ऑफ इंडिया के करीब 5.5 करोड़ ग्राहक हैं. इस तरह इनके मर्जर से बनने वाले बैंक के पास ग्राहकों की संख्या 26 करोड़ से ज्यादा होगी. फिलहाल, करीब 50 करोड़ ग्राहकों के साथ SBI देश का सबसे बड़ा बैंक है.
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