पाकिस्तान अब मिसाइल से कर रहा है हमला, भारत के इन बांध,पावर प्लांट रिफाइनरी, ऑयल डिपो पर खतरा, देखें लिस्ट

पाकिस्तान ड्रोन और मिसाइलों से भारत पर हमले कर रहा है. यह पिछले 30 सालों का सबसे बड़ा युद्ध माना जा रहा है. इससे भारत की सीमा पर बने आर्थिक केंद्रों और महत्वपूर्ण जगहों को बड़ा खतरा है. अगर पाकिस्तान इन जगहों पर हमला करता है, तो भारत की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है.

इन बांध,पावर प्लांट रिफाइनरी, ऑयल डिपो पर खतरा Image Credit: Money 9

India Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है. पाकिस्तान ड्रोन और मिसाइलों से भारत पर हमले कर रहा है. यह पिछले 30 सालों का सबसे बड़ा युद्ध माना जा रहा है. इससे भारत की सीमा पर बने आर्थिक केंद्रों और महत्वपूर्ण जगहों को बड़ा खतरा है. अगर पाकिस्तान इन जगहों पर हमला करता है, तो भारत की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है. इनमें बांध, बिजली संयंत्र, तेल भंडार और रिफाइनरी शामिल हैं. ऐसे में आइए समझते है कि ये जगहें भारत के लिए क्यों जरूरी हैं और इनका नुकसान कितना बड़ा हो सकता है.

बांध (डैम)

भारत के कई बांध बॉर्डर के पास हैं. यह बिजली व पानी के लिए बहुत ही जरूरी हैं. अगर इन पर हमला होता है, तो बिजली और खेती को बड़ा नुकसान हो सकता है. ऐसे में आइए जानते है वो कौन-कौन से बांध है-

  • उरी बांध
    • यह जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में झेलम नदी पर है. यह भारत-पाकिस्तान सीमा (LoC) के बहुत करीब है. उड़ी-1 से 480 मेगावाट और उड़ी-2 से 240 मेगावाट बिजली बनती है. ये बांध सिंधु जल संधि के नियमों का पालन करते हैं और बिना बड़े जलाशय के काम करते हैं. हमला होने पर बिजली आपूर्ति रुक सकती है.
  • सलाल और बगलिहार बांध
    • ये चिनाब नदी पर जम्मू-कश्मीर में हैं. हाल ही में भारत ने इन बांधों में पानी की सफाई शुरू की है, ताकि बिजली उत्पादन बढ़े. अगर इन पर हमला हुआ, तो बिजली और पानी की कमी हो सकती है.
  • शाहपुरकंडी बांध
    • यह पंजाब के पठानकोट में है और 206 मेगावाट बिजली बनाता है. यह बांध पंजाब और जम्मू-कश्मीर में खेती के लिए पानी देता है. फरवरी 2024 में इसका काम पूरा हुआ. हमले से बिजली और खेती को नुकसान हो सकता है.

हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट

चिनाब नदी पर कुछ बड़े बिजली प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इसमें पाकल दुल जिससे 1,000 मेगावाट बिजली तैयार हो सकती है. वहीं किरु से 624 मेगावाट, क्वार से 540 मेगावाट और रतले से 850 मेगावाट बिजली तैयार हो सकती है. ये साल 2026-2028 तक बनकर तैयार होंगे. इन पर हमला होने से बिजली उत्पादन में देरी होगी.

तेल रिफाइनरी

भारत की रिफाइनरी तेल और ईंधन बनाती हैं. बॉर्डर वालें इलाकों में कई तेल रिफाइनरी है. इनमें जामनगर रिफाइनरी (गुजरात), वडिनार रिफाइनरी (गुजरात), गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी (पंजाब), बाड़मेर रिफाइनरी (राजस्थान) और बाड़मेर तेल क्षेत्र (राजस्थान) शामिल है. ऐसे में एक-एक कर इसके बारे में जानते है.

  • जामनगर रिफाइनरी (गुजरात)
    • यह रिलायंस इंडस्ट्रीज की है और दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी है. यह रोज 12.4 लाख बैरल तेल प्रोसेस करती है. अगर इसे नुकसान पहुंचा, तो देश में तेल की कमी हो सकती है.वडिनार रिफाइनरी (गुजरात)यह नयारा एनर्जी की है और रोज 4.05 लाख बैरल तेल प्रोसेस करती है. यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी है. हमले से ईंधन आपूर्ति रुक सकती है.
  • गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी (पंजाब)
    • यह बठिंडा में है और रोज 2.3 लाख बैरल तेल प्रोसेस करती है. यह उत्तर भारत के लिए ईंधन सप्लाई करती है. सीमा के पास होने से यह खतरे में है.
  • बाड़मेर रिफाइनरी (राजस्थान)
    • यह 2024 के अंत तक शुरू होगी और रोज 1.8 लाख बैरल तेल प्रोसेस करेगी. हमले से तेल उत्पादन प्रभावित होगा.
  • बाड़मेर तेल क्षेत्र (राजस्थान)
    • यह भारत का बड़ा तेल क्षेत्र है. यह कई रिफाइनरी को तेल देता है. नुकसान होने पर तेल की सप्लाई रुकेगी.

तेल भंडार

ये भंडार तेल स्टोर करते हैं. यहां से देशभर में तेल सप्लाइ किया जाता है. इसमें वडिनार टर्मिनल (गुजरात), कांडला पोर्ट (गुजरात), बठिंडा तेल डिपो (पंजाब), बाड़मेर तेल भंडार (राजस्थान), थोइस तेल डिपो (लद्दाख) और जीआईएफटी सिटी (गुजरात) शामिल है.

  • वडिनार टर्मिनल (गुजरात)
    • यह तेल आयात का बड़ा केंद्र है. यह बड़े जहाजों से तेल लेता है और रिफाइनरी तक पहुंचाता है. हमले से तेल सप्लाई रुक सकती है.
  • कांडला पोर्ट (गुजरात)
    • यह भारत का बड़ा पोर्ट है, जो तेल और ईंधन का आयात-निर्यात करता है. नुकसान से व्यापार प्रभावित होगा.
  • बठिंडा तेल डिपो (पंजाब)
    • यह उत्तर भारत को ईंधन देता है. सीमा के पास होने से यह खतरे में है.
  • बाड़मेर तेल भंडार (राजस्थान) और थोइस तेल डिपो (लद्दाख)
    • यह बड़े तेल क्षेत्रों का हिस्सा है. वहीं थोइस तेल डिपो सेना के लिए तेल स्टोर करता है. हमले से सेना की ताकत कम हो सकती है.

ये शहर है फाइनेंशियल हब

गुजरात GIFT सिटी
GIFT सिटी अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच, पाकिस्तान सीमा से 300-350 किमी दूर है. यह भारत का पहला इंटरनेशनल फाइनेंशियल सेंटर, सिंगापुर और दुबई जैसा है.

राजस्थान अबू रोड

सिरोही जिले में, अबू रोड एक औद्योगिक शहर है. यहां मार्बल, ग्रेनाइट, सीमेंट और धागा बनता है. RIICO इंडस्ट्रियल एरिया 2,000 एकड़ में है, जहां कई फैक्ट्रियां हैं.

भिवाड़ी और नीमराना

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा, ये शहर ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने के लिए उभर रहे हैं.

पंजाब लुधियाना

इसे “भारत का मैनचेस्टर” कहते हैं. यहां कपड़ा और होजरी का बड़ा केंद्र है.