अंडमान तट के पास मिले नेचुरल गैस भंडार को लेकर पेट्रोलियम मंत्री ने शेयर किया वीडियो, कहा- भारत की ऊर्जा कहानी का नया अध्याय
भारत में अंडमान तट से 17 किमी दूर समुद्र में 2,650 मीटर की गहराई पर बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार मिला है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, इसमें 87% मीथेन गैस है. उन्होंने कहा कि यह खोज ऊर्जा आत्मनिर्भरता, ऑफशोर एक्सप्लोरेशन और स्वच्छ ऊर्जा मिशन को मजबूत करेगी.
भारत की ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ी सफलता मिली है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी दी है कि अंडमान तट से करीब 17 किलोमीटर दूर समुद्र में 2,650 मीटर की गहराई पर नेचुरल गैस के विशाल भंडार खोजे गये हैं. उन्होंने कहा कि यह खोज भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊर्जा आत्मनिर्भरता के विजन को मजबूती देने वाली है.
87% मीथेन गैस: हरदीप सिंह पुरी
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने X पर एक वीडियो शेयर कर लिखा है कि भारत की ऊर्जा गाथा में एक नया अध्याय शुरू हुआ. प्रारंभिक अध्ययनों से पता चला है कि इस गैस भंडार में करीब 87% मीथेन पाई गई है जो इसे स्वच्छ, कुशल और उच्च गुणवत्ता वाला ऊर्जा स्रोत बनाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस खोज से भारत की ऑफशोर एक्सप्लोरेशन क्षमता को नया आयाम मिलेगा और आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा कि अंडमान बेसिन अब भारत की नई ऑफशोर एनर्जी फ्रंटियर के रूप में उभर रहा है. इस क्षेत्र में खोजे गए संभावित गैस भंडार भारत की ऊर्जा सुरक्षा और स्थायी विकास के लक्ष्य को नई गति देंगे.
क्यों यह है खास
पहली बार अंडमान बेसिन में प्राकृतिक गैस मिलने की पुष्टि हुई है. पुरी ने इसकी तुलना दक्षिण अमेरिका के गुयाना ऑयल फील्ड से की जिसने उन देशों की अर्थव्यवस्था बदलकर ऱख दी. यह खोज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन से भी जुड़ी है. पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर इस मिशन की घोषणा की थी. पुरी ने कहा कि इससे भारत को पेट्रोब्रास, BP इंडिया, शेल और एक्सॉनमोबिल जैसी ग्लोबल कंपनियों से सहयोग करने का मौका मिलेगा.
50% पूरी हो सकती है ऊर्जा
दैनिक जागरण ने रिस्टाड एनर्जी के एशिया-प्रशांत रिसर्च हेड प्रतीक पांडे के हवाले से बताया है कि अंडमान बेसिन से निकला तेल भारत की 50% ऊर्जा जरूरत पूरी कर सकता है. पांडे के मुताबिक, सीस्मिक सर्वे से पता चलता है कि यहां 307-370 मिलियन मीट्रिक टन ऑयल इक्विवेलेंट हाइड्रोकार्बन मौजूद हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इसके व्यावसायिक उत्पादन में एक दशक तक का वक्त लग सकता है क्योंकि इस तरह की खोज से लेकर असली उत्पादन तक लंबी प्रक्रिया होती है.