अडानी को हराकर 17000 करोड़ में वेदांता ने खरीदी JAL, अधिग्रहण की योजना को CCI ने दी मंजूरी

कर्ज में डूबी Jaiprakash Associates Limited (JAL) को खरीदने की दौड़ में वेदांता समूह विजेता बनकर उभरा है. वेदांता ने 17000 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाकर इस दौड़ में अडानी समूह को हराया है. वेदांता की अधिग्रहण योजना को प्रतिस्पर्धा आयोग की तरफ से भी मंजूरी मिल गई है.

जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) को दिवाला प्रक्रिया के तहत खरीदने के लिए पेश किया गया रेजोल्‍यूशन प्‍लान Image Credit: Money9live

Vedanta Limited को देश की प्रतिस्पर्धा नियामक संस्था Competition Commission of India (CCI) से Jaiprakash Associates Limited (JAL) के अधिग्रहण की मंजूरी मिल गई है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 17,000 करोड़ रुपये की इस डील के तहत वेदांता , कर्ज में डूबी इस कंपनी को Insolvency and Bankruptcy Code (IBC) प्रक्रिया के जरिये खरीदने जा रही है.

वेदांता बनी टॉप बिडर

माइनिंग दिग्गज वेदांता JAL को खरीदने की दौड़ में सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी. यह कंपनी सीमेंट, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर्स में काम करती है. प्रस्तावित पेमेंट स्ट्रक्चर के तहत वेदांता पहले करीब 3,800 करोड़ रुपये का एडवांस पेमेंट करेगी, जबकि अगले 5 साल तक हर साल 2,500–3,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी.

हेयरकट में जाएगा 71% कर्ज

JAL के कर्जदाताओं ने कुल 59,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के दावे दाखिल किए थे. वेदांता की डील के हिसाब से इस सौदे में कर्ज दाताओं को करीब 71% का हेयरकट झेलना पड़ेगा. वेदांता ने फाइनल राउंड में अडानी समूह को सबसे ऊंची बोली लगाकर हराया है. वहीं, Jindal Steel & Power, Dalmia Bharat और PNC Infratech पहले ही बोली प्रक्रिया से बाहर हो गई थीं.

जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी

डील के हिस्से के तौर पर वेदांता को JAL के कर्जदाताओं को अतिरिक्त भुगतान करना पड़ सकता है. क्योंकि, कंपनी को Yamuna Expressway Industrial Development Authority (YEIDA) से चल रहे जमीन विवाद में मुआवजा मिल सकता है. हालांकि, यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, क्योंकि राज्य हाईकोर्ट ने मार्च 2025 में जमीन आवंटन को रद्द कर दिया था. अगर मुआवजा मिलता है, तो वेदांता को कर्जदाताओं को और रकम देनी होगी.

S&P ने वेंदाता को लेकर जताई चिंता

Fitch Group की क्रेडिट रेटिंग यूनिट CreditSights ने इस अधिग्रहण को लेकर वेदांता और उसकी पैरेंट कंपनी Vedanta Resources Limited के लिए चिंता जताई है. ET की एक रिपोर्ट में CreditSights के हवाले से बताया गया है कि यह डील वेदांता को “credit negative” बना सकती है. इसके अलावा इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि JAL के भारी कर्ज, कमजोर कमाई और सीमित रणनीतिक तालमेल के कारण यह डील जोखिमपूर्ण है. वहीं, S&P Global Ratings ने भी कहा कि JAL की ज्यादातर यूनिट्स घाटे में चल रही हैं और उन्हें दुरुस्त करने के लिए भारी निवेश की जरूरत होगी. डील की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वेदांता इन एसेट्स को कितनी कुशलता से रिवाइव कर पाती है.