चीन ने ट्रंप के टैरिफ पर किया पलटवार, अमेरिकी शिपिंग यूनिट्स पर लगाया प्रतिबंध, US Market में गिरावट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ पर चीन ने जोरदार पलटवार किया है. चीन ने अब अमेरिकी शिपिंग यूनिट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. चीन ने Hanwha Ocean की पांच अमेरिकी यूनिट्स पर सैंक्शन लगाए. इसे लेकर अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी प्रतिक्रिया दी है, जानें क्या है पूरा मामला?

अमेरिका-चीन टैरिफ तनाव Image Credit: money9live/CanvaAI

अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ जंग एक बार फिर भड़क उठी है. चीन ने मंगलवार को दक्षिण कोरियाई शिपिंग कंपनी Hanwha Ocean Co. की पांच अमेरिकी यूनिट्स पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने साफ तौर पर कहा है कि यह कदम अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी के जवाब में उठाया गया है.

चीन के इस एक्शन से मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजार में व्यापक गिरावट देखने को मिली है. क्योंकि निवेशकों को डर है कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ सकता है. वहीं, CNBC की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी वित्त मंत्री ने चीन के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह चीन की कमजोर अर्थव्यवस्था का संकेत है. वे खुद नीचे जा रहे हैं और अब बाकी दुनिया को भी नीचे खींचना चाहते हैं.”

कितना गिरा अमेरिकी बाजार?

मंगलवार सुबह अमेरिकी बाजार सोमवार को आई तेजी के बाद फॉलो थ्रू तेजी के साथ खुले, लेकिन जैसे ही चीन की तरफ से अमेरिकी शिपिंग यूनिट्स पर प्रतिबंध की खबर सामने आई सभी बेंचमार्क इंडेक्स में जोरदार बिकवाली देखने को मिली. हालांकि, बाद में रिकवरी भी देखने को मिली है. वहीं, मंगलवार को चीनी बेंचमार्क इंडेक्स हेंगसेंग और शंघाई कंपोजिट में भी गिरावट देखने को मिली.

ट्रंप ने कहा था ‘सब ठीक हो जाएगा’

इससे एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रेड वॉर को लेकर सकारात्मक संकेत दिए थे. उन्होंने Truth Social पर लिखा था, “चिंता नहीं करें, सब ठीक हो जाएगा! प्रेसिडेंट शी एक सम्मानित नेता हैं. वे मंदी नहीं चाहते और मैं भी नहीं. अमेरिका चीन की मदद करना चाहता है, नुकसान नहीं पहुंचाना.”

नवंबर से लागू होगा 100% टैरिफ

ट्रंप ने जिस तरह भारत पर मनमाना 50% टैरिफ लादा है. अब उसी तरह चीन पर भी 100% तक टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. ट्रंप प्रशासन की तरफ से चीन पर 100% टैरिफ के डेडलाइन 1 नवंबर तय की गई है. इसके बाद चीनी सामान के अमेरिका में आयात करने पर 100% तक नए टैरिफ लगाया जाएगा. अमेरिका का कहना है कि यह कदम चीन की तरफ से रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर नियंत्रण लगाने की योजना के जवाब में है.

चीन कर रहा पलटवार

ट्रंप के टैरिफ को लेकर जहां ज्यादातर देशों ने अमेरिका से बातचीत करने का रास्ता अपनाया है. वहीं, चीन लगातार पलटवार करता दिखा है. ट्रंप ने जैसे ही 100% टैरिफ का ऐलान किया था, चीन ने अमेरिकी जहाजों पर नई पोर्ट फीस लगा दी और US-आधारित Qualcomm (QCOM) पर एंटीट्रस्ट जांच शुरू कर दी. इतना ही नहीं, चीन ने अमेरिकी सोयाबीन की खरीद पर भी रोक लगा दी, जिससे अमेरिकी किसानों की योजनाएं बिगड़ गई हैं.

145% तक टैरिफ की योजना

वहीं, अमेरिका की ओर से चीन पर 145% तक के टैरिफ को फिलहाल 10 नवंबर तक रोक दिया गया है, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ता को मौका मिल सके. वहीं चीन की ओर से अमेरिकी सामानों पर 125% तक के टैरिफ पहले ही लगाए जा चुके हैं.

कौन उठाएगा टैरिफ का भार?

Goldman Sachs के मुताबिक ट्रंप के टैरिफ का 55% भार अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जबकि 22% लागत अमेरिकी कंपनियां वहन करेंगी. यानी सीधे तौर पर अमेरिकी जनता पर इन टैरिफ का असर पड़ेगा.