PhonePe समेत 9 कंपनियों ने सरेंडर किया NBFC रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, कारोबार से किया किनारा
फोनपे सहित 9 NBFCs ने अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सरेंडर कर दिया है. वहीं, RBI ने 31 NBFCs का सर्टिफिकेट रद्द कर किया है. इस तरह ये कंपनियां अब लोन, क्रेडिट कार्ड, वॉलेट क्रेडिट और पेमेंट सेटलमेंट जैसे कारोबार से बाहर हो गई हैं.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को बताया कि 9 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) ने अपने सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन (CoR) सरेंडर कर दिए हैं. इन कंपनियों में PhonePe Technology Services और Aditya Birla Finance जैसी बड़ी नामचीन कंपनियां शामिल हैं. सर्टिफिकेट सरेंडर करने के पीछे अलग-अलग वजहें सामने आई हैं, जैसे कारोबार से बाहर होना, अन्य कंपनियों में विलय या नियामकीय आवश्यकताओं का पालन न कर पाना.
किन कंपनियों ने सरेंडर किया
RBI की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक PhonePe Technology Services Private Limited ने गैर-बैंकिंग वित्तीय व्यवसाय से बाहर निकलने के बाद अपना रजिस्ट्रेशन सरेंडर किया. Aditya Birla Finance ने अपने पैरेंट संगठन में विलय के बाद सर्टिफिकेट सरेंडर किया. बाकी 7 कंपनियों ने भी विभिन्न कारोबारी कारणों और नियामकीय कारणों से अपना CoR वापस कर दिया है. इन कंपनियों में फार ईस्ट सॉफ्टवेयर सर्विसेज, श्रद्धा व्यापार, जानकी टेक्सटाइल एंड इंडस्ट्रीज, कस्तूरी एन्क्लेव, अशोक कंस्ट्रक्शन एंड इन्वेस्टमेंट, स्मार्टलिंक होल्डिंग्स लिमिटेड, अदित्य बिर्ला फाइनेंस लिमिटेड और पीएल फिनलीज शामिल हैं.
31 NBFC का रजिस्ट्रेशन रद्द
इसके अलावा रिजर्व बैंक ने 31 NBFCs का सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन रद्द करने की जानकारी भी दी है. RBI का कहना है कि ये कंपनियां नियामकीय शर्तों का पालन नहीं कर रही थीं या कारोबार संचालन में असमर्थ थीं. ऐसे में इनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है ताकि वित्तीय प्रणाली की मजबूती बनी रहे.
सर्टिफिकेट बहाल भी किए गए
RBI ने यह भी बताया कि RBG Leasing and Credit Private Limited और Yash Investment and Finance Company Private Limited का रजिस्ट्रेशन बहाल कर दिया गया है. कोर्ट और अपीलीय प्राधिकरण द्वारा पारित आदेशों के आधार पर ये निर्णय लिया गया. साथ ही इन कंपनियों को नियामकीय दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए रिपोर्टिंग आवश्यकताओं का पालन करने को कहा गया है.
क्या है होगा इसका असर
NBFC सेक्टर में कारोबार कम होने की प्रवृत्ति दिख रही है. बड़ी कंपनियां अपना फोकस बदल रही हैं या अन्य इकाइयों में विलय कर रही हैं. RBI का उद्देश्य है कि वित्तीय व्यवस्था में पारदर्शिता और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए. निवेशकों के लिए यह संकेत है कि NBFC क्षेत्र में चुनौतियां बनी हुई हैं और नियामकीय दबाव बढ़ रहा है. RBI की यह कार्रवाई NBFC क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है. कंपनियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी रिपोर्टिंग, पूंजी आवश्यकताओं और अनुपालन का ध्यान रखें. साथ ही यह कदम उन निवेशकों के लिए भी अहम है जो NBFCs में निवेश करना चाहते हैं.
PhonePe पर 21 लाख का जुर्माना
RBI ने PhonePe लिमिटेड पर 21 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह कार्रवाई कंपनी की तरफ से ‘प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स’ (PPI) से जुड़े कुछ नियमों का पालन न करने पर की गई है. RBI ने अक्टूबर 2023 से दिसंबर 2024 की अवधि में कंपनी की गतिविधियों की जांच की, जिसमें पाया गया कि एस्क्रो खाते में कुछ दिनों पर बकाया भुगतान और आउटस्टैंडिंग PPI की राशि से कम बैलेंस रहा और इसकी जानकारी समय पर RBI को नहीं दी गई. कंपनी को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, जिस पर दिए गए जवाब और सुनवाई के बाद RBI ने गैर-अनुपालन को सही मानते हुए यह जुर्माना लगाया. RBI ने स्पष्ट किया कि यह दंड नियामकीय कमियों के आधार पर है और कंपनी द्वारा ग्राहकों से किए गए किसी लेन-देन या समझौते की वैधता पर कोई टिप्पणी नहीं करता.
फोनपे के ये बिजनेस होंगे बंद
PhonePe का NBFC लाइसेंस सरेंडर होने से उसके लोन कारोबार, क्रेडिट सेवाएं और एस्क्रो आधारित वित्तीय संचालन बंद या सीमित हो जाएंगे. लेकिन उसकी UPI, पेमेंट और अन्य प्लेटफॉर्म आधारित सेवाएं जारी रह सकती हैं, बशर्ते वह उन्हें बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाओं के साथ साझेदारी में चलाए.
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