6 महीने में RBI ने भारत लाया 64 टन सोना, विदेशी संकट के बीच रिजर्व बैंक की बड़ी तैयारी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सितंबर 2025 तक 64 टन सोना विदेशों से वापस भारत लाया है. अब देश के कुल 880.8 टन गोल्ड रिजर्व में से 575.8 टन भारत में सुरक्षित रखा गया है. रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक वित्तीय अनिश्चितता के बीच RBI का यह कदम देश की वित्तीय स्थिरता और स्वर्ण सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

रिजर्व बैंक गोल्ड रिजर्व Image Credit: money9live.com

Gold Reserve India RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के गोल्ड रिजर्व को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. बढ़ते ग्लोबल टेंशन और वित्तीय अनिश्चितता के माहौल में RBI ने सितंबर 2025 तक के छह महीनों में करीब 64 टन सोना भारत वापस लाया यानी ऑनशोरिंग की है. इस कदम का उद्देश्य देश के गोल्ड रिजर्व को विदेशों की बजाय अपने देश में सुरक्षित रखना है.

भारत के पास अब 880.8 टन सोना

सितंबर 2025 के अंत तक, भारत के पास कुल 880.8 टन सोना है. इसमें से 575.8 टन सोना भारत में ही रखा गया है, जबकि 290.3 टन अभी भी Bank of England और Bank of International Settlements (BIS) की कस्टडी में है. इसके अलावा, 14 टन सोना RBI के गोल्ड डिपॉजिट्स के रूप में है. गौरतलब है कि मार्च 2023 के बाद से अब तक RBI ने करीब 274 टन सोना विदेशों से भारत लाया है. यह प्रक्रिया रूस-यूक्रेन युद्ध और अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद और तेज हुई, जब G7 देशों ने रूस और अफगानिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार (FX reserves) को जब्त कर लिया था.

रिजर्व में बढ़ा सोने का हिस्सा

तेजी से बढ़ती सोने की कीमतों ने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में इसकी हिस्सेदारी को बढ़ाकर 13.9 फीसदी तक पहुंचा दिया है. सितंबर 2025 के अंत तक भारत के पास USD 579.18 बिलियन के कुल विदेशी मुद्रा भंडार हैं, जिनमें USD 489.54 बिलियन सिक्योरिटीज में निवेश, USD 46.11 बिलियन अन्य केंद्रीय बैंकों और BIS में जमा और USD 43.53 बिलियन वाणिज्यिक बैंकों में डिपॉजिट के रूप में हैं.

मार्च 2025 की स्थिति

मार्च 2025 के अंत तक RBI के पास 879 टन सोना था, जिसमें से 512 टन भारत में और 348.6 टन विदेशी संस्थानों (Bank of England और BIS) के पास था. यानी RBI लगातार अपने सोने को देश में लाने की दिशा में काम कर रहा है. RBI ने कहा है कि वह अपने रिजर्व मैनेजमेंट में डायवर्सिफिकेशन लाने और नए निवेश विकल्पों की खोज करने के लिए कुछ हिस्सा बाहरी एसेट मैनेजर्स के जरिए मैनेज कर रहा है. यह सब RBI Act, 1934 के तहत अनुमत प्रावधानों के अनुरूप किया जा रहा है.

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