अमेरिका-चीन के झगड़े के बीच भारतीय रुपये हुआ मजबूत, RBI दखल और विदेशी निवेश से भी मिला सपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय बाजार में उथल-पुथल के बीच सोमवार को भारतीय मुद्रा ने अप्रत्याशित मजबूती दिखाई. जानकारों का कहना है कि इस बार रुपये की चाल के पीछे कई दिलचस्प वजहें हैं, कुछ घरेलू, कुछ वैश्विक. आखिर क्या बदला जिसने डॉलर की रफ्तार को रोक दिया? पूरी कहानी पढ़िए यहां.

सोमवार को भारतीय रुपये में मामूली मजबूती देखने को मिली. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया पांच पैसे चढ़कर 88.67 पर बंद हुआ. इस बढ़त के पीछे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की दखलअंदाजी और ताजा विदेशी फंड इंफ्लो का हाथ रहा. हालांकि, अमेरिका-चीन के बीच नए सिरे से बढ़ते व्यापार तनावों ने रुपये की रफ्तार पर थोड़ी लगाम भी लगाई.
व्यापार तनाव के बीच सीमित बढ़त
फॉरेक्स बाजार में रुपया दिन की शुरुआत 88.75 के स्तर से हुई और कारोबार के दौरान यह 88.57 से 88.79 के दायरे में रहा. अंत में यह 88.67 प्रति डॉलर (प्रोविजनल) पर बंद हुआ. इससे पहले शुक्रवार को रुपया सात पैसे मजबूत होकर 88.72 पर बंद हुआ था. विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच नए टैरिफ विवाद से वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति बढ़ी है, जिससे रुपये की बढ़त सीमित रही.
अमेरिका ने चीन पर 100 फीसदी तक नए शुल्क लगाने की धमकी दी है. यह फैसला तब आया जब चीन ने पिछले सप्ताह दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर नियंत्रण की घोषणा की थी. ऐसे में बाजारों में फिर से व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है.
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता से बढ़ी उम्मीदें
ट्रेडर्स के अनुसार, रुपये को कुछ सहारा इस उम्मीद से भी मिला है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताओं में प्रगति हो रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हफ्ते भारत के वरिष्ठ अधिकारी अमेरिकी प्रतिनिधियों से मुलाकात के लिए रवाना होंगे. पिछले महीने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में न्यूयॉर्क में हुई बैठक के बाद दोनों देशों ने जल्द एक पारस्परिक लाभदायक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में काम जारी रखने पर सहमति जताई थी.
बाजार और वैश्विक संकेत
मिराए एसेट शेयरखान के विश्लेषक अनुज चौधरी ने पीटीआई के हवाले से कहा कि अमेरिका में सरकारी कामकाज बंद होने की आशंका और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से रुपये को और मजबूती मिल सकती है. हालांकि, वैश्विक बाजारों में बढ़ते जोखिम के चलते तेज उछाल की संभावना सीमित रहेगी.
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इसी बीच, डॉलर इंडेक्स 0.13 फीसदी बढ़कर 99.10 पर रहा, जबकि ब्रेंट क्रूड 1.90 फीसदी बढ़कर 63.91 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. शेयर बाजार में हल्की गिरावट रही. सेंसेक्स 173 अंक गिरकर 82,327.05 पर और निफ्टी 58 अंक टूटकर 25,227.35 पर बंद हुआ.
RBI के आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में 276 मिलियन डॉलर घटकर 699.96 अरब डॉलर पर आ गया.
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