टाटा संस में 18% हिस्सेदारी रखने वाला ग्रुप करेगा ये काम, कर्ज के बोझ से दबा है इंफ्रास्ट्रक्चर समूह
SP Group Debt: इंफ्रास्ट्रक्चर के इस समूह ने मौजूदा निवेशकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. समूह यह पता लगाना चाहता है कि निवेशक अपना अभी अभी चाहते हैं या फिर अप्रैल में निर्धारित मैच्योरिटी अवधि के दौरान वे भुगतान चाहते हैं. ग्रुप भारत के सबसे वैल्यूएबल समूह, टाटा समूह की नॉन-लिस्टेड होल्डिंग कंपनी, टाटा संस में 18.37 फीसदी हिस्सेदारी रखता है.
SP Group Debt: शापूरजी पलोनजी (SP) समूह अगले कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में 2.5 अरब डॉलर (करीब 22,000 करोड़ रुपये) जुटाएगा, ताकि महंगे मौजूदा कर्ज को चुकाया जा सके. इसके लिए, इंफ्रास्ट्रक्चर के इस समूह ने मौजूदा निवेशकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. समूह यह पता लगाना चाहता है कि निवेशक अपना रीपमेंट अभी चाहते हैं या फिर अप्रैल में निर्धारित मैच्योरिटी अवधि के दौरान वे भुगतान चाहते हैं. फंड रेजिंग का उद्देश्य मौजूदा हाई कॉस्ट वाले कर्ज में से 1.7 अरब डॉलर (15,000 करोड़ रुपये) को चुकाना है. एनालिस्ट समूह की यूनिट गोस्वामी इंफ्राटेक में कैपिटल रिस्ट्रक्चरिग प्रोसेस को दूसरा चरण बता रहे हैं.
ईटी ने इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सोर्स के हवाले से लिखा, ‘रीफाइनेंसिंग दूसरा चरण है, जो पहली तिमाही का इवेंट है. पहला चरण संशोधन प्रक्रिया है, जिससे निवेशकों को यह पुष्टि करने का मौका मिलता है कि वे दिसंबर में रीपेमेंट चाहते हैं या जारी रखना चाहते हैं.’ इसलिए, समूह ने मौजूदा बॉन्ड की संशोधित शर्तों के साथ मौजूदा निवेशकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है.
15000 करोड़ रुपये का बकाया
मूल रूप से दिसंबर 2025 में ऑप्शनल रीपेमेंट के लिए निर्धारित, कंपनी ने वैकल्पिक रिडेम्पशन डेट को अप्रैल 2026 में फाइनल मैच्योरिटी के साथ एलाइन करने का प्रस्ताव दिया है. गोस्वामी फैसिलिटी, जिसे जून 2023 में 18.75 फीसदी यील्ड पर जुटाया था, को आंशिक रूप से एफकॉन्स लिस्टिंग और गोपालपुर पोर्ट और धरमतर पोर्ट्स जैसे पोर्ट ऐसेट्स के मॉनेटाइजेशन से जुटाई गई धनराशि के माध्यम से चुकाया गया था. लगभग 1.7 अरब डॉलर, यानी 15,000 करोड़ रुपये का बकाया है.
रीपेमेंट और रीफाइनेंस प्लान को किया जा रहा फाइनल
डॉयचे बैंक, जिसने 2020 में गोस्वामी फाइनेंसिंग की व्यवस्था की थी, इस लेनदेन का समर्थन कर रहा है ताकि बाहर निकलने का विकल्प चुनने वाले किसी भी निवेशक के लिए रीपेमेंट सुनिश्चित किया जा सके. एसपी ग्रुप रीपेमेंट और रीफाइनेंस योजना को अंतिम रूप दे रहा है.
सूत्र के अनुसार, शर्तों या अनुबंधों में कोई बदलाव नहीं है और यह केवल विकल्प की तारीख और मैच्योरिटी अलाइमेंट है. निवेशकों के पास या तो रीपेमेंट प्राप्त करने या निवेशित बने रहने का विकल्प है.
गोस्वामी बॉन्ड्स ग्लोबल फंड्स में व्यापक रूप से रखे जाते हैं, जिनमें टॉप निवेशक शामिल हैं. इसमें डॉयचे बैंक, सेरेब्रस, वर्डे, फैरलॉन, डेविडसन केम्पेनर और अन्य शामिल हैं, जिन्होंने पहले के चरणों में भाग लिया था.
टाटा संस में 18 फीसदी हिस्सेदारी की वैल्यू
एसपी ग्रुप भारत के सबसे वैल्यूएबल समूह, टाटा समूह की नॉन-लिस्टेड होल्डिंग कंपनी, टाटा संस में 18.37 फीसदी हिस्सेदारी रखता है. टाटा समूह की लिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी के आधार पर, टाटा संस में एसपी ग्रुप की हिस्सेदारी की वैल्यू 3 लाख करोड़ रुपये (35 अरब डॉलर) से अधिक है.
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