चीन के रेयर अर्थ मटेरियल ‘बम’ का पहला शिकार बनी सुजुकी, बंद करना पड़ा स्विफ्ट का प्रोडक्शन
चीन ने रेयर अर्थ मटेरियल सप्लाई चेन को हथियार बना लिया है. दुनियाभर में ऑटोमोबाइल कंपनियां चीन के इस हथियार के निशाने पर हैं. जापान की सुजुकी मोटर्स चीन के अर्थ मटेरियल बम का पहला शिकार बनी है, जिसे स्विफ्ट का प्रोडक्शन बंद करना पड़ा है.

चीन ने अप्रैल में 7 ऐसे मेटल्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनसे कार, मोबाइल और तमाम तरह के इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट का प्रोडक्शन प्रभावित हो सकता है. चीन के इस कदम से भारत की तमाम कार कंपनियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन, सबसे बड़ा खामियाजा जापान में सुजुकी को उठाना पड़ा है. निक्केई एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक सुजुकी ने जापान में स्विफ्ट के प्रोडक्शन को बंद कर दिया है.
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
निक्केई एशिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि जापानी ऑटोमेकर ने कंपोनेंट की कमी का हवाला देते हुए 26 मई से 6 जून तक स्विफ्ट सबकॉम्पैक्ट के उत्पादन को रोकने का ऐलान किया है. रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि सुजुकी मोटर ने चीन से रेयर अर्थ मटेरियल्स की आपूर्ति बाधित होने की वजह स्विफ्ट का उत्पादन रोका है. इस तरह चीन के निर्यात प्रतिबंध से प्रभावित होने वाली यह पहली जापानी कार कंपनी बन गई है. हालांकि, निक्केई बिजनेस डेली की रिपोर्ट के मुताबिक सुजुकी ने उत्पादन रोकने की आधिकारिक घोषणा में किसी कारण का जिक्र नहीं किया है.
चीन ने क्या फैसला किया?
4 अप्रैल को चीन ने 7 ऐसे रेयर अर्थ मटेरियल के निर्यात पर कई तरह की पाबंदियां लगा दीं, जिनका इस्तेमाल दुनियाभर में ऑटोमेकर्स, एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरर्स, सेमीकंडक्टर और मिलिट्री प्रोडक्शन में होता है.
किन मटेरियल पर लगा बैन
चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा और अप्रसार संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए टेरबियम, यिट्रियम, डिस्प्रोसियम, गैडोलीनियम, ल्यूटेशियम, सैमरियम, स्कैंडियम के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
क्या भारत पर भी होगा असर?
SIAM यानी सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ने अप्रैल की शुरुआत में ही कहा था कि चीन की तरफ से रेयर अर्थ मटेरियल्स पर लगाए गए बैन का असर हो सकता है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास जून के आखिर तक प्रोडक्शन जारी रखने तक ऐसे मेटल्स का स्टॉक है. अगर जल्द ही इसका कोई वैकल्पिक समाधान नहीं निकाला गया, तो उत्पादन ठप हो सकता है.
क्या होगा आम उपभोक्ता पर असर?
अगर जापान की तरह भारत में भी कारों का उत्पादन ठप होता है, तो कार खरीदारों को लंबे वेटिंग टाइम का सामना करना पड़ेगा. इसक अलावा कारों की कीमत भी बढ़ सकती है. खासतौर पर इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है.
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