UK ने भारत की नायरा एनर्जी और रूस की 90 कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध, यूक्रेन वार फंडिंग रोकने का दावा

ब्रिटेन ने रूस की 90 कंपनियों और भारत की नायरा एनर्जी पर नए प्रतिबंध लगाए हैं. ब्रिटेन का दावा है कि उसके इस कदम से यूक्रेन में जारी युद्ध को रोकने में मदद मिलेगी. क्योंकि, इससे रूस को ऑयल और गैस से मिलने वाला फंड घटेगा. वहीं, भारत की नायरा एनर्जी पर आरोप लगाया गया है कि इसने 2024 में 5 अरब डॉलर से ज्यादा का रूसी तेल खरीदा है.

नायारा एनर्जी Image Credit: GettyImages

ब्रिटिश सरकार ने रूस की 90 कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं. इसके साथ ही भारत की नायरा एनर्जी पर भी प्रतिबंधों की घोषणा की है. ब्रिटिश विदेश मंत्रालय (FCDO) ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा है कि यह कार्रवाई ट्रेजरी के साथ मिलकर की गई है, ताकि रूस को मिलने वाली तेल से होने वाली कमाई पर रोक लगाई जा सके. इसके साथ ही कहा गया है कि ब्रिटेन का यह कदम दिखाता है कि वह पुतिन की फंडिंग लाइनों को काटने के लिए प्रतिबद्ध है.

नायरा एनर्जी पर बढ़ा दबाव

ब्रिटेन ने नायरा एनर्जी पर आरोप लगाया है कि उसने 2024 में 10 करोड़ बैरल यानी 5 अरब डॉलर से ज्यादा का रूसी क्रूड आयात किया. इससे पहले भी यूरोपीय संघ ने कंपनी पर इसी तरह के प्रतिबंध लगाए थे.

नायरा ने क्या जवाब दिया?

Nayara Energy ने ब्रिटिश पाबंदियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कंपनी भारत के सभी कानूनों और नियमों का पालन करती है. हम देश की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. ब्रिटेन और EU के प्रतिबंधों की कोई कानूनी वैधता नहीं है और यह भारत की संप्रभुता का उल्लंघन है.

निशाने पर दिग्गज रूसी कंपनियां

UK के नए प्रतिबंधों में रूस की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनियां Rosneft और Lukoil को भी शामिल किया गया है. दोनों मिलकर रोजाना 31 लाख बैरल तेल का निर्यात करती हैं. इनमें से अकेले Rosneft ही रूस के कुल उत्पादन का करीब आधा और वैश्विक उत्पादन का 6% हिस्सा रखती है.

क्या बोलीं UK की विदेश मंत्री?

यूनाइटेड किंगडम की विदेश मंत्री यवेट कूपर का कहना है कि यह यूक्रेन के लिए निर्णायक समय है. ब्रिटेन और उसके सहयोगी मिलकर पुतिन पर दबाव बना रहे हैं. रूस के तेल, गैस और शैडो फ्लीट पर वार कर रहे हैं. अब तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक रूस युद्ध छोड़कर शांति की राह नहीं चुनता.

क्या Nayara का रूस कनेक्शन?

Nayara Energy में रूस की सरकारी तेल कंपनी Rosneft की 49.13% हिस्सेदारी है, जबकि इतनी ही हिस्सेदारी Kesani Enterprises के पास है, जिसमें इटली का Mareterra Group और रूस की United Capital Partners शामिल हैं. कंपनी के पास भारत में करीब 6,600 फ्यूल स्टेशन हैं और यह देश की तीसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी चलाती है.

EU प्रतिबंधों के बाद की मुश्किलें

जुलाई में EU ने Nayara को अपने 18वें सेंक्शन पैकेज में शामिल किया था. इसके बाद Nayara ने करीब दो हफ्तों तक अपने निर्यात रोक दिए थे. कंपनी के पेट्रोल, डीजल और जेट फ्यूल निर्यात घटकर अगस्त-सितंबर में 80,000 बैरल प्रतिदिन रह गए, जो जनवरी-जुलाई में 1.38 लाख बैरल प्रतिदिन थे. इसके अलावा अब कंपनी रिफाइनरी मेंटेनेंस के लिए जरूरी उपकरण और सामग्री हासिल करने में भी दिक्कत झेल रही है. यूरोपीय आपूर्तिकर्ताओं ने आपूर्ति रोक दी है. इसके लिए नयारा ने भारत सरकार से मदद मांगी है.

शिपिंग और पेमेंट पर असर

EU और UK प्रतिबंधों के बाद नायरा को शिपिंग कॉन्ट्रैक्ट्स और इंश्योरेंस के मोर्चे पर भी दिक्कत हो रही है. कई शिपिंग कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर रही हैं और क्रूड आयात के भुगतान में भी अड़चन आ रही है. कंपनी ने भारतीय बैंकों से मदद मांगी है. सरकार ने UCO Bank को नायरा के विदेशी भुगतान संभालने की अनुमति दी है.