Waaree Energies के मालिक की बल्ले-बल्ले, एक दिन में दौलत डबल, कमा लिए 43000 करोड़

वारी एनर्जी की लिस्टिंग के एक दिन बाद ही हितेश दोशी और उनके परिवार का नाम दुनिया के अमीर लोगों की सूची में शामिल हो गया. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, 514 बिलियन डॉलर के आईपीओ के बाद वारी एनर्जीज के शेयरों में 56 फीसदी की वृद्धि देखी गई जिसके बाद दोशी परिवार की कुल संपत्ति तकरीबन 43,000 करोड़ रुपये की हो गई है.

हितेश दोशी Image Credit: @instagram/waaree.group

हितेश चिमनलाल दोशी. इन्होंने साल 1985 में अपने एक रिश्तेदार से 5,000 रुपये का कर्ज लिया था. तब शायद उन्होंने भी ये नहीं सोचा होगा कि सौर क्षेत्र में एक दिन वो भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक वारी एनर्जीज को लीड करेंगे. बीते सोमवार, 28 अक्टूबर को मुंबई में सौर सेल बनाने वाली कंपनी वारी एनर्जीज लिमिटेड की लिस्टिंग हुई जिसके बाद दोशी और उनका परिवार दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल हो गए.

दुनिया के सबसे अमीर परिवारों की सूची में शामिल

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, 514 बिलियन डॉलर के आईपीओ के बाद वारी एनर्जीज के शेयरों में 56 फीसदी की वृद्धि देखी गई जिसके बाद दोशी परिवार की कुल संपत्ति तकरीबन 43,000 करोड़ रुपये की हो गई है. बता दें कि ये आंकड़ा, कंपनी के लिस्ट होने से पहले की तुलना में दोगुनी है. वहीं जब कंपनी के प्रवक्ता से इस बाबत टिप्पणी लेनी चाही गई तो उन्होंने इनकार कर दिया. वारी एनर्जीज, भारत में 12,000 मेगावाट की क्षमता के साथ सबसे बड़ी सौर मॉड्यूल निर्माता है. कंपनी के राजस्व में ज्यादा हिस्सा अमेरिका के एक्सपोर्ट से आता है. कंपनी का कहना है कि वो आईपीओ के पैसे से 2,800 करोड़ रुपये का इस्तेमाल ओडिशा में 6 गीगावाट के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को बनाने में खर्च करेगी.

कैसी रही शुरुआती जीवन?

दोशी का जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई के बाद दोशी ने 1985 में मुंबई विश्वविद्यालय के श्री चिनॉय कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स में एडमिशन लिया. इसी दौरान उन्होंने अपने पिता की वित्तीय परेशानियों से जूझते देख कर अपने एक रिश्तेदार से 5,000 रुपये का उधार लिया और जीवन का पहला बिजनेस शुरू किया. कॉलेज खत्म होने के बाद दोशी ने बिजनेस की नई यूनिट बनाने के उद्देश्य से बैंक से 1,50,000 रुपये का कर्ज लिया. धीरे-धीरे बिजनेस बढ़ता गया. उनका सबसे बड़ा ऑर्डर यूएस और यूरोप के कुछ क्लाइंट्स से आया. स्थानीय न्यूज प्रोवाइडर ‘योर स्टोरी’ की 2021 के एक रिपोर्ट के मुताबिक 2007 में जर्मनी में एक बिजनेस की यात्रा के दौरान दोशी सौर ऊर्जा के कमाल से काफी चकित हो गए. उसके बाद ही दोशी ने अपना पूरा ध्यान सोलर एनर्जी की ओर कर दिया. उन्होंने अपने गांव के वारी मंदिर के नाम पर कंपनी का नाम वारी एनर्जी रखा.